बलूच बोले- पाक का हाईजैक ट्रेन छुड़ाने का दावा झूठा:बंधक कब्जे में, लड़ाई जारी; सेना बोली- विद्रोहियों को अफगानिस्तान से ऑर्डर मिले थे
बलूच लड़ाकों ने गुरुवार को हाईजैक ट्रेन छुड़ाने पर पाकिस्तानी सेना के दावे को झूठा करार दिया। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने कहा कि अभी भी बलूचिस्तान के सिबि इलाके में लड़ाई जारी है। BLA ने बताया कि पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ है। सेना अपनी हार और नाकामी को छिपाने के लिए लगातार झूठे दावे कर रही है। बलूच आर्मी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि अगर वाकई पाकिस्तानी सेना ने बंधकों को रिहा करवा लिया है तो वो उन बंधकों की तस्वीर क्यों नहीं जारी कर रही है। दरअसल, हमने युद्ध नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत बुजुर्ग, बच्चों और महिलाओं को छोड़ा था। इसे पाकिस्तान सरकार अपना एचीवमेंट बता रही है। एक दिन पहले पाकिस्तान ने कहा था-ट्रेन हाईजैक संकट खत्म बुधवार रात 9:30 बजे पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने ट्रेन हाईजैक संकट खत्म होने का दावा किया। उन्होंने कहा था कि 33 बलूच लड़ाकों को मार गिराया है। इस ऑपरेशन में कुछ बंधक भी मारे गए हैं। उधर, पाकिस्तानी फॉरेन ऑफिस का दावा है कि बलूच लड़ाके हाईजैक के दौरान अफगानिस्तान में मौजूद अपने सरगनाओं के संपर्क में थे, उन्हें वहां से ऑर्डर मिल रहे थे। हालांकि अफगान सरकार ने इस दावे को नकार दिया है। 6 पॉइंट्स में समझिए अब तक क्या क्या हुआ... लड़ाकों की कैद से रिहा पैसेंजर्स की तस्वीर... चश्मदीद का दावा उसने 50-60 सैनिकों के शव देखे बलूच लड़ाकों की कैद से छूटे एक बंधक का दावा है कि उसने 50-60 पाकिस्तानी सैनिकों के शव देखें हैं। जबकि पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसके कुल 28 सैनिक मारे गए हैं, जिनमें से 27 ऑफ ड्यूटी थे, जबकि एक की मौत ऑपरेशन के दौरान हुई। PM शरीफ बोले- आतंकवाद के रहते देश तरक्की नहीं करेगा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आज बलूच लड़ाकों की कैद से छूटे लोगों से मिलने क्वेटा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि जब तक बलूचिस्तान और खैबर के इलाके में आतंकवाद रहेगा देश तरक्की नहीं कर सकता है। उन्होंने ट्रेन हाईजैक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए साथ मिलकर काम करने की अपील की। PM शरीफ ने कहा कि ट्रेन पर हमला करने वालों ने रमजान के पवित्र महीने की भी परवाह नहीं की। बलूचिस्तान के बोलान जिले में हुआ हमला जाफर एक्सप्रेस मंगलवार सुबह 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए चली थी। इसके सिबि पहुंचने का टाइम 1.30 बजे था। इससे पहले ही दोपहर करीब 1 बजे बलूचिस्तान के बोलान जिले के माशकाफ इलाके में बलूच लिबरेशन आर्मी ने गुडालार और पीरू कुनरी के बीच इस हमले को अंजाम दिया। यह पहाड़ी इलाका है, जहां 17 सुरंगें हैं, इसके चलते ट्रेन को धीमी स्पीड पर चलाना पड़ता है। इसका फायदा उठाकर BLA ने ट्रेन पर हमला किया। सबसे पहले बलूच आर्मी ने माशकाफ में टनल नंबर-8 में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया। इससे जाफर एक्सप्रेस डिरेल हो गई। इसके बाद BLA ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में ट्रेन का ड्राइवर भी घायल हुआ। इस ट्रेन में सुरक्षाबल, पुलिस और ISI के एजेंट्स सफर कर रहे थे। सभी पंजाब जा रहे थे। इन्होंने BLA के हमले का जवाब दिया, लेकिन BLA ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया। इस दौरान कई सुरक्षाकर्मी मारे गए। घटना की जानकारी मिलने पर पाकिस्तान आर्मी ने BLA पर जमीनी फायरिंग की और हवा से बम भी बरसाए, लेकिन BLA लड़ाकों ने किसी तरह आर्मी के जमीनी ऑपरेशन को रोक दिया। पिछले साल 25 और 26 अगस्त 2024 की आधी रात BLA ने इस ट्रेन के रूट में कोलपुर और माच के बीच एक ब्रिज को उड़ा दिया था। इसके चलते ट्रेन की सर्विस रोक दी गई थी। 11 अक्टूबर 2024 से ट्रेन सर्विस फिर से शुरू हो गई थी। बलूचिस्तान के 590 करोड़ टन खनिज पर चीन की नजर पाकिस्तान की सरकार बलूचिस्तान से बलूचों को खदेड़ने के लिए बार-बार सैन्य कार्रवाई करती रही है। इस कार्रवाई की दो बड़ी वजह हैं। पहली- बलूचिस्तान की भौगोलिक स्थिति, जो इसे दुनिया के कुछ सबसे अमीर स्थानों में खड़ा कर देती है। दरअसल, यह इलाका पाक के दक्षिण-पश्चिम में है, जिसके क्षेत्रफल में ईरान और अफगानिस्तान की भी जमीनें शामिल हैं। यह 3.47 लाख वर्ग किमी में फैला है। इस हिसाब से यह पाक का सबसे बड़ा प्रांत है। देश का 44% भूभाग यहीं है, जबकि इतने बड़े क्षेत्र में पाक की कुल आबादी के सिर्फ 3.6% यानी 1.49 करोड़ लोग ही रहते हैं। दूसरी, इस जमीन के नीचे मौजूद तांबा, सोना, कोयला, यूरेनियम और अन्य खनिजों का अकूत भंडार। इससे यह पाक का सबसे अमीर राज्य भी है। यहां की रेको दिक खान दुनिया की सोने और तांबे की खदानों में से एक है। यह चगाई जिले में है, जहां 590 करोड़ टन खनिज होने का अनुमान है। इसके प्रति टन भंडार में 0.22 ग्राम सोना और 0.41% तांबा है। इस हिसाब से इस खान में 40 करोड़ टन सोना छिपा है। जिसकी अनुमानित कीमत 174.42 लाख करोड़ रुपए तक हो सकती है। इसके बावजूद यह इलाका पाकिस्तान के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक है। पाकिस्तान ये बेशकीमती खदानें चीन को देकर अपनी किस्मत चमकाना चाहता है। उस पर 124.5 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है, जो उसकी GDP का 42% है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और लोगों का संघर्ष आज भी जारी है। BLA की प्रमुख मांग पाकिस्तान से अलग होकर बलूचिस्तान देश का गठन करना है। बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाले कई संगठन हैं। इनमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे ताकतवर संगठन है। ये संगठन 70 के दशक में अस्तित्व में आया, लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव बढ़ा है। BLA बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्ति दिलाना चाहता है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर उनका हक है। पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को 2007 में आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर सिडनी स्थित

बलूच बोले- पाक का हाईजैक ट्रेन छुड़ाने का दावा झूठा: बंधक कब्जे में, लड़ाई जारी; सेना बोली- विद्रोहियों को अफगानिस्तान से ऑर्डर मिले थे
पाकिस्तान में एक हाईजैक किए गए ट्रेन मामले पर बलूच विद्रोहियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तान की सेना का दावा ट्रेन को छुड़ाने का झूठा है। उनके अनुसार, बंधक अभी भी आतंकियों के कब्जे में हैं और स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है। बलूच विद्रोही समूह ने इस घटना को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है, जबकि सेना ने उन्हें जवाबी कार्रवाई का आदेश अफगानिस्तान से मिलने की बात की है। यह मामला पूरे क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति को लेकर नए सवाल उठाता है।
घटना की पृष्ठभूमि
यह घटना पिछले सप्ताह की है जब एक ट्रेन को हाईजैक किया गया था। बलूच विद्रोहियों ने इसे अपने खिलाफ चल रहे संघर्ष का हिस्सा बताया और सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान की सेना के दावों को चुनौती दी। उनके मुताबिक, सेना ने केवल स्थिति को सामान्य दिखाने के लिए ये दावे किए हैं।
सेना का बयान
पाकिस्तानी सेना ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि विद्रोहियों को अफगानिस्तान से आदेश प्राप्त हुए थे, जिसके चलते यह हाईजैकिंग की गई। सेना ने यह भी कहा कि वे स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच इस घटनाक्रम को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ लोगों ने बलूच विद्रोहियों की बातों का समर्थन किया है, जबकि अन्य ने सेना के दावों पर विश्वास जताया है। इस स्थिति ने क्षेत्र में एक नया गतिरोध उत्पन्न कर दिया है।
समग्र रूप से, यह मामला न केवल पाकिस्तान के अंदर होना है, बल्कि यह पूरे दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति पर भी प्रभाव डालने की क्षमता रखता है। जैसे-जैसे स्थिति विकसित होगी, इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
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