हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत पर सुनवाई आज:सरकार पेश करेगी स्टेट्स रिपोर्ट; CBI जांच को हाईकोर्ट जा सकते हैं नेगी के परिजन
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में पूर्व एमडी एवं IAS अधिकारी हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। बीते सोमवार को हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल तक मीणा की बलपूर्वक गिरफ्तारी पर रोक लगाकर राहत दी थी। हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत पर आज हाईकोर्ट कोई फैसला सुना सकता है। इससे पहले पुलिस कोर्ट में अपनी स्टेट्स रिपोर्ट रख सकती है। मीणा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है, क्योंकि विमल नेगी के परिजनों ने IAS हरिकेश मीणा, IAS शिवम प्रताप सिंह और डायरेक्टर देसराज पर विमल नेगी की मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए है। परिजनों के आरोप के बाद FIR इन आरोपों के बाद न्यू शिमला थाना में डायरेक्टर देसराज, एमडी और डायरेक्टर (पर्सनल) के खिलाफ FIR की गई है। अब तक की पुलिस और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की जांच में परिजनों द्वारा लगाए आरोप सही पाए गए है। इससे इन तीनों अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती है। इस वजह से पहले देसराज हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत को पहुंचे। हाईकोर्ट से उनकी अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। अब मीणा अग्रिम जमानत को पहुंचे हैं। 18 मार्च को मिला था देसराज का शव बता दें कि बीते 10 मार्च को विमल नेगी दफ्तर से घर जाने के बजाय टैक्सी में बिलासपुर चले गए थे। 18 मार्च को गोविंद सागर झील में उनका शव मिला था। 19 को एम्स बिलासपुर में पोस्टमार्टम करवाया गया। इसी दिन परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन दफ्तर बीसीएस के बाहर शव के साथ प्रदर्शन किया। इसके बाद ही इस मामले में एफआईआर की गई और देसराज को सस्पेंड किया गया। मोबाइल की तलाश को गोबिंदसागर झील में उतारे गोताखोर अब पुलिस ने मृतक विमल नेगी के फोन को खोजने के लिए गोबिंदसागर झील में गोताखोर उतारे है। पुलिस को उम्मीद है कि विमल नेगी का मोबाइल फोन उनकी मौत के कई राज खोल सकता है। हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं नेगी के परिजन वहीं विमल नेगी के परिजन आज इस केस की सीबीआई जांच की मांग को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं, क्योंकि परिजन को हिमाचल पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है।

हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत पर सुनवाई आज
आज हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत पर सुनवाई होने वाली है, जिसमें सरकार स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने की तैयारी कर रही है। यह सुनवाई न्यायालय में उच्च स्तर पर होने की उम्मीद है, क्योंकि मामला जनता के बीच में चर्चित है। मामले की बारीकी और प्रतिरोधों के मध्य, नेगी के परिजन भी अपनी मांगों को लेकर उच्च न्यायालय जा सकते हैं, जिस पर सभी की नजरें होंगी।
मामले का पृष्ठभूमि
हरिकेश मीणा भारतीय राजनीति में एक चर्चा का विषय बन चुके हैं, उनके खिलाफ चल रही जांच और सीबीआई की कार्रवाई ने स्थिति को और भी पेचीदा बना दिया है। उनके खिलाफ कई आरोप हैं, जिनकी गहराई में जाकर न्यायालय को फैसला लेना होगा। अग्रिम जमानत की आवश्यकता इस लिए भी उठ रही है कि मीणा को बिना किसी आधार के लंबे समय तक रोकना उचित नहीं होगा।
सुनवाई के संभावित परिणाम
आज की सुनवाई में कई संभावित परिणाम हो सकते हैं। यदि अग्रिम जमानत मिलती है, तो इससे न केवल मीणा के लिए राहत होगी, बल्कि उनके समर्थकों के लिए भी यह एक जीत मानी जा सकती है। दूसरी ओर, यदि जमानत खारिज होती है, तो यह उनके खिलाफ मामले के चलते कानूनी शहादत की ओर एक कदम आगे हो सकता है।
नेगी के परिजनों की ओर से प्रतिक्रिया
नेगी के परिजन इस स्थिति को लेकर काफी संवेदनशील हैं और वे न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि सीबीआई जांच में पारदर्शिता से आगे बढ़ना बहुत महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में, नेगी के परिजन उच्च न्यायालय में जाने की योजना बना रहे हैं, जिसे लेकर स्थानीय समुदाय में भारी चर्चा चल रही है।
समाज के हर वर्ग के लिए यह मामला अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो कि न्याय व्यवस्था और राजनीतिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, यह सुनवाई न केवल एक कानूनी प्रक्रिया है, बल्कि इसके सामाजिक और राजनीतिक मायने भी हैं।
अंत में, यह महत्वपूर्ण होगा कि सभी पक्ष अपनी-अपनी बातों को न्यायालय के सामने स्पष्ट रूप से रख सकें और न्यायालय इन बातों को ध्यान से सुने।
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