श्रीलंका ने 8 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया:2 नौका भी जब्त; बॉर्डर पार कर श्रीलंकाई इलाके में मछली पकड़ने का आरोप

श्रीलंका की नेवी ने रविवार को उसके जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में 8 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है। साथ ही मछली पकड़ने वाली 2 नौकाओं को भी जब्त कर लिया। श्रीलंका सरकार की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि श्रीलंका की नौसेना ने शनिवार रात को मन्रार के उत्तर में विशेष अभियान चला कर इन लोगों को गिरफ्तार किया है। श्रीलंका की नौसेना ने कहा कि 11 जनवरी की रात को भारतीय मछुआरों के एक ग्रुप को अवैध तरीके से लंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ते देखा गया। इसके बाद नेवी ने फास्ट अटैक क्राफ्ट और इनशोर पैट्रोल क्राफ्ट के जरिए इन लोगों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। भारतीय मछुआरों को आगे की कार्रवाई के लिए हाई अथॉरिटी को सौंप दिया गया है। इस साल अब तक 18 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 3 नौकाओं को जब्त किया गया है। कैसे पकड़े जाते हैं मछुआरे भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2024 में श्रीलंका ने रिकॉर्ड 535 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया था, जो 2023 तुलना में लगभग दोगुना है। 29 नवंबर 2024 तक, 141 भारतीय मछुआरे श्रीलंका की जेलों में बंद थे, और 198 ट्रॉलर जब्त किए गए थे। भारतीय हिस्से में मछलियों की संख्या लगातार कम हो रही हैं। ऐसे में फिशिंग के लिए मछुआरे श्रीलंका के आइलैंड (खासकर कच्चाथीवू और मन्नार की खाड़ी) की तरफ जाते हैं। हालांकि वहां तक जाने के रास्ते में इंटरनेशनल समुद्री सीमा पड़ती है, जिसे भारतीय मछुआरों को लांघना पड़ता है। इस सीमा को पार करते ही श्रीलंकन नेवी भारतीय मछुआरों को अरेस्ट कर लेती है। भारतीय इलाकों में क्यों घट रही मछलियां अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण और दशकों से मशीनी ट्रॉलरों के बेतहाशा इस्तेमाल की वजह से भारतीय क्षेत्र में मछलियों की संख्या में कमी आ रही है। मछली की तलाश में समुद्र तल को खुरचने वाले ट्रॉलर मूंगा चट्टानों समेत समुद्र तल में मौजूद मछलियों के आवास को नष्ट कर देते हैं। इससे उनके फर्टिलाइजेशन में दिक्कत आती है। पिछले साल तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले मछुआरों के एक संगठन के अध्यक्ष पी.जेसुराजा ने बताया था कि मछुआरो यह तरह से जानते हैं कि बॉर्डर पार कर मछली पकड़ने पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है या उनकी जान जा सकती है, इसके बाद भी वो सीमा पार करते हैं। अगर मछुआरे बिना मछली पकड़े वापस लौटते हैं तो उनका गुजारा करना मुश्किल हो जाएगा। ट्रॉलर के इस्तेमाल से नष्ट हो रहे कोरल रीफ 1950 के दशक में भारत ने मछली पकड़ने के लिए ट्रॉलर के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि भारतीय मछुआरों की आय में बढ़त तो हुई, लेकिन इससे यहां मौजूद कोरल रीफ बड़े पैमाने पर नष्ट हो गई। इससे मछलियों के जेनेटिक और प्रजाति विविधता में गिरावट आ -गई। बारिश के बदलते पैटर्न और बढ़ते तापमान की वजह से समुद्र में फाइटोप्लांकटन (एक तरह का शैवाल) तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे छोटी मछलियां को सांस लेने में दिक्कत होती है और वो जल्द मर जाती है। इसके अलावा प्लास्टिक प्रदूषण भी मछुआरों के लिए दिक्कत का सबब बनते हैं। दूसरी तरफ श्रीलंका का इलाका मछलियों के मामले में अपेक्षाकृत अधिक समृद्ध है। श्रीलंकाई मछुआरों को डर है कि उनके जलक्षेत्र में भारतीय ट्रॉलरों के आने से मछलियों की तादाद में गिरावट आएगी। -------------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें श्रीलंका के राष्ट्रपति बोले- मुसीबत में भारत ने मदद की:अपनी जमीन का भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने दूंगा, समर्थन करता रहूंगा श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके अपने पहले विदेश दौरे पर भारत आए हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। दिसानायके ने पीएम मोदी को यकीन दिलाया है कि वे अपने देश की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देंगे। यहां पढ़ें पूरी खबर...

Jan 12, 2025 - 18:15
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श्रीलंका ने 8 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया: 2 नौका भी जब्त

श्रीलंका ने हाल ही में 8 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने की सूचना दी है। यह घटना उस समय हुई जब ये मछुआरे अवैध रूप से श्रीलंकाई जल सीमा के अंदर मछली पकड़ने गए थे। इसके साथ ही, श्रीलंकाई अधिकारियों ने दो नौकाओं को भी जब्त किया है, जो भारतीय मछुआरों के पास थीं।

गिरफ्तारी का विवरण

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह गिरफ्तारी श्रीलंकाई नौसेना द्वारा की गई थी, जिन्होंने रडार तकनीक और गश्ती नौकाओं का उपयोग करते हुए भारतीय मछुआरों को पकड़ा। ये मछुआरे श्रीलंकाई जल सीमा में मछली पकड़ने के आरोप में हिरासत में लिए गए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून का उल्लंघन है।

श्रीलंकाई अधिकारियों की कार्रवाई

श्रीलंकाई अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई समुद्री संसाधनों की रक्षा के लिए की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अवैध मछुआरी से सिर्फ उनके देश के मछुआरों को ही नहीं, बल्कि समुद्री जीवों को भी खतरा होता है। यह पहली बार नहीं है कि इस तरह की घटनाएं हुई हैं, बल्कि इस क्षेत्र में यह एक संवेदनशील मुद्दा बनता जा रहा है।

भारत-श्रीलंका संबंधों पर प्रभाव

इस मामले को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच रिश्तों पर असर पड़ सकता है, क्योंकि दोनों देश समुद्री सुरक्षा और सीमा सुरक्षा को लेकर नियमित बातचीत करते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्थित को लेकर चिंता व्यक्त की है और भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी पर श्रीलंकाई सरकार से अधिक जानकारी मांगी है।

इस घटना के बाद, दोनों देशों के बीच समुद्री संसाधनों के रख-रखाव और संरक्षण पर ध्यान देने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। अनुशासन और सहयोग से ही इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता है।

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