हसीना बोलीं- मौत मुझसे सिर्फ 20-25 मिनट दूर थी:विरोधियों ने मुझे मारने की साजिश रची, लेकिन अल्लाह ने मुझे बचाया

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर उन्हें मारने की साजिश का आरोप लगाया है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक हसीना की पार्टी अवामी लीग ने उनका ऑडियो क्लिप जारी किया है। इसमें हसीना ने बताया कि कैसे वो और उनकी बहन पिछले साल अगस्त में जान बचाकर देश से भागीं थी। उन्होंने दावा किया कि 5 अगस्त को मौत उनसे सिर्फ 20-25 मिनट दूर थी। क्लिप में हसीना रोते हुए यह कहते सुनाई दे रही हैं- मैं पीड़ित हूं, मैं अपने देश और अपने घर से दूर हूं, सब कुछ जल गया है। मेरे विरोधियों ने मुझे मारने की साजिश रची लेकिन मैं बच गई। क्योंकि मेरा मानना ​​है कि मेरे पीछे अल्लाह का हाथ है, जिसने मुझे बचाया। शेख हसीना ने आगे कहा कि 2000 के कोटालीपारा में हुए बम विस्फोट में मेरा बचना, 21 अगस्त 2004 के हमले से बचना और 5 अगस्त 2024 को बच जाना, इस सब के पीछे अल्लाह की मर्जी है। ऐसा नहीं होता तो मैं बच नहीं पाती। इन 3 हादसों में बची हसीना की जान हसीना का पासपोर्ट रद्द, गिरफ्तारी वारंट जारी बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी यूनुस सरकार ने हसीना पर हत्या, अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। वहीं, बांग्लादेशी सरकार ने चेतावनी दी है कि भारत में रहते हुए हसीना की तरफ से दिए जा रहे बयान दोनों देशों के संबंध बिगाड़ रहे हैं।​​​​ बांग्लादेश सरकार जुलाई में हुई हत्याओं की वजह से शेख हसीना का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया है। वहीं बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। ट्रिब्यूनल ने हसीना को 12 फरवरी तक पेश होने का निर्देश दिया है। बांग्लादेश भारत से हसीना को डिपोर्ट करने की अपील भी कर चुका है। हालांकि, भारत सरकार उनका वीजा बढ़ा चुकी है, जिससे यह साफ हो गया कि उन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट नहीं किया जाएगा। आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने किया था तख्तापलट पिछले साल बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इस आरक्षण के खिलाफ ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था। हसीना की सरकार ने जैसे ही यह आरक्षण खत्म किया तो इसके बाद छात्रों उनके इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। देखते ही देखते बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए। इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं। इसके बाद अंतरिम सरकार की स्थापना की गई। बांग्लादेश में मिला भारत विरोधी भवनाओं को बल शेख हसीना का तख्तापलट होने के बाद से बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाओं को बल मिला है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनल पार्टी के कई नेता लगाता भारत विरोधी बयान दे रहे हैं। इसके अलावा दोनों देशों में बॉर्डर पर बाड़ (फेंसिंग) लगाने के मुद्दे पर भी विवाद उपजा है। वहीं बांग्लादेश के अंदर लगातार हिंदुओं को समेत अन्य अल्पसंख्यक समूहों के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। इसे लेकर भी दोनों देशों की सरकार में तल्खी नजर आ चुकी है। -------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें.... भारत ने बांग्लादेश के डिप्टी हाईकमिश्नर को तलब किया:कहा- सीमा पर फेंसिंग प्रोटोकॉल के तहत; बांग्लादेश ने बॉर्डर पर फेंसिंग को अवैध बताया था भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर फेंसिंग के विवाद को लेकर भारत ने सोमवार को बांग्लादेश के डिप्टी हाईकमिश्नर नुरूल इस्लाम को तलब किया। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक भारत ने नुरूल इस्लाम से कहा कि सीमा पर फेंसिंग प्रोटोकॉल के तहत हो रहा है और इसमें दोनों देशों के बीच हुए समझौते का पालन किया गया है। यहां पढ़ें पूरी खबर...

Jan 18, 2025 - 13:20
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हसीना बोलीं- मौत मुझसे सिर्फ 20-25 मिनट दूर थी:विरोधियों ने मुझे मारने की साजिश रची, लेकिन अल्लाह ने मुझे बचाया
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर उन्हें मारने की साजिश

हसीना बोलीं- मौत मुझसे सिर्फ 20-25 मिनट दूर थी

हाल ही में किए गए एक बयान में हसीना ने कहा कि वह मौत के बहुत करीब थीं। उन्होंने यह भी बताया कि उनके विरोधियों ने उन्हें मारने की गहरी साजिश रची थी। यह खबर महिला सांसद के लिए चिंताजनक स्थिति बयां करती है, जहां राजनीति के कारण कई खतरे पैदा हो सकते हैं। हसीना ने यह दावा किया कि अल्लाह ने उन्हें इस संकट से बचाया। यह बयान उनकी जीवनशैली और राजनीतिक संकट के संदर्भ में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, और उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी है।

राजनीतिक साजिश का खुलासा

हसीना का यह बयान यह दर्शाता है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता किस हद तक जा सकती है। कई बार, ऐसी घटनाएं आम चुनावों या राजनीतिक उठापटक के दौरान होती हैं। उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा कि अगर वे उससे नहीं बचतीं, तो देश की राजनीति में एक बड़ी गिरावट आने वाली थी। उनकी इस चिंता में उनकी सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता शामिल है।

अल्लाह के प्रति आस्था

हसीना ने अपनी बातों में यह भी दिखाया कि उनकी आस्था किस प्रकार उन्हें मजबूत बनाती है। उन्होंने अल्लाह की कृपा की बात की और कहा कि इस मौके पर उनका विश्वास ही उन्हें सुरक्षित रखने में सहायक रहा। उनके अनुयायी और समर्थक उनकी बातों को लेकर गंभीर हैं और उन्हें एक मजबूत नेता मानते हैं।

समर्थकों की प्रतिक्रिया

इस बयान पर हसीना के समर्थकों की प्रतिक्रिया भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल उनके लिए बल्कि राजनीति में सभी के लिए एक चेतावनी है। हसीना की कहानी इससे सभी को यह समझने में मदद मिल सकती है कि किस प्रकार की स्थितियों में एक नेता को अपने धर्म और आस्था का सहारा लेना पड़ता है।

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उपसंहार

हसीना का बयान एक गंभीर राजनीतिक हालात की ओर इशारा करता है। जब भी राजनीति में विरोधी सामने आते हैं, तो इसके पीछे की योजनाएँ अक्सर जिन्दगी और मौत के सवालों तक पहुँच जाती हैं। इसके पीछे की गहरी साज़िशें और आस्था का मर्म समझना हर सजग नागरिक के लिए आवश्यक है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में ऐसी घटनाएं कम होंगी और नेताओं के बीच संवाद और सहिष्णुता बढ़ेगी। Keywords: हसीना का बयान, राजनीतिक साजिश, अल्लाह की कृपा, मौत को करीब से देखा, विरोधियों की साजिश, सुरक्षा मुद्दे, नेताओं की आस्था, राजनीति में खतरें, समर्थकों की प्रतिक्रिया, current political crisis in India, politician personal threat

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