हिमाचल BJP की टेंशन बढ़ा रहे धवाला:नाराज नेताओं की बुलाई मीटिंग; तीसरे मोर्चे की तलाश रहे संभावनाएं, शांता के समर्थन से भाजपा में खलबली
हिमाचल प्रदेश भाजपा में विरोध के सुर तेज हो गए हैं। पूर्व मंत्री रमेश धवाला ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। धवाला ने देहरा में आज नाराज नेताओं की मीटिंग बुलाई है। इसकी पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी धवाला की उस बात का समर्थन कर भाजपा में खलबची मचाई है, जिसमें धवाला ने कहा था कि पुराने नेताओं की अनदेखी की जा रही है और कुछ दिन पहले कांग्रेस से आए नेताओं को पार्टी में तरजीह मिल रही है। शांता कुमार ने कहा कि नए नेताओं के स्वागत के साथ पुराने नेताओं को भी पार्टी में मान-सम्मान मिलना चाहिए। वहीं धवाला ने देहरा के पूर्व निर्दलीय विधायक की एंट्री से नाराज नेताओं की मीटिंग बुलाई है। इसमें धवाला नाराज नेताओं से चर्चा के बाद प्रदेश भ्रमण पर निकलने को लेकर चर्चा करेंगे, ताकि प्रदेश भ्रमण के दौरान बीजेपी से नाराज नेताओं से चर्चा करके तीसरे मोर्चे के गठन की संभावनाओं को तलाशा जा सके। 9 विधायक हुए थे बीजेपी में शामिल बता दें कि बीते साल राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा क्रॉस वोट के बाद 9 पूर्व विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं। इससे हर विधानसभा में बीजेपी के पुराने नेताओं की अनदेखी हुई और टिकट भी पुराने नेताओं की जगह कांग्रेस से आए लोगों को दिए गए। ब्लॉक अध्यक्ष चुनाव में पुराने नेताओं की अनदेखी बीते माह प्रदेश में भाजपा के ब्लॉक व जिला कार्यकारिणी के चुनाव संपन्न हुआ। खासकर ब्लॉक चुनाव में नए नेताओं के समर्थकों को अध्यक्ष बनाया गया। इससे पुराने नेता अपने आप को हाशिए पर महसूस कर रहे हैं। ऐसे नेताओं को रमेश धवाला एकजुट करने के दावे कर रहे हैं। इन नेताओं पर धवाला की नजरें सूत्रों की माने तो रमेश धवाला जल्द पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर, पूर्व मंत्री डा. रामलाल मारकंडा, पूर्व सांसद कृपाल परमार, पूर्व विधायक तेजवंत नेगी, पूर्व विधायक बलदेव ठाकुर इत्यादि से संपर्क करके तीसरा मोर्चा बनाने को लेकर चर्चा करेंगे। भाजपा में अंदरखाते मची खलबली धवाला का प्रयास सीरे चढ़ पाता है या नहीं, यह तो भविष्य के गर्भ में है। मगर BJP में अंदरखाते धवाला ने खलबची जरूर मचाई है, क्योंकि बीजेपी में भी एक गुट नए नेताओं की एंट्री नहीं चाहता था। इससे वीरेंद्र कंवर, रामलाल मारकंडा, रमेश धवाला, लखविंदर राणा जैसे दिग्गज नेताओं का राजनीति करियर दांव पर लग गया है। पार्टी को तिनका-तिनका कर दिया: धवाला रमेश धवाला का कहना है कि जिस पार्टी को तिनका-तिनका जोड़कर बनाया गया, उसे अब तिनका-तिनका कर दिया गया है। उनका यह बयान पार्टी नेतृत्व पर सीधा हमला है। धवाला नाराज नेताओं को एकजुट करने में कामयाब हुए तो प्रदेश भाजपा के लिए यह झटका साबित हो सकता है।

हिमाचल BJP की टेंशन बढ़ा रहे धवाला
हिमाचल प्रदेश की भाजपा में राजनीतिक समीकरणों को लेकर भूचाल मचा हुआ है। धवाला की नाराजगी ने पार्टी के भीतर एक नई हलचल को जन्म दिया है। नाराज नेताओं की विशेष मीटिंग का आयोजन किया गया है, जो पार्टी के भीतर आंतरिक मतभेदों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
नाराज नेताओं की मीटिंग
भाजपा में चल रहे संकट को लेकर शीर्ष नेतृत्व द्वारा जल्दी एक मीटिंग बुलाई गई है। यह मीटिंग नाराज नेताओं की चिंताओं का समाधान तलाशने के लिए आयोजित की जा रही है। पार्टी का उद्देश्य है कि किसी भी तरह से भाजपा में एकजुटता को बनाए रखा जाए।
तीसरे मोर्चे की तलाश
कुछ नेताओं ने तीसरे मोर्चे की तलाश करने की संभावना जताई है। यह संकेत भाजपा के लिए एक चुनौती खड़ी कर रहा है। ऐसे में, पार्टी को फिर से अपनी ताकत और एकजुटता को साबित करने की आवश्यकता है ताकि वह आत्मनिर्भर होकर अगले चुनावों की तैयारी कर सके।
शांता का समर्थन और खलबली
शांता के समर्थन से भाजपा में हालात और भी पेचीदा हो गए हैं। उनके द्वारा दिए गए संकेतों ने भाजपा में खलबली मचा दी है। शांता की अगुवाई में पार्टी के कुछ नेता चुनावी रणनीतियों के बारे में नई दिशा की तलाश कर रहे हैं।
समस्या को हल करने के लिए भाजपा को नेतृत्व स्तर पर कुछ कठोर फैसले लेने पड़ सकते हैं। ऐसे में, केंद्रीय नेतृत्व के प्रति भी नैतिक जिम्मेदारी बढ़ गई है।
इस राजनीति के माहौल में, सभी की नजरें भाजपा की अगली रणनीतियों पर बनी हुई हैं। अगर पार्टी ने सही निर्णय लिए, तो यह स्थिति उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
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