शिमला से लापता नाबालिग 2 दिन में मिला:ट्यूशन के बहाने घर से निकला था, मंडी के सुंदरनगर से बरामद

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निचार तहसील के रामनी गांव से लापता हुए एक नाबालिग को पुलिस ने मंडी जिले के सुंदरनगर से बरामद कर लिया है। नाबालिग विराज 6 फरवरी को ट्यूशन जाने के बहाने घर से निकला था और वापस नहीं लौटा। परिजनों ने 7 फरवरी को झांकड़ी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने माता-पिता के सुपुर्द किया डीएसपी रामपुर नरेश शर्मा ने बताया कि नाबालिग के पिता मीना राम (पुत्र ज्ञान चंद) की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की गई। पुलिस ने डिजिटल और मानवीय संसाधनों का उपयोग करते हुए दो दिन के भीतर नाबालिग को सुंदरनगर से ढूंढ निकाला। नाबालिग को सकुशल उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया है। मामले की जांच अभी भी जारी पुलिस अभी यह पता लगाने में जुटी है कि नाबालिग सुंदरनगर क्यों गया और वहां कैसे पहुंचा, मामले की जांच जारी है। इस त्वरित कार्रवाई से पुलिस की सतर्कता और कार्यकुशलता का परिचय मिला है।

Feb 8, 2025 - 20:00
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शिमला से लापता नाबालिग 2 दिन में मिला:ट्यूशन के बहाने घर से निकला था, मंडी के सुंदरनगर से बरामद
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निचार तहसील के रामनी गांव से लापता हुए एक नाबालिग को पुलिस ने मं

शिमला से लापता नाबालिग 2 दिन में मिला

ट्यूशन के बहाने घर से निकला था

शिमला में हाल ही में एक नाबालिग के लापता होने की घटना ने सभी को चौंका दिया। इस नाबालिग ने ट्यूशन के बहाने घर से बाहर निकलकर एक अनजान यात्रा शुरू की। अभिभावकों और स्थानीय लोगों के बीच चिंता की लहर फैल गई, जब उन्होंने देखा कि वह लंबे समय तक घर नहीं लौटा।

मंडी के सुंदरनगर से बरामद

खुशखबरी यह है कि नाबालिग को 2 दिन बाद मंडी के सुंदरनगर से बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नाबालिग को खोजने में पहल की। नाबालिग की सुरक्षा और कल्याण के लिए सभी संबंधित अधिकारियों ने अपना योगदान दिया। उनकी मायूसी और चिंता का सामना करने के बाद, आखिरकार नाबालिग घर लौट आया।

अभिभावकों की चिंताएँ और सुरक्षा उपाय

इस प्रकार की घटनाएँ अभिभावकों के मन में चिंता पैदा कर सकती हैं। ऐसे मामलों से निपटने के लिए सुरक्षा उपायों का महत्व बढ़ जाता है। अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ संवाद स्थापित करने और उन्हें हर स्थिति में सुरक्षित रखने के लिए जागरूक रहना चाहिए। इस मामले ने एक बार फिर से स्त्रियों और बच्चों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को जागरूक किया है।

समुदाय के लोगों को भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। स्थानीय पुलिस और समाजसेवी संगठनों के बीच सहयोग इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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