शिमला में गोल्ड लोन के नाम पर धोखाधड़ी:यूको व ICICI बैंक से 59 लाख लिया कर्ज, 6 लोगों पर केस दर्ज
हिमाचल प्रदेश के शिमला में गोल्ड लोन के नाम पर दो प्रमुख बैंकों के साथ धोखाधड़ी के 2 अलग अलग मामले सामने आए। क्षेत्र के यूको बैंक और ICICI बैंक में कुल 59 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की गई है। बैंक अधिकारियों के तरफ से पुलिस में 6 लोगों के खिलाफ शिकायत दी गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। यूको बैंक मैनेजर गुरप्रीत सिंह की शिकायत के अनुसार, पांच लोगों ने मिलकर बैंक से 55 लाख 45 हजार 500 रुपये का गोल्ड लोन लिया। आरोपियों ने बार-बार नोटिस देने के बाद भी रुपयाें का भुगतान नहीं किया। बैंक की तरफ से आरोपी वासुदेव पाठक, बसंत लाल, विकास कुमार, अंकिता और चंद्र दास के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया गया है। सोना खरीदने के नाम पर लिया कर्ज वहीं दूसरे मामले में ICICI बैंक मैनेजर मनीष शर्मा ने सुरेंद्र कालटा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। आरोपी सुरेंद्र ने सोना खरीदने के लिए बैंक से 3 लाख 83 हजार 400 रुपये का कर्ज लिया था। बैंक की तरफ से बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद आरोपी ने लोन की राशि का भुगतान नहीं किया। बैंक अधिकारियों की तरफ से आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है। 6 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज पुलिस ने दोनों बैंक अधिकारियों की शिकायत पर 6 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। दोनों बैंकों में कुल मिलाकर 59 लाख 28 हजार 900 रुपये की धोखाधड़ी की गई है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

शिमला में गोल्ड लोन के नाम पर धोखाधड़ी
शिमला में हाल ही में गोल्ड लोन के मामले में धोखाधड़ी का एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें यूको और ICICI बैंक से करीब 59 लाख रुपये का कर्ज लिया गया। यह मामला इन्वेस्टिगेशन के दौरान सामने आया है, जब बैंक अधिकारियों ने विभिन्न लेन-देन की जांच की। इस घटना ने बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा और जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जो इस धोखाधड़ी में शामिल हैं।
धोखाधड़ी की प्रक्रिया
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने अपने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर गोल्ड लोन के लिए आवेदन किया। इस दौरान, उन्होंने बैंक को यह विश्वास दिलाया कि उनके पास काफी मात्रा में सोना है, जबकि वास्तविकता में उनके पास कुछ नहीं था। इस तरीके से फंड इकट्ठा करने के लिए उन्होंने विशेष रूप से धोखाधड़ी के कई बड़े उपायों को अपनाया।
पुलिस की कार्रवाई
बैंक अधिकारियों की शिकायत के बाद, पुलिस ने जांच शुरू की और इस धोखाधड़ी में शामिल 6 लोगों पर केस दर्ज किया। पुलिस ने यह बताया कि ये लोग पहले भी इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में शामिल रहे हैं। अब इन लोगों की गिरफ़्तारी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैंकिंग सुरक्षा पर प्रभाव
यह घटनाक्रम बैंकिंग सुरक्षा के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आया है। ग्राहकों और बैंकों को इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी प्रकार के लोन के लिए आवेदन करते समय दस्तावेजों की जांच कर लें।
इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि बिना सही चेकिंग और सुरक्षा प्रक्रियाओं के बैंकिंग प्रणाली में धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हो सकती है।
अंत में, हम सभी को इस घटना से सीख लेनी चाहिए और हमेशा सतर्क रहना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए, 'News by indiatwoday.com' पर पुनः जांच करें। Keywords: शिमला गोल्ड लोन धोखाधड़ी, यूको बैंक धोखाधड़ी मामला, ICICI बैंक ऋण जालसाज़ी, बैंक धोखाधड़ी में केस दर्ज, शिमला में कर्ज धोखाधड़ी, गोल्ड लोन जालसाजी, शिमला पुलिस कार्रवाई, सोने के लोन की सुरक्षा, बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले, शिमला में गोल्ड लोन धारक।
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