हमीरपुर में मस्जिद के पास स्थापित महाराणा प्रताप की प्रतिमा:मुस्लिम समाज ने पहले किया था विरोध, जल्द होगा अनावरण
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के सुजानपुर में महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। यह प्रतिमा वार्ड नंबर-4 में मस्जिद के पास बने नवनिर्मित पार्क में लगाई गई है। नगर परिषद के ईओ अजमेर ठाकुर ने बताया कि प्रतिमा को पूर्व निर्धारित स्थान पर ही स्थापित किया गया है। शुरुआत में मुस्लिम सुधार सभा ने मस्जिद के गेट के सामने प्रतिमा लगाने का विरोध किया था। उन्होंने इस संबंध में डीसी हमीरपुर को एक आवेदन भी दिया था। मुस्लिम पक्ष के विरोध का हिंदू संगठनों ने कड़ा एतराज जताया था। एसडीएम को सौंपा था मांगपत्र बता दें कि हिंदू संगठनों ने एसडीएम सुजानपुर को मांगपत्र देकर चयनित जगह पर मूर्ति लगाने की मांग की थी। बाद में मुस्लिम पक्ष ने प्रतिमा स्थापना के लिए सहमति दे दी। उधर विश्व हिंदू परिषद के इकाई उपाध्यक्ष प्रकाश सडयाल ने मूर्ति लगाए जाने का स्वागत किया है। शहर में चल रहा सौंदर्यीकरण का काम सुजानपुर में इन दिनों शहर के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। नगर परिषद पुरातन धरोहरों के संरक्षण के साथ-साथ नए विकास कार्य भी करवा रही है। शहर में सेल्फी पॉइंट बनाए जा रहे हैं और पार्कों का निर्माण किया जा रहा है। प्राचीन जल स्रोतों का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है। नगर परिषद प्रशासन के अनुसार जल्द ही महाराणा प्रताप की प्रतिमा का विधिवत अनावरण किया जाएगा।

हमीरपुर में मस्जिद के पास स्थापित महाराणा प्रताप की प्रतिमा: मुस्लिम समाज ने पहले किया था विरोध, जल्द होगा अनावरण
हमीरपुर में हाल ही में स्थापित महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अनावरण को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है। यह प्रतिमा एक मस्जिद के समीप स्थापित की गई है, जिसके कारण स्थानीय मुस्लिम समाज ने पहले इसका विरोध किया था। अब, इस विवादास्पद प्रतिमा के अनावरण की तिथि निकट आ रही है, जिससे इस क्षेत्र में माहौल और भी गरमाने की संभावना है।
महाराणा प्रताप का महत्व
महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के एक प्रमुख योद्धा माने जाते हैं। उनकी बहादुरी और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष की कहानियाँ आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं। यह प्रतिमा, जिसे हमीरपुर में स्थापित किया गया है, न केवल महाराणा प्रताप की विरासत को जीवित रखने का एक प्रयास है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति का भी एक हिस्सा बनती जा रही है।
समुदाय का विरोध
हालांकि, इस प्रतिमा के स्थापित होने पर मुस्लिम समाज ने विरोध जताया था। उनका तर्क था कि मस्जिद के नजदीक इस तरह की धार्मिक और ऐतिहासिक प्रतीकों का स्थापित होना संगठित समुदाय के बीच तनाव पैदा कर सकता है। पूर्व में किए गए विरोध के बावजूद, अब अनावरण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, जिससे विभिन्न समुदायों के बीच संवाद बढ़ने की उम्मीद है।
आगे का रास्ता
आगामी अनावरण समारोह को लेकर स्थानीय प्रशासन ने सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। सभी समुदायों के साथ संयुक्त रूप से काम करने के लिए एक मंच तैयार किया जा रहा है, जिससे कि इस आयोजन को शांति से संपन्न किया जा सके।
इस प्रतिमा का अनावरण न केवल इतिहास के प्रति सम्मान है, बल्कि यह एक नई शुरुआत का प्रतीक भी बन सकता है। सभी पक्षों के बीच संवाद की जरुरत है, ताकि सांस्कृतिक धरोहर के इस संयोजन को समझा जा सके।
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