आजमगढ़ में BSA, क्लर्क, शिक्षक सहित 9 पर मुकदमा:पांच शिक्षिकाओं की नियुक्ति का लगा है आरोप, वर्तमान बीएसए ने दर्ज कराया मुकदमा
आजमगढ़ जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव पाठक ने जिले के पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार मिश्रा पटल सहायक तत्समय, पटल सहायक डिस्पैच, जय किशन गुप्ता प्रबंधक, नमिता जायसवाल सहायक अध्यापिका, चंदा शुक्ला सहायक अध्यापिका, उर्मिला यादव सहायक अध्यापिका वंदना यादव सहायक अध्यापिका और सुमन यादव सहायक अध्यापिका के विरुद्ध जिले के सिधारी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि परमा देवी जयसवाल बालिका जूनियर हाई स्कूल सरदहा बाजार के प्राथमिक अनुभाग में पांच शिक्षिकाओं की कोर्ट रचित प्रपत्रों पर नियुक्ति की गई है। इस मामले में संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ मंडल ने मामले की जांच कराई। जांच में यह बातें सामने आई की पांचो शिक्षिकाओं की नियुक्ति में उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल नियमावली 1975 के प्रावधानों का पालन न करके प्रबंधक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आपसी साठ गांठ करके फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर यह नियुक्ति की गई। कोविड संक्रमण के समय दिखाया गया साक्षात्कार इस मामले में जांच में अभी बातें सामने आई की पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमरेश कुमार के फर्जी हस्ताक्षर से अनुमोदन प्रदान किया गया। इसके साथ ही लॉकडाउन के समय साक्षात्कार दर्शाया गया। इसके साथ ही अनियमित रूप से नियुक्त तीन शिक्षकों को वेतन भुगतान रोकने का आदेश किसी भी स्तर से न किए जाने के कारण इन्हें राजकोष से भुगतान किया जाता रहा। इसके साथ ही बार-बार विद्यालय प्रबंधन को बुलाए जाने पर भी उपस्थित नहीं होने के मामले में यह शिकायत दर्ज कराई गई। इस मामले में मनोज कुमार मिश्रा जोगी तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी थे जांच रिपोर्ट में आरोपित पाए गए जिसके आधार पर नौ आरोपियों के विरुद्ध यह मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिले के पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक और एडी बेसिक रहे मनोज कुमार मिश्रा पर जिले में तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे। 100000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ था एडी बेसिक कार्यालय में तैनात बाबू आजमगढ़ जिले में तैनात रहे एडी बेसिक मनोज कुमार मिश्रा के कार्यालय में तैनात अस्सिटेंट क्लर्क मनोज श्रीवास्तव 19 फरवरी 2024 को ₹100000 की रिश्वत लेते जिले की एंट्री करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया था। एंटी करप्शन की पूछताछ टीम में आरोपी क्लर्क मनोज श्रीवास्तव ने बताया था कि इस पैसे को एडी बेसिक मनोज कुमार मिश्रा तक पहुंचाना था। इस मामले में भी एडी बेसिक मनोज कुमार मिश्रा पर मुकदमा दर्ज हुआ था।

आजमगढ़ में BSA, क्लर्क, शिक्षक सहित 9 पर मुकदमा
आजमगढ़ में एक महत्त्वपूर्ण घटना सामने आई है, जहां जिला शिक्षा अधिकारी (BSA), कई क्लर्क और शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मामला नौ व्यक्तियों के खिलाफ किया गया है जिनमें पांच शिक्षिकाओं की नियुक्ति से संबंधित गंभीर आरोप शामिल हैं। वर्तमान BSA ने अपनी पहचान को उजागर करते हुए यह मुकदमा दर्ज कराया है।
पांच शिक्षिकाओं की नियुक्ति के पीछे का विवाद
कहा जा रहा है कि इन शिक्षिकाओं की नियुक्ति में अनियमितताएँ पाई गई हैं, जो कि शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। इस मामले की गहन जांच की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी नियुक्तियों में कानून का पालन किया गया है या नहीं।
संबंधित व्यक्तियों की भूमिका और उत्तरदायित्व
मुकदमे में शामिल व्यक्तियों में BSA, कुछ क्लर्क और शिक्षकों की एक लंबी सूची है। यह आरोप है कि इन सभी ने मिलकर नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी की। न्यायालय में ये सभी आरोपी अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो कानूनी सहायता लेंगे।
जांच और आगे की कार्रवाई
सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। इस समिति का मुख्य उद्देश्य आरोपों की सत्यता को जांचना और शिक्षा प्रणाली की कार्यप्रणाली में आवश्यक सुधार लाना है। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
इस गंभीर स्थिति का सामना करते हुए, सभी संबंधित पक्षों को सजग रहना होगा और समय पर उचित कार्रवाई करनी होगी। राज्य की शिक्षा प्रणाली को बनाए रखने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर कड़ा ध्यान दिया जाए।
अंत में, यह मुकदमा आजमगढ़ में शिक्षा जगत के लिए एक चेतावनी है कि सभी कार्य पारदर्शिता के साथ किए जाएँ ताकि भविष्य में छात्रों और शिक्षकों के बीच विश्वास बना रहे।
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