हिमाचल में थम जाएंगे HRTC बसों के पहिए:ड्राइवर-कंडक्टर का ऐलान; बोले-59 करोड़ दो, नहीं तो 9 मार्च की रात 12 बजे से हड़ताल
हिमाचल प्रदेश में तीन दिन बाद पथ परिवहन निगम (HRTC) की 3079 से ज्यादा बसों के पहिए थम जाएंगे। राज्य सरकार यदि HRTC ड्राइवर-कंडक्टर की देनदारियों को चुकता नहीं करती, तो 9 मार्च की रात 12 बजे से HRTC ड्राइवर-कंडक्टर अगले 72 घंटे यानी तीन दिन तक हड़ताल पर चले जाएंगे। HRTC चालक संघ के अध्यक्ष मानसिंह ठाकुर ने कहा कि यूनियन ने बीते 20 फरवरी को सरकार को मांगे पूरी करने का अल्टीमेटम दिया था। सरकार ने 6 मार्च तक दिए अल्टीमेटम के बावजूद मांगे नहीं मानी। अब उनके हड़ताल पर जाने के ऐलान के बाद सरकार सारी देनदारी चुकाने के बजाय 5 करोड़ देने की बात कह रही है। उन्होंने कहा कि अब ड्राइवर-कंडक्टर 5 करोड़ 10 करोड़ के लॉलीपॉप से नहीं मानेंगे। उनकी 59 करोड़ की देनदारी एकमुश्त चुकता की जाए। कर्मचारियों की 150 करोड़ की देनदारियां बकाया: मानसिंह मानसिंह ने कहा कि सरकार के पास तीन दिन का समय है या तो उनके 59 करोड़ के वित्तीय लाभ का भुगतान कर दिया जाए या फिर निगम के ड्राइवर-कंडक्टर हड़ताल करेंगे। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी कर्मचारियों की 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की देनदारी हो गई है। इनमें 65 महीने का ओवरटाइम, महंगाई भत्ते का एरियर, 4-9-14 का एरियर और 2016 पे कमीशन का एरियर बकाया है। CM का स्थापना दिवस पर किया वादा अधूरा: मानसिंह मानसिंह ठाकुर ने कहा, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पिछले साल HRTC के स्थापना दिवस पर 59 करोड़ रुपए की किस्त देने की घोषणा की थी। मगर अभी तक कर्मचारियों को यह राशि नहीं मिली है। निगम उपाध्यक्ष ने भी 5 करोड़ रुपए जारी करने का आश्वासन दिया है। संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि 5-10 करोड़ रुपए से काम नहीं चलेगा। वे पूरे 59 करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं। ऐसे में यदि इनकी हड़ताल का समाधान नहीं निकला तो 9 मार्च रात 11:59 बजे से हड़ताल शुरू हो जाएगी। इससे राज्य की बस सेवाएं पूरी तरह ठप हो जाएंगी। आम जनता को झेलनी पड़ेगी परेशानी बता दें कि हिमाचल में आवाजाही का सबसे अहम जरिया बसें है। एचआरटीसी की बसें दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में जाती हैं। ऐसे में इनकी मांगे पूरी नहीं की गई, तो आम जनता को परिवहन सुविधाएं ठप पड़ने से परेशानी झेलनी पड़ेगी।

हिमाचल परिवहन सेवाओं में संकट
हिमाचल प्रदेश में HRTC बसों का संचालन संकट में आ गया है। ड्राइवर और कंडक्टर संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो वे 9 मार्च की रात 12 बजे से हड़ताल पर जाएंगे। संघ का आरोप है कि सरकार ने उनके बजाय 59 करोड़ रुपये की मांग को नजरअंदाज किया है। इस स्थिति का सीधा असर लाखों यात्रियों पर पड़ेगा जो देश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा करते हैं। परीक्षित कारणों के चलते, यह हड़ताल सुझाव देती है कि सार्वजनिक परिवहन सेक्टर को बेहतर वित्तीय सहयोग और ध्यान देने की ज़रूरत है।
ड्राइवर-कंडक्टर की मांगें
संघ के नेता ने स्पष्ट कहा कि सरकार को उनकी मांगों का जल्दी समाधान करना चाहिए। 59 करोड़ रुपये की मांग को लेकर सरकार की ओर से कोई स्पष्टता नहीं आई है, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी और चिंता बढ़ रही है। अगर समाधान नहीं हुआ, तो यह साफ है कि वे हड़ताल के लिए मजबूर होंगे। इस प्रकार की हड़तालें आमतौर पर यात्रियों की दैनिक जीवन को प्रभावित करती हैं, और ऐसी स्थिति से बचा जाना चाहिए।
यातायात पर प्रभाव
अगर हड़ताल हो जाती है, तो इसका असर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाली यातायात सेवाओं पर पड़ेगा। स्कूल के छात्रों, कामकाजी लोगों और पर्यटकों को सख्त दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, यह हड़ताल लंबे समय तक चलने पर आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित कर सकती है। सरकार को तुरंत कदम उठाकर स्थिति को संभालना होगा ताकि हड़ताल से बचा जा सके।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही किसी मंत्री या अधिकारी की ओर से बयान आएगा। निर्णय लेने में समय की कमी के कारण, स्थिति में सुधार लाने की दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाने की आवश्यकता है। Keywords: HRTC बसों की हड़ताल, हिमाचल ड्राइवर-कंडक्टर आंदोलन, 59 करोड़ मांग, HRTC बस सेवाएं, हिमाचल हड़ताल की तारीख, सार्वजनिक परिवहन समस्याएं, हिमाचल प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया, बस ड्राइवर हड़ताल, कंडक्टर की मांगें, HRTC यातायात प्रभावित
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