शिमला में किसानों ने विधानसभा का घेराव किया:जमीन से बेदखली के खिलाफ प्रदर्शन; सीएम बोले- सरकार साथ खड़ी

हिमाचल प्रदेश में किसानों की जमीनों से बेदखली के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू हो गया है। शिमला में बजट सत्र के दौरान हजारों किसानों और बागवानों ने विधानसभा का घेराव किया। इस दौरान किसानों ने बेदखली के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और किसान नेताओं ने जमकर हमला बोला। किसानों बागवान नेताओं के आग्रह पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं प्रदर्शन में पहुंच गए। मुख्यमंत्री ने किसानों को संबोधित किया और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है। उन्होंने कहा कि वह खुद किसान परिवार से आते हैं। वह किसानों का दर्द समझते है। सरकार किसानों और बागवानों को उनकी जमीनों से बेदखल नहीं होने देगी। इस मामले में हर संभव मदद करेगी उनकी सरकार किसानों के साथ खड़ी है। इस दौरान बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी व शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी उनके साथ रहे। ठियोग के पूर्व विधायक और किसान नेता राकेश सिंघा ने कहा कि प्रदेश में गरीब किसानों की रोजी-रोटी खतरे में है। कोर्ट के आदेशों की आड़ में किसानों को बेदखल किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से किसानों की रक्षा की मांग की है। सिंघा ने स्पष्ट चेतावनी दी कि सरकार चाहे किसानों की रक्षा करे या न करे, किसान अपनी रक्षा खुद करेंगे। वे सरकार को अपनी रक्षा करने के लिए मजबूर कर देंगे। उन्होंने कहा कि किसान अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेंगे।

Mar 20, 2025 - 16:00
 60  20402
शिमला में किसानों ने विधानसभा का घेराव किया:जमीन से बेदखली के खिलाफ प्रदर्शन; सीएम बोले- सरकार साथ खड़ी
हिमाचल प्रदेश में किसानों की जमीनों से बेदखली के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू हो गया है। शिमला में बजट

शिमला में किसानों ने विधानसभा का घेराव किया: जमीन से बेदखली के खिलाफ प्रदर्शन

इन दिनों शिमला में किसानों ने अपनी गतिविधियों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया है। किसानों ने विधानसभा का घेराव किया, जिससे सरकार के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण बन गई। यह प्रदर्शन उस समय हुआ जब सरकार की ओर से कुछ जमीनों से बेदखली की योजनाओं का ऐलान किया गया। किसानों का कहना है कि उनकी फसल और जमीनें उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं और किसी भी तरह की बेदखली उनके अस्तित्व को खतरे में डाल सकती है।

सीएम का किसानों के प्रति आश्वासन

इस दौरान मुख्यमंत्री ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए तत्पर है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सरकार किसानों के हक में फैसला करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं को गंभीरता से लिया जाएगा और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

किसानों की मांगें और मुद्दे

किसानों ने बेदखली के खिलाफ कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। उनकी मांगों में मुख्य रूप से यह बात शामिल थी कि सरकार उनकी कृषि भूमि की रक्षा करे और फसलों के लिए उचित मुआवजा सुनिश्चित करे। इसके अलावा, किसानों ने पुरानी भूमियों पर अधिकार को बनाए रखने का अनुरोध किया, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके।

यह प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि किसानों की आवाज़ को अनसुना नहीं किया जा सकता। उनका उद्देश्य केवल अपनी भूमि को बचाना नहीं, बल्कि अपने भविष्य को भी सुरक्षित रखना है।

आगे की स्थिति

शिमला में हुई इस घटना ने सरकार के सामने एक बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है। क्या सरकार किसानों के अधिकारों की रक्षा में सक्षम होगी? किसानों का यह घेराव एक समय पर सरकार को सजग करने के लिए है, जिससे भूमि संरक्षण एवं कृषि नीतियों पर रुख सुधारने की दिशा में कदम उठाए जा सकें।

किसानों की यह संघर्ष उनकी एकजुटता और दृढ़ता को प्रदर्शित करता है। आगे चल कर क्या सरकार उनकी मांगों को सुनकर कोई ठोस कदम उठाएगी, यह देखना बाकी है।

किसानों की स्थिति को समझने और उनके मुद्दों पर चर्चा करने के लिए, अधिक अपडेट के लिए indiatwoday.com पर विजिट करें। Keywords: शिमला में किसानों का घेराव, जमीन बेदखली के खिलाफ प्रदर्शन, सीएम का आश्वासन, किसान आंदोलन, कृषि मुद्दे, शिमला विधानसभा घेराव, किसान अधिकार, भूमि संरक्षण, सरकार की नीति, खेती से संबंधित समस्याएं.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow