संभल में डीएम ने लिखा पुरातत्व निदेशालय को पत्र:ASI की टीम के साथ किया निरीक्षण, 34 तीर्थ व 19 कूप मिले, होगा संरक्षण

संभल के 68 तीर्थ व19 कूपों के अलावा भारतीय पुरातत्व विभाग की इमारतों को संरक्षित करने एवं सौंदर्यकरण के लिए पुरातत्व निदेशालय लखनऊ और दिल्ली को डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया पत्र लिखेंगे। डीएम ने बताया कि सभी तीर्थो और कूपों को ग्राम विकास एवं नगर विकास के माध्यम से पुनरोद्धार किया जाएगा। इमारतों का संरक्षण संभल ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी है, भगवान श्री विष्णु के 10वें अवतार भगवान श्री कल्कि का संभल में अवतार होना है। जनपद संभल में छह इमारतों का भारतीय पुरातत्व विभाग संरक्षण करता है। जिसमें संभल की शाही जामा मस्जिद, फिरोजपुर का किला, सौंधन का किला, सरथल का किला, बैरनी और गुमथल की इमारतें शामिल हैं। ASI के साथ किया था निरीक्षण बीती 25 दिसंबर 2024 को डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने एसपी कृष्ण विश्नोई, एसडीएम वंदना मिश्रा और ASI की दो सदस्यीय टीम के साथ फिरोजपुर किला, क्षेमनाथ मंदिर और पृथ्वीराज चौहान के समय की बावड़ी का निरीक्षण किया था। वहीं 04 जनवरी को डीएम ने अधिकारियों के साथ 500 साल पुराने सौंधन के किले का निरिक्षण किया। हटाया गया अतिक्रमण आपको बता दें कि, डीएम-एसपी के निरीक्षण के बाद फिरोजपुर किले के आसपास से अतिक्रमण हटा दिया गया है। वहीं सौंधन के किले के निकट हुए अतिक्रमण को हटाने के डीएम ने कड़े निर्देश दिए हैं। संभल ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। जिसकी गवाही संभल की प्राचीन इमारतें देती हैं। डीएम का बयान डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि 68 तीर्थ 19 कूप में से कुल 34 तीर्थ 19 कूप चिन्हित कर लिए गए हैं। धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए सभी तीर्थ-कूपों का पुनरोद्धार किया जाएगा। इन सभी धार्मिक स्थलों का विभिन्न विभागों के कन्वर्जन से ग्राम विकास एवं नगर विकास के माध्यम से जो धनराशि सौंदर्यकरण, जल संरक्षण एवं मरम्मत पुनरोद्धार के लिए आती है। उसके माध्यम से पुनरोद्धार कराया जाएगा।

Jan 6, 2025 - 10:05
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संभल में डीएम ने लिखा पुरातत्व निदेशालय को पत्र:ASI की टीम के साथ किया निरीक्षण, 34 तीर्थ व 19 कूप मिले, होगा संरक्षण
संभल के 68 तीर्थ व19 कूपों के अलावा भारतीय पुरातत्व विभाग की इमारतों को संरक्षित करने एवं सौंदर्यकर

संभल में डीएम ने लिखा पुरातत्व निदेशालय को पत्र

नेशनल हेरिटेज और पुरातत्व संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, संभल के जिलाधिकारी ने हाल ही में पुरातत्व निदेशालय को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में, उन्होंने एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की टीम के साथ किए गए निरीक्षण की जानकारी साझा की है।

34 तीर्थ और 19 कूपों का मिला अवलोकन

जिलाधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान 34 तीर्थ स्थानों और 19 कूपों की पहचान की गई है। इन स्थलों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। जिला प्रशासन का मानना है कि इन स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण से क्षेत्रीय संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।

प्रमुख डिजाइन योजनाएं

संरक्षण कार्य की योजना में प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करने के लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे। इसके तहत, तीर्थ स्थानों पर सफाई, सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम, और नियमित निरीक्षण की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।

सामुदायिक सहयोग

जिलाधिकारी ने स्थानीय समुदाय से अपील की है कि वे इस पहलकदमी में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि समाज के सहयोग से ही इन स्थलों की असली पहचान और महत्व को संरक्षित किया जा सकेगा।

संरक्षण कार्य का महत्व

इस संरक्षण कार्य का उद्देश्य न केवल पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा करना है, बल्कि यह स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। इससे आमदनी के नए स्रोत खुलेंगे और स्थानीय संस्कृति को समृद्ध किया जा सकेगा।

समग्रतः, संभल में डीएम के इस कदम से पुरातात्विक धरोहरों के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ेगी और संरक्षण की दिशा में सार्थक प्रयास होंगे।

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