हिमाचल के पहले DGP का निधन:राजकीय सम्मान के साथ हुई अंतिम विदाई, लखीमपुरी-नैनीताल के SP रहे
हिमाचल प्रदेश के पहले पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आईबी नेगी को पैतृक गांव सांगला में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उत्तर प्रदेश कैडर के 1958 बैच के आईपीएस अधिकारी नेगी को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। नेगी का शिमला में निधन हुआ। वे लंबे समय से बीमार थे। नेगी ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दीं। वे उत्तर प्रदेश में नैनीताल और लखीमपुर के पुलिस अधीक्षक रहे। इसके अलावा उन्होंने आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, सीआईडी और दिल्ली के पुलिस आयुक्त के रूप में भी काम किया। अंतिम संस्कार में कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इनमें डीआईजी दिग्विजय नेगी, एएसपी रतन नेगी, किन्नौर के उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर और कल्पा के एसडीएम डॉ. शशांक गुप्ता शामिल थे। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोनम नेगी, पूर्व विधायक तेजवंत नेगी, कांग्रेस अध्यक्ष उमेश नेगी, भाजपा नेता सूरत नेगी और जिला परिषद सदस्य हितेश नेगी भी उपस्थित रहे।

हिमाचल के पहले DGP का निधन: राजकीय सम्मान के साथ हुई अंतिम विदाई
हिमाचल प्रदेश के पहले पुलिस महानिदेशक (DGP) का हाल ही में निधन हो गया। उनके योगदान और सेवा को देखते हुए, उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस अवसर पर राज्य सरकार और पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
DGP का असामयिक निधन
दिवंगत DGP ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और उन्होंने लखीमपुरी-नैनीताल के पुलिस अधीक्षक के रूप में भी कार्य किया। उनकी सेवाओं का सम्मान करते हुए, उनकी अंतिम यात्रा में अनेक लोग शामिल हुए, जिन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
राजकीय सम्मान और श्रद्धांजलि
हिमाचल प्रदेश सरकार ने दिवंगत पुलिस महानिदेशक को राजकीय सम्मान देने का निर्णय लिया, जो उनकी समर्पण और कर्तव्य के प्रति उनके निश्छल भाव को दर्शाता है। उनके निधन पर पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है, जिससे उनकी अनुपस्थिति महसूस की जा रही है।
पुलिस व्यवस्था में योगदान
अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई प्रयास किए। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता ने राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके द्वारा किए गए सुधार आज भी पुलिसिंग के क्षेत्र में चर्चा का विषय हैं।
लोकप्रियता और विरासत
DGP की लोकप्रियता केवल उनके कार्य कार्यकाल तक सीमित नहीं थी, बल्कि वे एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में भी जाने जाते थे। उनके निधन का खबर पूरे राज्य में सुनाई दिया और लोग उनकी सेवा को याद कर रहे हैं। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
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