श्रीलंकाई नौसेना की गोलीबारी में 5 भारतीय मछुआरे घायल:भारत ने उच्चायुक्त को तलब किया, कहा- इस तरह के एक्शन बर्दाश्त नहीं
श्रीलंकाई नेवी ने मंगलवार सुबह 13 भारतीय मछुआरों पर फायरिंग कर दी। इसमें 5 मछुआरे घायल हो गए। ये सभी डेल्फ्ट द्वीप के पास मछली पकड़ने गए थे। यह द्वीप श्रीलंका के अधिकार में हैं। इन मछुआरों का श्रीलंका के जाफना टीचिंग हॉस्पिटल में इलाज हो रहा है। भारत सरकार ने फायरिंग को गंभीर मानते हुए श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब किया और घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने घायल मछुआरों से अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने मछुआरों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की है। भारत बोला- मछुआरों से जुड़े मुद्दे मानवीय तरीके से निपटाए जाएं भारतीय उच्चायोग ने कोलंबो में श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के सामने इस मामले को उठाया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने हमेशा मछुआरों से जुड़े मुद्दों को मानवीय तरीके से निपटाने पर जोर दिया है। इसमें आजीविका से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी भी हालत में बल प्रयोग स्वीकार्य नहीं किए जाएंगे। इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा सहमति का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। भारत-बांग्लादेश के बीच गहराया मछुआरे से जुड़ा मुद्दा मछुआरों का मुद्दा दोनों देशों के लिए विवादास्पद बना हुआ है। भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2024 में श्रीलंका ने रिकॉर्ड 535 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया था, जो 2023 तुलना में लगभग दोगुना है। 29 नवंबर 2024 तक, 141 भारतीय मछुआरे श्रीलंका की जेलों में बंद थे, और 198 ट्रॉलर जब्त किए गए थे। क्यों पकड़े जा रहे भारतीय मछुआरे भारतीय हिस्से में मछलियों की संख्या लगातार कम हो रही हैं। ऐसे में फिशिंग के लिए मछुआरे श्रीलंका के आइलैंड (खासकर कच्चाथीवू और मन्नार की खाड़ी) की तरफ जाते हैं। हालांकि वहां तक जाने के रास्ते में इंटरनेशनल समुद्री सीमा पड़ती है, जिसे भारतीय मछुआरों को लांघना पड़ता है। इस सीमा को पार करते ही श्रीलंकन नेवी भारतीय मछुआरों को अरेस्ट कर लेती है। अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण और दशकों से मशीनी ट्रॉलरों के बेतहाशा इस्तेमाल की वजह से भारतीय क्षेत्र में मछलियों की संख्या में कमी आ रही है। मछली की तलाश में समुद्र तल को खुरचने वाले ट्रॉलर मूंगा चट्टानों समेत समुद्र तल में मौजूद मछलियों के आवास को नष्ट कर देते हैं। इससे उनके फर्टिलाइजेशन में दिक्कत आती है। पिछले साल तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में मछुआरों के एक संगठन के अध्यक्ष पी.जेसुराजा ने बताया था कि मछुआरे यह जानते हैं कि बॉर्डर पार कर मछली पकड़ने पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है या उनकी जान जा सकती है, इसके बाद भी वो सीमा पार करते हैं। अगर मछुआरे बिना मछली पकड़े वापस लौटते हैं तो उनका गुजारा करना मुश्किल हो जाएगा। -------------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें श्रीलंका के राष्ट्रपति बोले- मुसीबत में भारत ने मदद की:अपनी जमीन का भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने दूंगा, समर्थन करता रहूंगा श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके अपने पहले विदेश दौरे पर भारत आए हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। दिसानायके ने पीएम मोदी को यकीन दिलाया है कि वे अपने देश की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देंगे। यहां पढ़ें पूरी खबर...

श्रीलंकाई नौसेना की गोलीबारी में 5 भारतीय मछुआरे घायल
हाल ही में, श्रीलंकाई नौसेना की एक गोलीबारी में 5 भारतीय मछुआरे घायल हो गए हैं। यह घटना समुद्र में भारतीय मछुआरों और श्रीलंकाई नौसेना के बीच तनाव का एक नया अध्याय जोड़ती है। भारतीय सरकार इस स्थिति से चिंतित है और इसके परिणामस्वरूप, भारत ने श्रीलंका में अपने उच्चायुक्त को तलब किया है।
घटना का विवरण
एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंकाई नौसेना ने मछली पकड़ने के दौरान भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग घायल हो गए। भारतीय मछुआरे अपनी सामान्य गतिविधियों में लगे थे, जब उन्होंने श्रीलंकाई नौसेना के एक जहाज से गोलीबारी की आवाज सुनी। यह घटना उस समय हुई जब भारतीय मछुआरे अंतरराष्ट्रीय जल सीमा के भीतर थे।
भारत का आधिकारिक प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, भारत ने дипломатिक उपायों का सहारा लिया है। भारत सरकार ने श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ बातचीत शुरू की है और विशेष रूप से इस तरह के कृत्यों को बर्दाश्त न करने की अपनी स्थिति को स्पष्ट किया है।
राष्ट्रों के बीच तनाव का इतिहास
भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सीमाओं को लेकर कई विवाद होते रहे हैं। अक्सर भारतीय मछुआरे श्रीलंकाई जल सीमा के भीतर मछली पकड़ने की कोशिश करते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच टकराव बढ़ता है। इस तरह की घटनाएं न केवल मछुआरों की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि ये दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
इस विशेष मामले में, भारतीय अधिकारियों ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा किए गए इस कार्य की निंदा की है। वे चाहते हैं कि इस विरोधाभास को शीघ्रता से हल किया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जाए।
निष्कर्ष
आगे बढ़ते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश एक-दूसरे के साथ संवाद बनाए रखें और समुद्री क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करें। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
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