साउथ में दूसरे दिन भी जलसंकट बराकरार:मेट्रो की लापरवाही के चलते 22 मोहल्लों में ठप है जलापूर्ति; 1 लाख आबादी है परेशान
मेट्रो के निर्माण के बीच टूटी वाटर लाइन से करीब 1 लाख आबादी परेशान है। इसका खामियाजा शुक्रवार सुबह भी करीब 1 लाख लोगों को झेलना पड़ रहा है। दक्षिण क्षेत्र के जूही गढ़ा हमीरपुर रोड पर सीवर लाइन का चेंबर बनाने के दौरान मेट्रो के कर्मचारियों ने जलकल की पाइप लाइन और जल निगम की मेन लाइन को बुधवार रात को तोड़ दिया था। चेंबर बनाने का काम किया जा रहा सड़क पर सात फीट गहरा और 20 फीट चौड़ा गड्ढा हो गया। पाइप लाइन टूटने से 22 मोहल्लों के एक लाख से ज्यादा लोगों के सामने पानी का संकट बना हुआ है। जूही गढ़ा, हमीरपुर रोड पर मेट्रो कॉरपोरेशन 10 फीट गहरी सीवर लाइन डालने के बाद चेंबर बना रहा है। जेडपीएस की मुख्य पाइप लाइन टूट गई बुधवार रात काम कर रहे कर्मचारियों से जलनिगम की बारादेवी स्थित राजीव गांधी पार्क जेडपीएस की मुख्य पाइपलाइन टूट गई। इससे बारादेवी, करपात्री नगर, लुधौरा, संत रविदास नगर, जूही, नटवन टोला, जूही गढ़ा, जूही बंबुरहिया, राखी मंडी समेत करीब 22 मोहल्लों का पानी ठप हो गया। करीब एक लाख लोगों को पूरे दिन पानी नहीं मिला। जलकल की पाइप लाइन भी टूट गई इतना ही नहीं लापरवाही के चलते जूही गढ़ा शहीद पार्क वाले ट्यूबवेल की जलकल विभाग की लाइन भी टूट गई। इससे कई इलाकों में पूरा दिन पानी का संकट रहा। शुक्रवार सुबह तक पेजयल व्यवस्था सामान्य होने की उम्मीद हैं। जूही गढ़ा की पार्षद शालू कनौजिया ने बताया कि मेट्रो कॉरपोरेशन ने गंगा बैराज से वाटर सप्लाई की 250 मिमी. व जलकल की 150 मिमी की लाइन क्षतिग्रस्त कर दी।

साउथ में दूसरे दिन भी जलसंकट बरकरार
साउथ भारत के कई हिस्सों में जलसंकट की समस्या धीरे-धीरे गंभीर होती जा रही है। मेट्रो परियोजना की लापरवाही के कारण 22 मोहल्लों में जलापूर्ति ठप हो गई है। इस स्थिति से करीब 1 लाख की आबादी प्रभावित हो रही है। जल संकट का असर न केवल घरेलू जीवन पर बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है।
जलापूर्ति में व्यवधान का कारण
मेट्रो निर्माण कार्य के दौरान की गई लापरवाहियों के चलते पाइपलाइन में रुकावट आई है, जिसके कारण पानी की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस त्रुटि का सुधार समय पर नहीं किया गया, जिससे समस्या और बढ़ गई है। जल संकट का मुख्य कारण यह है कि जलाशयों में जल स्तर कम हो रहा है और इसके चलते लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
स्थानीय निवासियों की चिंताएँ
पानी की कमी से स्थानीय निवासियों में चिंता बढ़ती जा रही है। उन्हें पानी के लिए लम्बी कतारों में लगना पड़ रहा है और कई बार तो पानी मिलना भी मुश्किल हो रहा है। स्कूलों और अस्पतालों में भी पानी की कमी से समस्या उत्पन्न हो रही है। इस संकट के समाधान के लिए स्थानीय संगठन आवाज उठा रहे हैं।
प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि वह जल संकट को हल करने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस योजना नहीं बन पाई है। लोगों को जरूरत है कि प्रशासन जल्दी से जल्दी इस समस्या का समाधान करे, ताकि लोगों को राहत मिल सके।
जल संकट के मामले में स्थिति गंभीर होती जा रही है और उम्मीद है कि संबंधित विभाग जल्द ही इसे लेकर कोई निर्णय लेंगे।
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