स्वतंत्रता सेनानी तिलका मांझी का 240वां शहादत दिवस:केंद्रीय मंत्री बोली- तीर-धनुष से अंग्रेजों से लड़ने वाले वीर को युवा पीढ़ी याद रखेगी
मिर्जापुर में अपना दल एस के भरुहना स्थित सांसद जनसंपर्क कार्यालय पर स्वतंत्रता सेनानी तिलका मांझी का 240वां शहादत दिवस मनाया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने वीर शहीद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तिलका मांझी ने तीर-धनुष के साथ ब्रिटिश शासन के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी और कभी भी समर्पण नहीं किया। उन्होंने बताया कि तिलका मांझी ने न केवल अंग्रेजों बल्कि स्थानीय सामंतों के खिलाफ भी आदिवासियों, दलितों और गरीबों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। कार्यक्रम में प्रदेश सचिव चिकित्सा मंच डॉ. आरके पटेल, दुर्गेश पटेल, रामवृक्ष बिंद समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। नमिता केसरवानी, अर्चना अग्रहरि, मनीषा सिंह, राधिका बेलदार, उदय पटेल, राजकुमार पटेल, शंकर सिंह चौहान, राजेश और वरुण पटेल सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

स्वतंत्रता सेनानी तिलका मांझी का 240वां शहादत दिवस
News by indiatwoday.com
तिलका मांझी: एक वीर स्वतंत्रता सेनानी
भारत की स्वतंत्रता संग्राम में तिलका मांझी का नाम एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनका जीवन और शहादत इस बात का प्रतीक है कि कैसे भारतीय वीरता और साहस के साथ अंग्रेजों के खिलाफ खड़े हुए। इस वर्ष, हम तिलका मांझी के 240वें शहादत दिवस का स्मरण कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि तिलका मांझी ने तीर-धनुष का उपयोग कर अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी, जो आज भी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर युवाओं को तिलका मांझी की वीरता से सीखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज के युवा को तिलका मांझी के साहस और बलिदान को याद रखना चाहिए और अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना चाहिए। उनकी यह प्रेरणा न केवल स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित है, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
तिलका मांझी की विरासत
तिलका मांझी ने अपने जीवन में न केवल स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, बल्कि उन्होंने समाज में व्याप्त विषमताओं के खिलाफ भी आवाज उठाई। उनके योगदान को याद करने के लिए, विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें उनके जीवन पर चर्चा की जाएगी और उनके दिए गए बलिदानों को नमन किया जाएगा। यह दिवस हमारे लिए एक अवसर है कि हम उनकी विरासत को संरक्षित करें और नई पीढ़ी में उनके प्रति सम्मान का भाव विकसित करें।
निष्कर्ष
स्वतंत्रता सेनानी तिलका मांझी का 240वां शहादत दिवस हम सबको याद दिलाता है कि स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्ष का महत्व क्या है। इस अवसर पर हमें उनकी साहसिकता को न केवल याद करना चाहिए, बल्कि अपने जीवन में भी आत्मसात करना चाहिए। चलिए, हम सब मिलकर इस दिन को विशेष बनाते हैं और तिलका मांझी की विचारधारा को आगे बढ़ाते हैं। Keywords: तिलका मांझी का शहादत दिवस, स्वतंत्रता सेनानी तिलका मांझी, तिलका मांझी के योगदान, स्वतंत्रता संग्राम की कहानियाँ, वीरता और साहस, युवा पीढ़ी को प्रेरणा, केंद्रीय मंत्री बयान, तीर-धनुष से लड़ाई, स्वतंत्रता के नायक, भारत का इतिहास, बलिदान की याद, स्वतंत्रता की कहानी, तिलका मांझी की विरासत
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