शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव का अनुमान:टैरिफ पॉलिसीज से लेकर FII-DII फ्लो तक; यह फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल

शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा, टैरिफ पॉलिसीज, US जॉब्स डेटा, फेड चेयरमैन पॉवेल स्पीच, मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विसेज PMI, ECB इंटरेस्ट रेट डिसीजन, FII-DII फ्लो और अपकमिंग IPO पर बाजार की नजर रहेगी। ऐसे फैक्टर्स जिनसे इस हफ्ते में बाजार की चाल तय होगी... टैरिफ पॉलिसीज ग्लोबल लेवल पर सभी की निगाहें ट्रम्प प्रशासन की टैरिफ पॉलिसीज से जुड़े मामलों पर होंगी। क्योंकि यह पिछले महीनों में भारतीय इक्विटी में गिरावट का एक प्रमुख कारण रहा है। पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने कहा था कि कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ 4 मार्च से लागू होंगे। इसके अलावा ट्रम्प ने 4 मार्च से चीन से आने वाले सामानों पर एडिशनल 10% ड्यूटी लगाने का ऐलान किया है। वहीं यूरोपीय संघ से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की बात कही है, जिससे ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंकाएं बढ़ गई हैं। US जॉब्स डेटा, फेड चेयरमैन पॉवेल स्पीच बाजार की नजर US के जॉब्स डेटा पर रहेगी। जिसमें फरवरी के लिए बेरोजगारी दर, नॉन-फार्म-पेरोल्स और चैलेंजर जॉब्स कट डेटा शामिल है। यह सभी डेटा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती का फैसला करने के लिए महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। हाल ही में आए निराशाजनक आर्थिक आंकड़ों ने जून में दर में कटौती की उम्मीदों को पहले ही बढ़ा दिया है। अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल और अन्य फेड अधिकारियों के बयान सामने आएंगे। इन बयानों में आगे ब्याज दर में कटौती के अलावा ग्रोथ और जॉब्स नंबर्स को लेकर संकेत दिए जाएंगे। मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विसेज PMI, ECB इंटरेस्ट रेट डिसीजन बाजार की नजर अमेरिका, चीन, जापान और यूके समेत कई प्रमुख देशों के फरवरी के लिए मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विसेज PMI के फाइनल डेटा पर रहेगी। इसके अलावा यूरो क्षेत्र के दिसंबर 2024 तिमाही के GDP ग्रोथ के तीसरे अनुमानों पर भी फोकस रहेगा। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, GDP ग्रोथ Q4-2024 में 0.9% थी, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अपरिवर्तित थी। इसके अलावा 6 मार्च को यूरोपीय सेंट्रल बैंक के मॉनेटरी पॉलिसी के फैसलों पर भी नजर रहेगी। इकोनॉमिस्ट को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक ग्रोथ पर फोकस करने के लिए ब्याज दरों में और कटौती करेगा। क्योंकि वे ट्रम्प द्वारा 25% टैरिफ के संकेत के बाद यूरो क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि के बारे में चिंतित हैं। चीन की दो सत्रों की मीटिंग, इन्फ्लेशन बाजार की नजर चीन के विदेश मंत्री और आर्थिक विभागों के प्रमुखों द्वारा की जाने वाली घोषणाओं पर भी रहेगी। यह मीटिंग देश की वार्षिक संसदीय सभा के समापन के बाद होगी, जिसे टू-सेशन के रूप में जाना जाता है। चाइनीज पीपल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस 4 मार्च से शुरू होगी और नेशनल पीपल्स कांग्रेस की मीटिंग 5 मार्च से शुरू होगी। ये दोनों सेशन 9 मार्च को समाप्त होंगे। इसके अलावा चीन 9 मार्च को फरवरी के लिए अपने इन्फ्लेशन और पीपीआई नंबर्स जारी करेगा। डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा 3 और 5 मार्च को फरवरी के लिए HSBC मैन्युफैक्चरिंग PMI और सर्विसेज PMI के आंकड़ों के साथ-साथ 28 फरवरी को समाप्त सप्ताह के लिए फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व के आंकड़ों पर नजर रखी जाएगी। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग PMI जनवरी के 57.7 से फरवरी में गिरकर 57.1 पर आ गई, जबकि सर्विसेज PMI इसी अवधि के 56.5 से बढ़कर 61.1 पर पहुंच गई। FII-DII फ्लो फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स यानी FII पर भी बाजार की नजर रहेगी। FII ने पिछले हफ्ते कैश सेगमेंट में 22,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के शेयर बेचे हैं। हालांकि, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स यानी DII ने न केवल पिछले हफ्ते बल्कि फरवरी में भी FII की निकासी की पूरी भरपाई की है। DII ने इस हफ्ते के दौरान 22,252 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं, जिससे फरवरी में टोटल निवेश 64,853 करोड़ रुपए हो गया। जबकि FII ने इस महीने के दौरान 58,988 करोड़ रुपए की बिकवाली की। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अर्निंग्स ग्रोथ में सुधार और GDP आंकड़ों में और तेजी आने से FII भारत में वापस आ सकते हैं। इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग की बात करें तो मेनबोर्ड सेगमेंट में कोई नया IPO लॉन्च नहीं होगा। वहीं SME सेगमेंट में NAPS ग्लोबल इंडिया का IPO 4 मार्च को ओपन होगा। बालाजी फॉस्फेट्स का IPO 4 मार्च को क्लोज होगा। वहीं बीजासन एक्सप्लोटेक, न्यूक्लियस ऑफिस सॉल्यूशंस, श्रीनाथ पेपर प्रोडक्ट्स और बालाजी फॉस्फेट्स की अगले सप्ताह लिस्टिंग होगी। पिछले हफ्ते सेंसेक्स 2.96% गिरा पिछले हफ्ते सेंसेक्स 2,236.16 अंक यानी 2.96% गिरा है। निफ्टी में भी बीते सप्ताह 420.35 (1.86%) अंक की गिरावट रही। वहीं बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार (28 फरवरी) को सेंसेक्स में 1414 अंकों (1.90%) की गिरावट रही। ये 73,198 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 420 अंक (1.86%) गिरकर 22,124 के स्तर पर बंद हुआ था। BSE स्मॉल कैप में 1,028 अंक (2.33%) की गिरावट रही, यह 43,082 के स्तर पर बंद हुआ। मिड कैप में भी 853 अंक (2.16%) की गिरावट रही, ये 38,592 के स्तर पर बंद हुआ था।

Mar 2, 2025 - 19:59
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शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव का अनुमान:टैरिफ पॉलिसीज से लेकर FII-DII फ्लो तक; यह फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल
शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा, टैरिफ पॉलिसीज, US

शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव का अनुमान

हाल ही में, भारत का शेयर बाजार कई महत्वपूर्ण घटनाओं और खबरों के बीच उतार-चढ़ाव का सामना कर रहा है। इस हफ्ते टैरिफ पॉलिसीज और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) तथा घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) के प्रवाह पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि ये फैक्टर्स शेयर बाजार की चाल को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।

टैरिफ पॉलिसीज का प्रभाव

सरकार द्वारा लागू की गई टैरिफ पॉलिसीज का असर सीधे तौर पर कंपनियों की लाभप्रदता पर पड़ता है। यदि सरकार ने किसी विशेष क्षेत्र में टैरिफ बढ़ाए हैं, तो इससे उस क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है। इसके विपरीत, टैरिफ में कमी से निवेशकों का भरोसा बढ़ सकता है। इसलिए, निवेशकों को टैरिफ पॉलिसी के किसी भी अपडेट पर ध्यान देना चाहिए।

FII-DII फ्लो का महत्व

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) के बीच प्रवाह भी इस हफ्ते के शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यदि FII का प्रवाह बढ़ता है, तो यह बाजार के लिए सकारात्मक संकेत होगा। वहीं, अगर DII ने अपनी बिकवाली बढ़ा दी, तो बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है। इसलिये, निवेशकों को इन प्रवाहों पर नजर रखनी चाहिए।

अन्य महत्वपूर्ण फैक्टर्स

इसके अलावा, ऐसे अन्य फैक्टर्स हैं जैसे आर्थिक डेटा, कंपनियों की तिमाही नतीजे और वैश्विक बाजार की गतिविधियाँ। ये सभी फैक्टर्स भी मिलकर बाजार की दिशा निर्धारित करेंगे। निवेशकों को अपने निवेश निर्णय लेने से पहले इन फैक्टर्स पर विचार करना आवश्यक है।

इस हफ्ते के उतार-चढ़ाव की निगरानी करना महत्वपूर्ण है। सही जानकारी से सुसज्जित होकर, निवेशक सही निर्णय ले सकते हैं और बाजार की चाल को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।

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