हिमाचल के पूर्व रेरा चेयरमैन की विजिलेंस में शिकायत:DAG ने FIR-रिकवरी करने की मांग की; श्रीकांत बाल्दी ने सरकारी फंड से बांटा सेब
हिमाचल के पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल (DAG) विनय कुमार ने पूर्व चेयरमैन रियल एस्टेट डेवलपमेंट ऑथोरिटी (रेरा) डा. श्रीकांत बाल्दी के खिलाफ विजिलेंस को लिखित में शिकायत दे दी है। उन्होंने श्रीकांत बाल्दी पर FIR की मांग की है। विनय शर्मा ने ADG विजिलेंस को ईमेल के जरिए शिकायत भेजकर मामला दर्ज करने और शक्तियों की दुरुपयोग करते हुए खर्च सरकारी फंड की रिकवरी करने का आग्रह किया है। विनय शर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार के इस मामले में विजिलेंस को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विजिलेंस को किसी से कोई मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बाल्दी ने यह भ्रष्टाचार बतौर IAS नहीं, रेरा चेयरमैन के तौर पर किया गया है। रेरा चेयरमैन फ्री में सेब बांटने को अधिकृत नहीं है। विनय शर्मा ने कहा कि श्रीकांत बाल्दी ने 10 लाख रुपए का सेब IAS-IPS मित्रों को बांटा है। इनमें ज्यादातर सेब राजस्थान के IAS को दिया गया है। 2022 में सरकारी फंड से बांटा 49 पेटी सेब बता दें कि श्रीकांत बाल्दी ने साल 2022 में 44 हजार 100 रुपए कीमत के 49 पेटी सेब देशभर के IAS-IPS मित्रों को बांटे है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने 5 साल में 10 लाख रुपए का सेब सरकारी फंड से बांटा है। यह सेब सरकारी उपक्रम एचपीएमसी से खरीदा गया था। राजस्थान के रहने वाले हैं बाल्दी श्रीकांत बाल्दी मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। उन्होंने सेब भी ज्यादातर राजस्थान के अधिकारियों को बांटा है। इनमें दूसरे प्रदेशों के रिटायर DGP, रिटायर रेरा चेयरमैन, रेरा मेंबर इत्यादि शामिल है। श्रीकांत बाल्दी बीते साल नवंबर में रेरा चेयरमैन पद से रिटायर हो गए हैं। राज्य के मुख्य सचिव भी रह चुके पूर्व बीजेपी सरकार में वह राज्य के मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद सरकारी फंड से सेब आवंटन मामले में वह घिरते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया में भी लोग उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

हिमाचल के पूर्व रेरा चेयरमैन की विजिलेंस में शिकायत
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में पूर्व रेरा चेयरमैन के खिलाफ विजिलेंस में एक महत्वपूर्ण शिकायत दायर की गई है। विशेष रूप से, शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि श्रीकांत बाल्दी ने सरकारी फंड का दुरुपयोग किया है। इस संदर्भ में, DAG ने FIR दर्ज करवाई है और रिकवरी की मांग की है। यह मामला न केवल राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में हलचल पैदा कर रहा है बल्कि यह मुद्दा सरकारी धन के उपयोग की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाता है।
श्रीकांत बाल्दी का मामला
श्रीकांत बाल्दी, जो कि एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती हैं, पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी धन का उपयोग कर सेब का वितरण किया। यह नीतिगत अनियमितताओं को उजागर करता है और राज्य की वित्तीय प्रणाली की गंभीरता में कमी को दर्शाता है। विजिलेंस ने इस आरोप की जांच प्रारंभ कर दी है और सबूत इकट्ठा करने का कार्य कर रही है।
समाचार का महत्व
यह मामला केवल व्यक्तिगत आरोपों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी ध्यान केंद्रित करता है। जब सरकारी धन का दुरुपयोग की बात की जाती है, तो इससे न केवल राज्य के आर्थिक विकास पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह सामान्य जनता के विश्वास को भी हानि पहुँचाता है। समाचार को गंभीरता से लेना आवश्यक है ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
आगे की कार्रवाई
अधिकारियों द्वारा मामले की त्वरित जांच शुरू की गई है, और जल्द ही इसके परिणाम सामने आने की संभावना है। इसके साथ ही, राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले पर अपनी राय प्रस्तुत की है। सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह मामले को तेजी से सुलझाने के लिए कठोर कदम उठाएगी।
इस पूरे परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट है कि हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक जवाबदेही और पारदर्शिता की आवश्यकता है। भविष्य में ऐसे मामलों से बचने के लिए, जो भी कदम उठाए जाएंगे, उनका प्रभाव सभी की नजरों में रहेगा।
News by indiatwoday.com Keywords: हिमाचल पूर्व रेरा चेयरमैन, विजिलेंस शिकायत, DAG FIR, श्रीकांत बाल्दी, सरकारी फंड, सेब बांटने मामला, राजनीतिक अनियमितताएँ, सरकारी धन का दुरुपयोग, पारदर्शिता, कार्रवाई.
What's Your Reaction?






