इजराइल-हमास ने सीजफायर डील पर साइन किए:नेतन्याहू सरकार शनिवार को मंजूरी देगी, सुरक्षा मंत्री ने समर्थन वापस लेने की धमकी दी

इजराइल और हमास ने सीजफायर डील पर साइन कर दिए हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है। डील को लेकर आज सिक्योरिटी कैबिनेट की मीटिंग होगी। सरकार शनिवार को इसे मंजूरी देगी। इसके बाद 19 जनवरी से सीजफायर लागू होगा। इससे पहले गुरुवार को सीजफायर डील को मंजूरी देने के लिए इजराइली कैबिनेट की मीटिंग होनी थी। हालांकि हमास की मांगों को लेकर PM बेंजामिन नेतन्याहू ने मीटिंग कर रद्द कर दी थी। नेतन्याहू ने आरोप लगाया था कि हमास आखिरी समय में समझौते की शर्तों से मुकर रहा है। इजराइल टाइम्स के मुताबिक हमास ने फिलिस्तीनी कैदियों की पहचान से जुड़ा मुद्दा उठाया था, जिसे बाद में हल कर लिया गया। इससे पहले बुधवार को बंधकों को रिहाई और सीजफायर डील के फाइनल होने पुष्टि हुई थी। ये डील 3 फेज में पूरी होगी। पहले फेज में इजराइल के 33 बंधकों को रिहा किया जाएगा। बदले में इजराइल भी 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। इजराइली सेना भी गाजा से पीछे हटेगी। इजराइली सुरक्षा मंत्री ने किया डील का विरोध इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री और दक्षिणपंथी नेता बेन-ग्विर इतामार हमास के साथ सीजफायर डील के विरोध में उतर आए हैं। गुरुवार शाम बेन-ग्विर ने डील को मंजूरी देने पर सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी। इजराइल टाइम्स के मुताबिक ग्विर ने हमास के साथ समझौते को बड़ी लापरवाही कहा है। डील में क्या होना था? डील के मुताबिक सीजफायर का पहला फेज 42 दिन का होगा। पहले फेज में हमास 33 इजराइली बंधकों को रिहा करेगा। बदले में इजराइल भी हमास के 250 कैदियों को रिहा करेगा। साथ ही इजराइली सेना गाजा की सीमा से 700 मीटर पीछे लौटेगी। सीजफायर के लिए पिछले कई हफ्तों से कतर की राजधानी दोहा में बातचीत चल रही थी। इस बातचीत में मिस्र और अमेरिका भी शामिल थे। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक कतर PM थानी ने हमास और इजराइल के प्रतिनिधियों से बुधवार को मुलाकात की, जिसके बाद ये डील पूरी हुई। बंधकों की पहली फेज की रिहाई के 15 दिन बाद हमास बाकी बंधकों को रिहा करेगा। इस बीच दोनों पक्ष स्थायी सीजफायर पर बात करेंगे। बाइडेन और ट्रम्प में क्रेडिट वॉर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को सीजफायर का क्रेडिट लेने का दावा किया। व्हाइट हाउस ने इस डील में ट्रम्प के प्रतिनिधि को भी शामिल किया था। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि ये ऐतिहासिक समझौता, राष्ट्रपति चुनाव में हमारी जीत की वजह से हो पाया। ट्रम्प ने कहा कि ये डील मेरे प्रशासन की शांति स्थापित करने और अमेरिका व उसके सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास का सबूत है। वहीं बाइडेन ने व्हाइट हाउस से अपने आखिरी भाषण में डील का जिक्र करते हुए कहा कि- सीजफायर के लिए हमारे कूटनीतिक प्रयास कभी रुके नहीं। यह समझौता हमास पर बढ़ते दबाव, क्षेत्रीय समीकरणों में बदलाव और लेबनान में सीजफायर के बाद ही संभव हो सका। यह अमेरिका की कूटनीति का नतीजा है। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने शपथग्रहण से पहले हमास को सीजफायर करने का अल्टीमेटम दिया था। कतर और अमेरिका की मध्यस्थता में डील इस समझौते के लिए कतर की राजधानी दोहा में मिस्र, कतर और अमेरिका की मदद से बातचीत की गई। इसमें इजराइल का प्रतिनिधित्व मोसाद चीफ डेविड बार्निया और शिन बेट चीफ रोनेन बार ने किया। वहीं, अमेरिका की तरफ से यहां पर ट्रम्प के दूत स्टीव विटकॉफ और बाइडेन के दूत ब्रेट मैकगर्क मौजूद रहे। इजराइल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... हमास के साथ सीजफायर के विरोध में उतरे इजराइली नागरिक:सरकार पर सरेंडर करने का आरोप लगाया; डील के समर्थन में भी प्रदर्शन इजराइल और हमास के बीच सीजफायर डील के विरोध में इजराइली नागरिकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट की मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आतंकियों के सामने सरेंडर करने का आरोप लगाया है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Jan 17, 2025 - 08:25
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इजराइल-हमास ने सीजफायर डील पर साइन किए:नेतन्याहू सरकार शनिवार को मंजूरी देगी, सुरक्षा मंत्री ने समर्थन वापस लेने की धमकी दी
इजराइल और हमास ने सीजफायर डील पर साइन कर दिए हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी पुष्टि

इजराइल-हमास ने सीजफायर डील पर साइन किए: नेतन्याहू सरकार शनिवार को मंजूरी देगी

इजराइल और हमास के बीच एक महत्वपूर्ण सीजफायर डील पर सहमति बन गई है, जिसे नेतन्याहू सरकार की ओर से शनिवार को औपचारिक मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस समझौते के पीछे कई महीनों की बातचीत और तनाव में कमी लाने के प्रयास शामिल हैं।

सीजफायर डील के महत्व

यह सीजफायर डील दोनों पक्षों के लिए बुनियादी महत्त्व रखती है। इससे ना केवल क्षेत्र में स्थिरता आएगी, बल्कि नागरिकों के जीवन में भी सुधार होगा। पिछले कई महीनों से दोनों के बीच हिंसक झड़पें चल रही थीं, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन प्रभावित हुआ था।

सरकार की मंजूरी की प्रक्रिया

नेतन्याहू सरकार ने इस सीजफायर डील को स्वीकृति देने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं की शुरुआत कर दी है। हालाँकि, सुरक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर समझौते की यह प्रक्रिया संतोषजनक नहीं रही, तो वह समर्थन वापस लेने के लिए मजबूर हो सकते हैं। यह स्थिति बहुत ही संवेदनशील है और सरकार को अपने निर्णय लेने में सावधानी बरतनी होगी।

स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस सीजफायर डील को लेकर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कई देशों ने इस पहल का स्वागत किया है, वहीं कुछ विपक्षी समूहों ने इसे अपर्याप्त बताया है। भविष्य में इसके संचालन की निगरानी को लेकर चर्चा भी जारी है।

निष्कर्ष

इस सीजफायर डील की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि नेतन्याहू सरकार इसे किस प्रकार लागू करती है और क्या सुरक्षा मंत्री अपनी चेतवानी को वापस लेते हैं। यदि समझौता सफल होता है, तो यह इजराइल-हमास के बीच लंबे समय तक शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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