शेयर और इक्विटी-म्यूचुअल फंड से हुई कमाई पर बचाएं टैक्स:प्रॉफिट बुक करने से टैक्स देनदारी बढ़ने पर घाटे वाले शेयर बेचकर इसे कवर करें
वित्त वर्ष 2025 की क्लोजिंग को अब 30 दिन ही बचे हैं। यह एक महीने टैक्सपेयर्स और निवेशकों के लिए लिए बेहद अहम है। वे ऐसी रणनीतियां अपनाएं जो उनके टैक्स दायित्व को कम करने में मदद कर सकें। टैक्स लॉस हॉर्वेस्टिंग ऐसा ही एक कानूनी तरीका है, जो आपको अपने कैपिटल गेन टैक्स को कम करने और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट रिटर्न को अधिकतम करने की अनुमति देता है। उनका उपयोग करें। ये कैसे काम करता हैं? इसे समझते हैं... टैक्स लॉस हॉर्वेस्टिंग क्या है? ये पोर्टफोलियो में निगेटिव होल्डिंग वाले स्टॉक्स को बेचकर शॉर्ट या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को एडजस्ट करने की बेहद कारगर प्रक्रिया है। ऐसा करके आप टैक्सेबल इनकम कम कर सकते हैं। मान लीजिए, आपने किसी निवेश पर नुकसान उठाया है, लेकिन उसी वित्त वर्ष में दूसरे निवेश पर प्रॉफिट बुक किया है तो आप नुकसान को प्रॉफिट के एवज में एडजस्ट कर सकते हैं। कैपिटल गेन व इसके टैक्स नियम क्या हैं? इक्विटी निवेश यदि 12 महीने से कम समय के लिए है तो उस पर 20% का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। एक साल से अधिक के निवेश पर 1.25 लाख तक प्रॉफिट टैक्स फ्री है। इससे ऊपर की राशि पर 12.5% की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन लगता है। हालांकि डेट फंड से होने वाले लाभ पर आपकी आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है, चाहे होल्डिंग अवधि कुछ भी हो। टैक्स लॉस हॉर्वेस्टिंग कैसे अपनाएं? याद रखें... शॉर्ट टर्म नुकसान को शॉर्ट और लॉन्ग टर्म दोनों तरह के प्रॉफिट से एडजस्ट किया जा सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म निवेश पर नुकसान को केवल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से ही एडजस्ट किया जा सकता हैं। यदि आपके पास शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन है तो उन निवेशों की तलाश करें जो नुकसान में हैं और टैक्सेबल प्रॉफिट को एडजस्ट करने के लिए उन्हें बेचने पर विचार करें। मान लीजिए आपने ₹5 हजार रु. के भाव में 100 स्टॉक खरीदे, लेकिन कीमत गिरकर ₹4 हजार हो गई। यानी एक लाख रुपए का नुकसान हुआ। यदि दूसरे स्टॉक्स से ₹1 लाख का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन है, तो आप इस नुकसान के जरिए 20% शॉर्ट टर्म कैपिटल टैक्स को बचा सकते हैं। मार्केट में हाल में करेक्शन आया है, जिससे आपकी कुछ होल्डिंग नुकसान में हो सकती हैं। 31 मार्च से पहले क्या करना चाहिए? इन दो उदाहरण से समझिए, टैक्स हार्वेस्टिंग कैसे टैक्स कम करती है

शेयर और इक्विटी-म्यूचुअल फंड से हुई कमाई पर बचाएं टैक्स
आज के वित्तीय माहौल में, निवेशकों के लिए यह बेहद आवश्यक हो गया है कि वे अपनी कमाई पर टैक्स का प्रबंधन सही तरीके से करें। भारत में शेयर और इक्विटी-म्यूचुअल फंड निवेश एक प्रमुख साधन बन चुके हैं, लेकिन इससे होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी भी बढ़ जाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि प्रॉफिट बुक करने से टैक्स देनदारी कैसे बढ़ती है और घाटे वाले शेयर बेचकर इसे कैसे कवर किया जा सकता है।
प्रॉफिट बुक करने से टैक्स देनदारी का बढ़ना
जब आप शेयर या म्यूचुअल फंड्स में निवेश करके मुनाफा कमाते हैं, तो उस मुनाफे पर आपको टैक्स चुकाना पड़ता है। खासकर, यदि आप शेयर को एक साल से कम समय में बेचते हैं तो यह शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स के अंतर्गत आता है। इसी तरह, एक साल से अधिक समय के बाद बेचे गए शेयरों पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है। यह महत्वपूर्ण है कि निवेशक अपने निवेश की रणनीति को इस टैक्स प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए तैयार करें।
घाटे वाले शेयरों को बेचना
यदि आपकी निवेश रणनीति के अंतर्गत कुछ शेयर घाटे में चल रहे हैं, तो उन्हें बेचने पर विचार करें। घाटे वाले शेयर बेचकर आप प्रॉफिट बुक करने वाली डील्स से उत्पन्न टैक्स दायित्व को कवर कर सकते हैं। इससे केवल आप अपनी टैक्स देनदारी को कम नहीं करते, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि आप अपने कुल निवेश का सही तरीके से प्रबंधन कर रहे हैं।
टैक्स बचाने की अन्य रणनीतियां
टैक्स बचाने के लिए अन्य कई रणनीतियां भी हैं, जिनका उपयोग निवेशक कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप सेक्शन 80C के अंतर्गत ELSS म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं। ये न केवल टैक्स बचाने में मदद करते हैं, बल्कि लम्बे समय में अच्छा रिटर्न देने वाले होते हैं। इसके अलावा, रियल एस्टेट, पेंशन स्कीम्स और एनएससी जैसी अन्य निवेश विकल्प भी हैं, जो टैक्स बचाने में सहायक होते हैं।
सम्पूर्ण जानकारी: निवेश की रणनीति में संतुलन बनाना और टैक्स के प्रभाव को समझना बहुत जरूरी है। इस प्रकार, शेयर और इक्विटी-म्यूचुअल फंड से हुई कमाई पर टैक्स बचाना संभव है, यदि आप सही समय पर सही निर्णय लेते हैं।
विशेषज्ञों की सलाह है कि आपको अपने निवेश पोर्टफोलियो की नियमित रूप से समीक्षा करनी चाहिए ताकि आप टैक्स दायित्वों को सही तरीके से प्रबंधित कर सकें।
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