हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदना चाहती है पेप्सिको:न्यूयॉर्क ह्डक्वार्टर के एग्जीक्यूटिव्स ने अग्रवाल परिवार से चर्चा की, टेमासेक और अल्फा वेव भी रेस में
टेमासेक और अल्फा वेव ग्लोबल के बाद अब पेप्सिको भी हल्दीराम स्नैक्स फूड में हिस्सेदारी खरीदना चाहती है। इन बिडर्स की अभी अग्रवाल परिवार के साथ विस्तृत चर्चा चल रही है। बिडर्स हल्दीराम में 10-15% स्टेक हासिल करना चाहते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पेप्सिको के न्यूयॉर्क ह्डक्वार्टर के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में स्टेक हासिल करने के संबंध में अग्रवाल परिवार के सदस्यों के साथ चर्चा शुरू की है। हालांकि ये चर्चाएं शुरुआती चरण में हैं। इससे पहले हिस्सेदारी बिक्री को लेकर मोंडेलेज़, केलॉग्स और टाटा कंज्यूमर के साथ भी चर्चा हुई थी, लेकिन ये चर्चाएं बिना किसी समझौते के खत्म हो गईं। पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंद्रा नूई के साथ हुई बातचीत भी असफल रही थी। वर्ष 24 में हल्दीराम का 12,800 करोड़ रुपए का रेवेन्यू रहा हल्दीराम ने वित्त वर्ष 24 में 12,800 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हासिल किया। कंपनी 500 प्रकार के स्नैक्स, नमकीन, मिठाइयां, रेडी टू ईट और प्री-मिक्स्ड फूड आइटम्स बेचती है। कंपनी का वैल्यूएशन 85,000-90,000 करोड़ रुपए के बीच होने की उम्मीद है। स्नैक मार्केट 13% हिस्सेदारी, 1937 में हुई थी शुरुआत यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, भारत के 6.2 अरब डॉलर के स्नैक मार्केट में हल्दीराम की लगभग 13% हिस्सेदारी है। इसके स्नैक्स सिंगापुर और अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों में भी बेचे जाते हैं। कंपनी के पास लगभग 150 रेस्तरां हैं। इसकी शुरुआत 1937 में एक छोटी सी दुकान से हुई थी। वेस्टर्न स्नैक्स में पेप्सिको 24% हिस्सेदारी के साथ लीडर चिप्स और नाचोस जैसे वेस्टर्न स्नैक्स में, पेप्सिको 24% बाजार हिस्सेदारी के साथ लीडर है। हालांकि, नमकीन, भुजिया और चना चूर जैसे पारंपरिक भारतीय स्नैक्स में इसकी सीमित उपस्थिति है। हल्दीराम के साथ कोलेबोरेशन के माध्यम से पेप्सिको अपने आप को इस सेगमेंट में भी मजबूत करना चाहती हैं। साल 2000 में पेप्सिको ने अंकल चिप्स का अधिग्रहण किया था पेप्सिको ने साल 2000 में अमृत एग्रो लिमिटेड से अंकल चिप्स का अधिग्रहण किया था। जब इसका स्नैक्स डिवीजन फ्रिटो ले के रूप में संचालित होता था। अंकल चिप्स अब एक वैल्यू ब्रांड के रूप में मुख्य रूप से टियर 2 और 3 बाजारों में सर्व करता है। कंपनी ने 2016-17 में वेस्टर्न स्नैक्स कैटेगरी में डोरिटोस नाचोस लॉन्च किया था।

हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदना चाहती है पेप्सिको
न्यूयॉर्क ह्डक्वार्टर के एग्जीक्यूटिव्स ने हाल ही में हल्दीराम के अग्रवाल परिवार के साथ बैठक की है। इस बातचीत का उद्देश्य भारतीय स्नैक्स और मिठाइयों के क्षेत्र में बढ़ते बाजार की संभावनाओं में निवेश करना है। पेप्सिको, जोकि पहले से खाद्य और पेय पदार्थों के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है, हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रही है।
टेमासेक और अल्फा वेव: प्रतिस्पर्धा में शामिल
इसके साथ ही, टेमासेक और अल्फा वेव जैसे अन्य निवेशक भी इस मौके पर नजरें टिकाए हुए हैं। ये दोनों कंपनियाँ बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए हल्दीराम के साथ संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में पेप्सिको को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें मजबूत वित्तीय संसाधनों और वैश्विक पहुँच के साथ निरंतर निवेश की संभावनाएँ शामिल हैं।
हल्दीराम का महत्व
हल्दीराम, भारतीय स्नैक्स के सबसे प्रसिद्ध नामों में से एक है और इसकी उत्पाद श्रृंखला में चाट, नमकीन, मिठाई, और अनेक अन्य स्नैक्स शामिल हैं। हल्दीराम की विश्वसनीयता और वितरण नेटवर्क को देखते हुए, यह समझा जा सकता है कि पेप्सिको ऐसे ब्रांड में हिस्सेदारी हासिल करना क्यों चाहती है। इस सौदे से पेप्सिको को भारतीय बाजार में एक मजबूत स्थिति बनाने में साहायता मिलेगी।
भविष्य की संभावनाएँ
अगर यह सौदा सफल होता है, तो इससे भारतीय खाद्य उद्योग में पेप्सिको की स्थिति और मजबूत हो सकती है। साथ ही, भारतीय उपभोक्ताओं को नए स्वाद और उत्पादों का अनुभव भी मिल सकता है। इसके अलावा, यह टेमासेक और अल्फा वेव के लिए भी एक महत्त्वपूर्ण अवसर होगा, जिससे वे हल्दीराम की सफलता में योगदान कर सकेंगे।
इससे स्पष्ट होता है कि भारत के खाद्य क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा तत्पर है। पेप्सिको, टेमासेक, और अल्फा वेव जैसे अग्रणी खिलाड़ी अपने-अपने दृष्टिकोण से हल्दीराम की हिस्सेदारी पर नजरें गड़ाए हुए हैं।
अधिक अपडेट्स के लिए, विजिट करें indiatwoday.com Keywords: पेप्सिको हल्दीराम हिस्सेदारी, टेमासेक और अल्फा वेव, पेप्सिको न्यूयॉर्क हड्क्वार्टर, हल्दीराम निवेश, भारतीय स्नैक्स उद्योग, अग्रवाल परिवार चर्चा, भारतीय खाद्य क्षेत्र, हल्दीराम विस्तार योजनाएँ, पेप्सिको भारत में निवेश, हल्दीराम प्रतिस्पर्धा.
What's Your Reaction?






