अभिलेख न भेजने पर राजस्व परिषद के एआरओ पर गाज:राजस्व परिषद प्रयागराज निबंधक ने हाईकोर्ट में दी जानकारी, मिली विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि
आदेश के छह माह बाद भी निगरानी से संबंधित अभिलेख अपर आयुक्त प्रशासन आजमगढ़ मंडल को न प्रेषित करने पर राजस्व परिषद प्रयागराज के एक सहायक समीक्षा अधिकारी को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। साथ ही संबंधित अभिलेख अपर आयुक्त प्रशासन आजमगढ़ मंडल को वापस कर दिए गए हैं। अधिवक्ता एस के सिंह के अनुसार यह जानकारी राजस्व परिषद प्रयागराज के निबंधक ने हाईकोर्ट में विजय उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के दौरान दी। एडवोकेट सिंह के अनुसार राजस्व परिषद प्रयागराज ने विजय उपाध्याय बनाम राज्य सरकार सुनवाई के बाद मामले को गुण दोष के आधार पर छह माह में निस्तारित करने के लिये अपर आयुक्त प्रशासन आजमगढ़ मंडल के समक्ष प्रेषित कर दिया और राजस्व परिषद कार्यालय को अवर न्यायालय के अभिलेख वापस करने का निर्देश दिया। छह माह बीत जाने के बाद भी राजस्व परिषद कार्यालय द्वारा अभिलेख अवर न्यायालय वापस न भेजे जाने पर विजय उपाध्याय ने यह याचिका दाखिल की। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सीके राय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्व परिषद प्रयागराज और अपर आयुक्त प्रशासन आजमगढ़ से आख्या तलब की। एडवोकेट एस के सिंह के अनुसार सोमवार को राजस्व परिषद प्रयागराज के निबंधक ने कोर्ट को अवगत कराया कि अवर न्यायालय के अभिलेख वापस कर दिये गए हैं और इसमें लापरवाही करने वाले सहायक समीक्षा अधिकारी को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।

अभिलेख न भेजने पर राजस्व परिषद के एआरओ पर गाज
राजस्व परिषद प्रयागराज ने हाल ही में उच्च न्यायालय में एक महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की है, जिसमें यह बताया गया है कि परिषद के सहायक रजिस्ट्रार का काम ठीक से नहीं हो रहा है। समाचार में उल्लेख किया गया है कि अभिलेख समय पर न भेजने के कारण एआरओ को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि का सामना करना पड़ा है। इस मामले में संबंधित अधिकारियों की लापरवाही साफ तौर पर उजागर होती है, जिससे विभागीय कार्यों में अवरोध उत्पन्न हो रहा है।
हाईकोर्ट में दी गई जानकारी
राजस्व परिषद ने उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई जानकारी में बताया कि एआरओ ने अभिलेख समय पर नहीं भेजे, जिससे अदालत के आदेशों का पालन नहीं हो पाया। यह लापरवाही न केवल अदालत के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाती है, बल्कि सरकार की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठाती है। अभियोग की गंभीरता को देखते हुए, उच्च न्यायालय ने इस मामले पर त्वरित संज्ञान लिया है और आवश्यक निर्देश जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्राप्त विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि
विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि का मतलब है कि संबंधित कर्मचारी के कार्यों में कमी को दर्ज किया गया है, जो उसकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है। ऐसे मामलों में, अधिकारियों की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता पर प्रश्नचिन्ह उठता है। इसके परिणामस्वरूप, यह आवश्यक है कि सभी कर्मचारियों को यह समझाया जाए कि उनकी जिम्मेदारियों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है।
इस स्थिति में, राजस्व परिषद को अधिक जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ काम करने की जरूरत है। इसे सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
आखिरकार, यह मामला केवल एक एआरओ तक सीमित नहीं है, बल्कि इस तरह की समस्याएँ पूरे राजस्व विभाग की दक्षता और विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकती हैं। हम सभी को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सरकारी कार्य समय पर और प्रभावी ढंग से किए जाएँ।
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