हिमाचल में महिला असिस्टेंट कमिश्नर ने 2 लाख रिश्वत मांगी:विजिलेंस ने बिछाया जाल; 1.10 लाख रुपए की नगदी समेत 3 गिरफ्तार
हिमाचल प्रदेश में विजिलेंस टीम ने शुक्रवार को असिस्टेंट कमिश्नर फूड सेफ्टी एंड रेगुलेशन कुल्लू, फूड सेफ्टी ऑफिसर और चपड़ासी को 2 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तार किया। विजिलेंस टीम ने आज तीनों आरोपियों को फूड सेफ्टी ऑफिस कुल्लू के दफ्तर दबोचा और मामला दर्ज आगामी कार्रवाई की जा रही है। विजिलेंस के अनुसार, असिस्टेंट कमिश्नर भविता टंडन ने एक शिकायत को दबाने के लिए पदम चंद नाम के एक होटल कारोबारी से 2 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। पदम चंद ने इसकी सूचना विजिलेंस को दी। इसके बाद विजिलेंस ने रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाला। 1.10 लाख रिश्वत की रकम के साथ पकड़ा विजिलेंस के बुने जाल के मुताबिक, शिकायतकर्ता पदम चंद आज 1 लाख 10 हजार रुपए लेकर फूड सेफ्टी एंड रेगुलेशन दफ्तर कुल्लू पहुंचा, तो वहां मौजूद भविता टंडन ने रिश्वत की रकम फूड सेफ्टी ऑफिसर पंकज को देने को कहा। पंकज ने यह पैसा दफ्तर में मौजूद चपड़ासी को देने के लिए कहा। पदम चंद ने जैसे ही 1.10 लाख रुपए चपड़ासी केशव राम को पकड़ाए। इसके बाद विजिलेंस ने रिश्वत के आरोप में असिस्टेंट कमिश्नर, फूड सेफ्टी ऑफिसर और चपड़ासी तीनों को हिरासत में लिया। विजिलेंस टीम ने मौके पर ही दोनों अधिकारियों की मौजूदगी में चपड़ासी से 1 लाख 10 हजार रुपए की रिश्वत की रकम को भी बरामद किया गया। नोटिस को दबाने के लिए मांगी थी रिश्वत बताया जा रहा है कि भविता टंडन ने शिकायतकर्ता से उसके होटल में गलत ब्रांड वाले पापड़ और असुरक्षित खाना पकाने का तेल रखने के मामले में एक नोटिस जारी कर रखा था। इस नोटिस को दबाने के लिए भविता टंडन ने रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता को बीते साल 28 नवंबर को खाद्य और सुरक्षा और विनियमन अधिनियम, 2011 के तहत जारी नोटिस जारी किया गया था।

हिमाचल में महिला असिस्टेंट कमिश्नर ने 2 लाख रिश्वत मांगी: विजिलेंस ने बिछाया जाल
हिमाचल प्रदेश में एक महिला असिस्टेंट कमिश्नर के खिलाफ रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। पद का दुरुपयोग करते हुए महिला अधिकारी ने दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस मामले में विजिलेंस विभाग ने तेजी से कार्रवाई करते हुए एक जाल बिछाया और संबंधित परिणामों को सुनिश्चित किया।
विजिलेंस की कार्रवाई
विजिलेंस विभाग के अधिकारियों ने शिकायत मिलने के बाद तुरंत कदम उठाए। उन्होंने एक जाल तैयार किया जिसमें अधिकारी को रिश्वत के लिए लालच दिया गया। अंततः, 1.10 लाख रुपये की नगद राशि के साथ महिला असिस्टेंट कमिश्नर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही, दो अन्य संलिप्त व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया गया है। इस मामले ने प्रशासनिक तंत्र की सुरक्षा और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
कानूनी पहलू और व्यापक प्रभाव
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने का आश्वासन दिया है। विजिलेंस विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की गतिविधियों को रिपोर्ट करें। इससे न केवल दोषियों को सजा मिलेगी, बल्कि यह अन्य अधिकारियों के लिए एक चेतावनी भी होगी।
भविष्य के कदम
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जनता की भागीदारी बेहद अहम है। आने वाले समय में अधिकारियों और नागरिकों के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है। सरकार ने वादा किया है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने प्रयासों को और मजबूत करेगी।
इस घटना से प्रभावित होकर, अनेक संगठनों और नागरिक समूहों ने सरकार से मांग की है कि वह भ्रष्टाचार विरोधी तंत्र को सशक्त बनाए। इसके लिए व्यापक जन जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता होगी।
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