हिमाचल में कारोबारी को थमाया 2 अरब का बिजली बिल:हर महीने 4 से 5 हजार आता था, बोले- इतना अमाउंट देख घबरा गए
हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड ने एक कारोबारी को 2 अरब रुपए से ज्यादा का बिजली बिल थमा दिया। कारोबारी को हर महीने 4 से 5 हजार रुपए का बिल आता था, लेकिन 2 अरब का बिल देखकर हैरान रह गया। उन्होंने इसकी शिकायत बोर्ड से की, जिसके बाद संशोधित बिल भेजा गया। मामला हमीरपुर जिले की तहसील भोरंज के तहत आते गांव बेहड़वी जट्टा का है। आशीष धीमान सीमेंट की ईंटें बनाता है। बिजली बोर्ड ने थमाया 2 अरब से ज्यादा का बिल... 6 महीने पहले ही लगाया प्लांट कारोबारी आशीष धीमान ने बताया कि उन्होंने गांव में सीमेंट के ईंट बनाने का प्लांट लगा रखा है। उन्होंने अपनी माता ललिता धीमान के नाम से यूनिट लगाया है। इसका नाम बीके इंडस्ट्री है। छह महीने पहले ही प्लांट लगाया था। उनके पास 7 वर्कर काम कर रहे हैं। बिल देखकर घबराए आशीष धीमान ने बताया कि बिजली बोर्ड ने बीते गुरुवार को 2 अरब 10 करोड़ 42 लाख 8 हजार 405 रुपए का बिल भेज दिया। बिल देखकर वह घबरा गए। इसके बाद बोर्ड के ऑफिस में गए। बोर्ड ने 5 घंटे के भीतर ही ठीक कर दिया था। इसके बाद दोबारा 4047 रुपए का बिल दिया। बिजली बोर्ड ने संशोधित कर भेजा बिल... तकनीकी खराबी से आया बिल बिजली बोर्ड भोरंज के सहायक अभियंता (SDO) अनुराग चंदेल ने कहा कि तकनीकी कारण के चलते इतना बिल आया है। शिकायत मिलने के बाद बिल को दुरुस्त कर दिया गया है।

बीते दिन हिमाचल प्रदेश में एक हलचलकारी घटना घटी
हाल ही में हिमाचल प्रदेश के एक कारोबारी को बिजली कंपनी द्वारा 2 अरब रुपये का एक बिल भेजा गया, जिसने सभी को चौंका दिया। यह बिल वास्तव में बहुत असामान्य था क्योंकि कारोबारी की मासिक बिजली खपत केवल 4 से 5 हजार रुपये की थी। इस घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या बिजली के बिलों में कोई गलती हुई है या फिर यह किसी प्रकार का प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग है।
बिजली कंपनियों के विवाद
इस घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय व्यापारियों में भय का माहौल पैदा किया है, बल्कि यह भी उजागर किया है कि बिजली कंपनियों के बिलात में सुधार की आवश्यकता है। कारोबारी ने कहा कि इतने बड़े अमाउंट को देख कर वे घबरा गए थे और तुरंत कार्रवाई की मांग की। यह मामला अब जांच का विषय बन चुका है और इसके पीछे की वास्तविकता जानने के लिए चर्चा जारी है।
नागरिकों की चिंताएं
इस घटना ने नागरिकों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है, जो पहले ही बिजली के बढ़ते बिलों से परेशान हैं। कई उपभोक्ताओं का मानना है कि बिलिंग प्रणाली में सुधार होना चाहिए ताकि ऐसे मामलों से बचा जा सके। लोगों का मानना है कि इसके पीछे तकनीकी खामियों के साथ-साथ प्रशासनिक असामंजस्य भी हो सकता है।
आगे की कार्रवाई
बिजली कंपनियों की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक गंभीर मुद्दा है जिसे जल्दी समाधान की आवश्यकता है। उपभोक्ता संगठनों ने सरकार से उचित जांच कराने की मांग की है ताकि कोई भी व्यापारी या उपभोक्ता ऐसे बड़े बिलों से प्रभावित न हो।
सामाजिक प्रभाव
अंत में, यह घटना न केवल एक व्यक्तित्व की समस्या है बल्कि यह पूरे समाज पर प्रभाव डालती है। नागरिकों को इस प्रकार के मामलों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और सरकार से उचित कार्रवाई की मांग करनी चाहिए। ऐसे मामलों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। Keywords: हिमाचल में बिजली बिल, कारोबारी बिजली बिल, बिजली कंपनी का बिल, 2 अरब का बिजली बिल, हर महीने 4000 से 5000 का बिल, बिजली बिल में गलती, हिमाचल प्रदेश हरियाणा बिजली विवाद, बिजली उपभोक्ता जागरूकता For more updates, visit indiatwoday.com.
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