हिमाचल: BJP में ब्राह्मण, महिलाएं और SC हाशिए पर:शिमला लोकसभा में SC की आबादी 29%, 1 को भी अध्यक्ष नहीं बनाया, राजपूतों का बोलबाला

हिमाचल प्रदेश के शिमला संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के ब्लॉक व जिला अध्यक्ष चुनाव में महिलाओं के साथ साथ जातीय समीकरण का ध्यान नहीं रखा गया। संसदीय क्षेत्र के 4 जिलाध्यक्ष में न तो महिला, न SC, न OBC और न ही ब्राह्मण को जगह मिल पाई है। 3 जिलाध्यक्ष राजपूत और 1 बनिया समुदाय में से है। खासकर SC और ब्राह्मण समुदाय के पार्टी वर्कर इससे अंदरखाते मायूस है। शिमला संसदीय क्षेत्र में BJP के 4 संगठनात्मक जिला (शिमला, महासू, सोलन व सिरमौर) है। शिमला जिला का अध्यक्ष केशव चौहान को चुना गया है। महासू जिला का अध्यक्ष अरुण फाल्टा, सोलन जिला का रत्न पाल सिंह और सिरमौर जिला का अध्यक्ष धीरज गुप्ता को चुना गया है। इनमें से धीरज गुप्ता बनिया और बाकी तीनों राजपूत कम्युनिटी से है। यानी पूरे संसदीय क्षेत्र में एक भी महिला, ब्राह्मण और SC को अध्यक्ष नहीं बनाया गया, जबकि शिमला लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति की आबादी है। यहां लगभग 29 प्रतिशत SC की आबादी है। सिरमौर जिला में यह 30.34 प्रतिशत, शिमला जिला में 26.51 और सोलन जिला में 28.35 प्रतिशत है। फिर भी भाजपा के 4 संगठनात्मक जिलों में एक भी SC को कमान नहीं मिल पाई। एससी की ज्यादा आबादी के कारण ही शिमला लोकसभा सीट इस श्रेणी के लिए आरक्षित है। मंडल अध्यक्ष चुनाव में भी अनदेखी जिला अध्यक्ष के साथ साथ मंडल अध्यक्ष के चुनाव में भी महिलाओं, SC, ब्राह्मण व OBC की अनदेखी की गई। शिमला संसदीय क्षेत्र में BJP के 44 मंडल है। इनमें से 41 के चुनाव हो गए है, जबकि रोहड़ू, राजगढ़ और दून तीन ब्लॉक के चुनाव अभी रहते हैं। शिमला जिला में 6 मंडल, महासू में 13, सिरमौर में 13 और सोलन में 12 मंडल है। इनमें से लगभग 41 मंडलों में अध्यक्ष का चुनाव हो गया है। शिमला जिला के 6 ब्लॉक में 1 भी SC को अध्यक्ष नहीं बनाया शिमला जिला की बात करें तो यहां 6 ब्लाक में से एक भी अध्यक्ष SC समुदाय का नहीं बन पाया। महासू जिला के 13 ब्लाक में SC समुदाय से एक अध्यक्ष ठियोग में बनाया गया है, वो भी राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी राधा मोहन की लताड़ के बाद ठियोग ब्लॉक की कमान SC समुदाय से संबंध रखने वाले दुनीचंद को दी गई। पार्टी सूत्र बताते हैं कि दुनीचंद से पहले पार्टी ने एक राजपूत नेता का नाम फाइनल कर दिया था। महासू जिला के ब्लॉक के चुनाव में ब्राह्मण की भी अनदेखी हुई है। सिरमौर में ब्राह्मणों से पार्टी का किनारा सिरमौर जिला के 13 ब्लॉक के चुनाव में भी ब्राह्मणों की अनदेखी हुई है। यहां पर भी ब्राह्मण को नेतृत्व नहीं मिल पाया। हालांकि सिरमौर जिला में 2 महिलाओं और 1 एससी को जरूर अध्यक्ष बनाया गया है। सोलन जिला में ब्राह्मण को जरूर नेतृत्व मिला है, मगर यहां SC को एक भी ब्लॉक में कमान नहीं मिली। अपील कमेटी के पास शिकायत करें वर्कर वहीं हिमाचल के चुनाव अधिकारी डॉ. राजीव भारद्वाज ने बताया कि जिन वर्कर को कोई आपत्ति है, वह अपील कमेटी के पास अपनी आपत्ति जताई सकते हैं। सुंदरनगर से विधायक राकेश जम्वाल की अध्यक्षता में इसके लिए कमेटी गठित कर रखी है। पार्टी वर्कर कमेटी के पास अपनी शिकायत दर्ज करवाए। पार्टी इस पर गंभीरता से विचार करेगी।

Jan 8, 2025 - 07:20
 58  501823
हिमाचल: BJP में ब्राह्मण, महिलाएं और SC हाशिए पर:शिमला लोकसभा में SC की आबादी 29%, 1 को भी अध्यक्ष नहीं बनाया, राजपूतों का बोलबाला
हिमाचल प्रदेश के शिमला संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के ब्लॉक व जिला अध्यक्ष चुनाव में म

हिमाचल: बीजेपी में ब्राह्मण, महिलाएं और SC हाशिए पर

News by indiatwoday.com

शिमला लोकसभा क्षेत्र की राजनीतिक स्थिति

हिमाचल प्रदेश की शिमला लोकसभा सीट पर हाल ही में हुए राजनीतिक घटनाक्रम ने एक बार फिर से चर्चा का विषय बना दिया है। यहां की राजनीति में अनुसूचित जातियों (SC), महिलाओं और ब्राह्मणों का प्रतिनिधित्व कम होता जा रहा है। शिमला लोकसभा क्षेत्र में SC की आबादी 29% है, लेकिन इस आबादी का कोई भी सदस्य पार्टी में महत्वपूर्ण पद पर नहीं है। राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं का क्षेत्र भी इसी के तहत आता है, लेकिन स्थानीय स्तर पर राजनीतिक समीकरण परिवर्तनशील हैं।

राजपूतों का प्रभुत्व

राजनीतिक दलों में राजपूत समुदाय का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अन्य समुदायों के सदस्यों को हाशिए पर रखा जा रहा है। बीजेपी में ऐसी स्थिति बन गई है कि ब्राह्मण, महिलाएं और अनुसूचित जातियाँ अपने अधिकारों से वंचित हैं। चुनावी टिकट वितरण की प्रक्रिया में भी इन समुदायों के लिए अवसर नहीं मिल रहे हैं, जिससे राजनीतिक असंतुलन उत्पन्न हो रहा है।

महिलाओं की स्थिति

महिलाओं के लिए राजनीति में सक्रिय भागीदारी का मौका नहीं मिल रहा है। बीजेपी के भीतर, महिलाओं को नेतृत्व के पदों पर नहीं बनाया जा रहा है। यह सवाल उठता है कि क्या आगामी समय में यह बदलाव आएगा या फिर वर्तमान स्थिति बनी रहेगी। महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि वे सही तरीके से अपनी आवाज उठा सकें।

भविष्य की दिशा

शिमला क्षेत्र में भविष्य के चुनावों में इन मुद्दों पर बहस होना जरूरी है। यदि पार्टियां सही निर्णय नहीं लेंगी, तो चुनावी परिणाम भी प्रभावित हो सकते हैं। इससे न केवल भाजपा को बल्कि विरोधी पार्टियों को भी सीखने की जरूरत है कि समाज के हर वर्ग को बराबरी का प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।

इस प्रकार, हिमाचल प्रदेश में मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि हाशिए पर पड़े समूहों को उचित अवसर मिल सकें।

निष्कर्ष

बीजेपी की इन चुनौतियों का समाधान सभी राजनीतिक दलों को करना होगा ताकि समाज में समानता और विकास संभव हो सके। यही नहीं, इसके अलावा स्थानीय राजनीतिक निर्णयों की प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है। Keywords: हिमाचल बीजेपी, शिमला लोकसभा का राजनीति, अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व, राजनीति में महिलाएं, राजपूत समुदाय, राजनीतिक असंतुलन, चुनावी टिकट वितरण, ब्राह्मणों का प्रतिनिधित्व, SC हाशिए पर, शिमला में SC जनसंख्या.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow