मस्क ने ट्रम्प के सलाहकार को बेवकूफ बताया:टेस्ला को कार असेंबलर बताने पर भड़के; टैरिफ नीति पर भी असंतोष जताया
टेस्ला के CEO इलॉन मस्क ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सीनियर ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो को बेवकूफ बताया। नवारो ने एक इंटरव्यू कहा था कि मस्क की टेस्ला कंपनी कार निर्माता (मैन्युफैक्चरर) नहीं बल्कि कार असेंबलर है। नवारो ने कहा था कि टेस्ला ने बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और टायर बाहर से इंपोर्ट किए थे। मस्क सस्ते विदेशी पार्ट्स चाहते हैं। नवारो के मुताबिक विदेशों पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगने से ये सभी पार्ट्स महंगे हो जाएंगे। मस्क नवारो के इस बयान से भड़क गए। उन्होंने कहा कि टेस्ला के बारे में नवारो के दावे साफ तौर पर झूठे हैं। टेस्ला के पास सबसे ज्यादा अमेरिका में मैन्युफेक्चर कारें मस्क ने जवाब देते हुए कहा कि टेस्ला के पास सबसे ज्यादा अमेरिका में मैन्युफेक्चर कारें हैं। नवारो ईंटों की बोरी से भी ज्यादा मूर्ख हैं। उन्होंने केली ब्लू बुक के एक आर्टिकल लिंक पोस्ट किया, जिसमें बताया गया था कि टेस्ला व्हीकल के ज्यादातर पार्ट्स अमेरिका में मैन्युफेक्चर होते हैं। नवारो ने सोमवार को CNBC पर कहा था कि ट्रम्प अमेरिका में मैन्युफेक्चरिंग इंडस्ट्री को पुनर्जीवित करना चाहते हैं। अगर आप अभी हमारी ऑटो इंडस्ट्री को देखेंगे तो हम जर्मन इंजन और ट्रांसमिशन के लिए असेंबली लाइन हैं। हम जल्द ऐसी स्थिति में पहुंच जाएंगे जहां अमेरिका फिर से सामान बनाएगा, मजदूरी बढ़ेगी, मुनाफा बढ़ेगा। ट्रम्प की टैरिफ नीति को लेकर असंतोष जाहिर कर चुके हैं नवारो के साथ विवाद से पहले ही मस्क ने ट्रम्प की टैरिफ नीति को लेकर अपना असंतोष जाहिर किया था। उन्होंने सोमवार को टैरिफ विरोधी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वे फ्री मार्केट की तारीफ कर रहे हैं। मस्क ने हाल ही में ट्रम्प से टैरिफ नीति में बदलाव करने की अपील भी की थी, लेकिन ट्रम्प ने इसे वापस लेने से मना कर दिया था। दरअसल इलॉन मस्क, ट्रम्प से जीरो टैरिफ जोन की डिमांड कर रहे हैं। मस्क ने इटली में एक कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अमेरिका और यूरोप को जीरो टैरिफ पॉलिसी अपनानी चाहिए। उन्होंने ट्रम्प की टैरिफ नीति को अव्यवहारिक बताया था। ट्रम्प के पूर्व उपराष्ट्रपति ने टैरिफ को बताया बोझ ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के नेता भी इससे खुश नहीं हैं। मिच मैककोनल, रैंड पॉल, सुसन कोलिन्स व लिसा मुकोंव्स्की ने टैरिफ को 'असंवैधानिक, इकोनॉमी के लिए नुकसानदायक और कूटनीतिक रूप से खतरनाक बताया। ट्रम्प के पूर्व उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने जनता पर बोझ बताया। ट्रम्प के टैरिफ के कारण दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट आई है, क्योंकि निवेशकों का अनुमान है कि इसकी वजह से कंपनियों को लाभ घटेगा। मस्क ने 27 मार्च को एक X पोस्ट में कहा कि उनकी कंपनी भी टैरिफ के असर से अछूती नहीं रहेगी । ट्रम्प के एक अन्य समर्थक, अरबपति फंड मैनेजर बिल एकमैन ने टैरिफ पर रोक लगाने की अपील की है, ताकि बड़े ग्लोबल आर्थिक नुकसान को रोका जा सके। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि मौजूदा योजनाएं गैरजरूरी नुकसान पहुंचाएंगी। जनवरी से मार्च तक मस्क की नेटवर्थ 11 लाख करोड़ रुपए गिरी डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद से ही मस्क कई बड़े नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका और यूरोप में कई जगहों पर उनकी कारों को जलाया गया है। जबकि मार्च महीने में टेस्ला शेयरों में 15% की गिरावट आई थी, जो सितंबर 2020 के बाद से बाजार में उनका सबसे खराब दिन था। कंपनी के मार्केट कैप में करीब 800 अरब डॉलर की कमी आई थी। इसका असर मस्क की नेटवर्थ पर भी पड़ा था। जनवरी 2025 से मार्च तक मस्क के नेटवर्थ में 132 अरब डॉलर यानी करीब 11 लाख करोड़ रुपए की गिरावट आई। इसमें मार्च के एक ही दिन में आई 29 अरब डॉलर की गिरावट भी शामिल थी। आज से दुनिया पर लागू होगा ट्रम्प का जैसे को तैसा टैरिफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल को दूसरे देशों पर लगाया जाने वाला रेसिप्रोकल टैक्स का ऐलान किया था। यह टैरिफ आज से लागू होगा। इसमें भारत पर 26% टैरिफ लगेगा। ट्रम्प ने कहा था कि भारत बहुत सख्त है। मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। ट्रम्प चीन पर 34% लगाया था जो अब बढ़कर 104% हो चुका है, जबकि यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगेगा। अमेरिका ने करीब 60 देशों पर उनके टैरिफ की तुलना में आधा टैरिफ लगाने का फैसला किया। ------------------------------------- यह खबर भी पढ़े... अमेरिका ने चीन पर 104% टैरिफ लगाया:आज से लागू होगा; दो दिन पहले ट्रम्प ने 50% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की धमकी दी थी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की चेतावनी के एक दिन बाद यानी मंगलवार को व्हाइट हाउस ने चीन पर 104% टैरिफ लगाने की पुष्टि की, जो 9 अप्रैल यानी आज से लागू होगा। ट्रम्प ने सोमवार को कहा था कि अगर चीन ने अमेरिका पर लगाया गया 34% टैरिफ वापस नहीं लिया तो उसे पहले से घोषित 34% के अलावा बुधवार से 50% एक्स्ट्रा टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। यहां पढ़ें पूरी खबर...

मस्क ने ट्रम्प के सलाहकार को बेवकूफ बताया:टेस्ला को कार असेंबलर बताने पर भड़के; टैरिफ नीति पर भी असंतोष जताया
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खेल में नई राजनीतिक झड़प
टेस्ला के CEO एलन मस्क ने हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार को न केवल खुलकर आलोचना की, बल्कि अपनी नाराजगी भी व्यक्त की। मस्क यह मानते हैं कि ट्रम्प का सलाहकार टेस्ला को केवल एक कार असेंबलर मानता है, जिससे मस्क का गुस्सा भड़क गया। उनका यह मानना है कि टेस्ला केवल एक असेंबलर नहीं है, बल्कि यह इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में नवाचार और तकनीकी प्रगति का एक बड़ा हिस्सा है।
टैरिफ नीति पर मस्क की चिंता
मस्क ने टैरिफ नीति पर भी असंतोष जताया। उनके अनुसार, कर संरचना और टैरिफ नीति में सुधार की आवश्यकता है ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन और प्रोत्साहन बढ़ सके। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सरकार ईवी उद्योग का समर्थन करना चाहती है, तो उसे नए कर नियम लागू करने चाहिए जो निर्माताओं के लिए अनुकूल हों।
प्रतिक्रिया के असर
मस्क की टिप्पणी के बाद, उद्योग के अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की। कुछ ने मस्क के विचारों का समर्थन किया, जबकि अन्य ने इसे प्रतिक्रियावादी बयान माना। यह बैटल निश्चित ही उद्योग में राजनीतिक और आर्थिक समीकरणों पर असर डाल सकता है।
भविष्य की संभावनाएं
बाहर से देखने पर, यह स्पष्ट है कि इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में बदलाव आ रहे हैं। मस्क की स्थिति और आवाज़ बाजार की प्रतिक्रियाओं को प्रभावित कर सकती है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अमेरिकी सरकार उनके सुझावों पर गौर करती है और उद्योग में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए नई नीतियां बनाती है।
इस प्रकार, एलन मस्क की टिप्पणी न केवल उनके उद्योग के प्रति दृष्टिकोण को दर्शाती है, बल्कि यह राजनीतिक और आर्थिक नीतियों की दिशा को भी प्रभावित कर सकती है।
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