हिमाचल में होम स्टे पर बड़ा फैसला:रजिस्ट्रेशन फीस में 150 गुना बढ़ोतरी, GST भी लागू; BJP की मांग, फैसला वापस लें
हिमाचल प्रदेश सरकार ने होम स्टे नीति में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने होम स्टे रजिस्ट्रेशन फीस को 100 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए कर दिया है। साथ ही होम स्टे को जीएसटी के दायरे में भी ला दिया गया है। इस फैसले का विपक्षी दल भाजपा ने कड़ा विरोध किया है। भाजपा विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि यह फैसला गरीबों, किसानों और बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण पर्यटन को बड़ा नुकसान होगा। लखनपाल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से सवाल किया है कि गरीब परिवार इतनी भारी फीस कैसे भर पाएंगे। उनका आरोप है कि सरकार अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है। इस नीति से हजारों परिवार प्रभावित होंगे। ये वो परिवार हैं जिन्होंने अपने घरों को होम स्टे में बदल रखा है। भारी रजिस्ट्रेशन फीस और जीएसटी के कारण गरीब और मध्यम वर्ग के लोग इस योजना का फायदा नहीं ले पाएंगे। फैसला वापस लेने की मांग भाजपा ने सरकार से यह फैसला वापस लेने की मांग की है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर फैसला वापस नहीं लिया गया तो वह सड़क से लेकर विधानसभा तक इसका विरोध करेगी। विपक्ष की मांग है कि होम स्टे रजिस्ट्रेशन फीस फिर से 100 रुपए की जाए और इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए।

हिमाचल में होम स्टे पर बड़ा फैसला: रजिस्ट्रेशन फीस में 150 गुना बढ़ोतरी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में होम स्टे के रजिस्ट्रेशन फीस में 150 गुना बढ़ोतरी का ऐलान किया है, जिससे पर्यटन व्यवसायियों और आम लोगों के बीच चिंता का माहौल है। इस फैसले के साथ ही जीएसटी भी लागू किया गया है, जिससे होम स्टे संचालकों पर वित्तीय भार और बढ़ गया है।
सरकार का निर्णय और इसकी पृष्ठभूमि
हिमाचल सरकार का यह कदम राज्य के पर्यटन उद्योग को सुचारु और व्यवस्थित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। सरकार का कहना है कि इससे पर्यटन के मानक बढ़ेंगे और पर्यटकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। हालांकि, विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस निर्णय का विरोध किया है और मांग की है कि सरकार इसे वापस ले।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी नेता इस फैसले को लोकहित के खिलाफ मानते हैं और इसके पीछे के राजनीतिक उद्देश्यों पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इस बढ़ोतरी से छोटे होम स्टे संचालकों का व्यवसाय चौपट हो जाएगा। ऐसे में स्थानीय लोगों के जीवन स्तर पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
पर्यटन व्यवसाय पर प्रभाव
रजिस्ट्रेशन फीस में यह भरी बढ़ोतरी होम स्टे संचालकों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। कई छोटे व्यवसायियों ने अपनी चिंता व्यक्त की है कि अगर यह निर्णय वापस नहीं लिया गया तो उन्हें व्यवसाय बंद करने पर मजबूर होना पड़ सकता है।
गठित जनसुनवाई में स्थानीय नागरिकों ने भी अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए और छोटे व्यवसायियों की मुश्किलों को समझा जाए।
निष्कर्ष
इस फैसले ने हिमाचल प्रदेश के होम स्टे उद्योग को एक नई दिशा दी है, लेकिन इसके साथ ही इसके नकारात्मक प्रभावों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सरकार को अपनी नीतियों के प्रभावशीलता और स्थानीय हितों के बीच संतुलन बनाना होगा।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया News by indiatwoday.com पर विजिट करें। Keywords: हिमाचल होम स्टे रजिस्ट्रेशन फीस, जीएसटी लागू हिमाचल, होम स्टे उद्योग समस्या, बीजेपी विरोध हिमाचल सरकार, पर्यटन व्यवसाय हिमाचल, हिमाचल में पर्यटन नीतियां, होम स्टे संचालकों की मांग, होम स्टे फीस बढ़ोतरी।
What's Your Reaction?






