आगरा नगर निगम ने होटल किया सीज:गृहकर बकाया होने पर दो घरों को कु्र्की का नोटिस, लाखों रुपये का गृहकर हुआ जमा

आगरा में नगर निगम बकायेदारों के खिलाफ कुर्की व संपत्ति सीलिंग की कार्रवाई कर रहा है। गृह कर जमा न कराने पर राजस्व विभाग की टीम ने ताजगंज क्षेत्र में होटल को सीज करने के साथ ही दो भवन स्वामियों को कुर्की वारंट जारी किया। कार्रवाई के डर से दो अन्य लोगों ने मौके पर ही लाखों रुपये का बकाया जमा करा दिया। जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। ताजगंज जोन में हैंडीक्राफ्ट नगर के रहने वाले सुरेंद्र कुमार के द्वारा होटल ग्रांड कासा का संचालन किया जा रहा था। इस भवन पर गृहकर के रुप में 2,57,714 रुपये का गृहकर बकाया चला आ रहा था। टैक्स जमा कराये जाने के लिए नगर निगम की ओर से भवन स्वामी को कई बार नोटिस जारी किये गये लेकिन भवन स्वामी द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इस पर राजस्व विभाग की टीम ने जोनल अधिकारी जोगेंद्र सिंह के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए होटल को सीज कर दिया। दो घरों को दिए कुर्की के वारंट महादेव नगर निवासी देवेंद्र गोस्वामी पर गृहकर के 1,68,109 रुपये बकाया चले आ रहे थे। कई बार इन्हें भी नोटिस जारी किये गये। लेकिन नोटिस पर कोई संज्ञान न लेने पर इनको नगर निगम की ओर से कुर्की वारंट जारी किया गया है। रामवती के भवन पर भी 2,79,911 रुपये का गृहकर बकाया चला आ रहा था। इन्हें भी कुर्की वारंट जारी किया गया। मौके पर जमा कराया बकाया मलको गली के रहने वाले राजेश गुप्ता पर भी 1,54,610 रुपये का टैक्स बकाया चला आ रहा था। जब राजस्व विभाग की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची तो इन्होंने 1,17,662 रुपये का चेक देकर अपने को कार्रवाई से बचा लिया। इसी प्रकार से अनिल कुमार अग्रवाल पुराना कुतलूपुर एमजीरोड के होटल द ग्रेट इंपीरियल पर 12,15,018 रुपये संपत्तिकर के रुप में बकाया चले आ रहे थे। जब निगम की टीम सीलिंग की कार्रवाई के लिए पहुंची तो इन्होंने लगाये गये टैक्स पर आपत्ति व्यक्त करते हुए 2,71,205 रुपये का चेक विभागीय टीम को देकर कार्रवाई से खुद को बचा लिया।

Jan 18, 2025 - 06:05
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आगरा नगर निगम ने होटल किया सीज

आगरा नगर निगम ने शहर के एक प्रमुख होटल को सीज कर दिया है, जिसका मुख्य कारण होटल पर बकाया गृहकर का लंबित होना है। इस कार्रवाई के तहत, नगर निगम ने न केवल होटल को सीज किया, बल्कि दो अन्य घरों के खिलाफ भी कुर्की का नोटिस जारी किया है। यह कदम नगर निगम द्वारा संपत्ति कर वसूली के लिए उठाया गया है, ताकि शहर के विकास कार्यों के लिए आवश्यक धनराशि जुटाई जा सके।

गृहकर बकाया की गंभीरता

होटल का गृहकर बकाया लाखों रुपये में है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि नगर निगम की संपत्ति कर वसूलने की प्रक्रिया कितनी अहम है। यह कार्रवाई उन सभी संपत्तियों के लिए एक चेतावनी है, जो गृहकर में भुगतान में लापरवाह हैं। नगर निगम के अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी रेजिस्टर्ड संपत्तियों से समय पर कर वसूल किया जाए।

अगले कदम

अब जिन घरों को कुर्की का नोटिस प्राप्त हुआ है, उनके मालिकों को जल्द से जल्द बकाया राशि चुकाने के लिए कहा गया है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो नगर निगम उन्हें कुर्की के माध्यम से वैधानिक कार्रवाई का सामना करने के लिए मजबूर कर सकता है। यह सरकार द्वारा किए जा रहे वित्तीय स्वास्थ्य पुनर्स्थापन के एक हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, ताकि सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।

इस तरह के कदम नागरिकों को कर के मामलों में जागरूक भी करते हैं और सरकारी राजस्व में वृद्धि की दिशा में दो कदम आगे बढ़ाते हैं। भविष्य में, ऐसे मामलों में सुधार के लिए अतिरिक्त जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकते हैं।

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