इस्लामिक देश इंडोनेशिया BRICS का 10वां मेंबर बना:ब्राजील ने किया ऐलान; सऊदी अरब एक साल बाद भी शामिल नहीं
दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया BRICS का स्थायी सदस्य बन गया है। 2025 में BRICS की अध्यक्षता करने जा रहे ब्राजील ने सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की। जवाब में इंडोनेशिया सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया। ब्राजील ने कहा कि इंडोनेशिया को 2023 में जोहान्सबर्ग समिट में ही ब्रिक्स में शामिल होने की हरी झंडी मिल गई थी, लेकिन तत्कालीन जोको विडोडो की सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव तक रुकने की मोहलत मांगी थी। चुनाव के खत्म होने के बाद राष्ट्रपति प्रोबोवे सुबियांतो ने अक्टूबर 2024 में पदभार संभाला। इसके बाद ब्रिक्स का मेंबर बनने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। इंडोनेशिया ब्रिक्स में शामिल होने वाला 10वां देश है। साउथ अफ्रीका ने साल 2023 में ईरान, UAE, इजिप्ट और इथोपिया के साथ सऊदी अरब के शामिल होने की घोषणा की थी। सऊदी अरब के ब्रिक्स में शामिल होने की प्रक्रिया फरवरी 2024 में शुरू होने वाली थी लेकिन आखिरी वक्त में सऊदी अरब ने कहा था कि वह फिलहाल ब्रिक्स में शामिल नहीं हो रहा है। ब्राजील करेगा ब्रिक्स 2025 की अध्यक्षता इसी साल जुलाई में ब्रिक्स सम्मेलन ब्राजील की अध्यक्षता में रियो डी जनेरियो में होगा। इस बार ब्रिक्स का थीम ग्लोबल साउथ है। इसमें सदस्य देशों के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए पेमेंट गेटवे के विकास का लक्ष्य रखा गया है। बीते साल 2024 में रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स संगठन की बैठक हुई थी। इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच सीमा विवाद सुलझाने पर बातचीत हुई थी। इस समिट में गैर डॉलर लेन-देने को बढ़ावा देने और लोकल करेंसी को मजबूत करने पर भी चर्चा की गई थी। लेकिन अमेरिका इससे नाराज हो गया था। डोनाल्ड ट्रम्प ने सदस्य देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। साल 2006 में बना था ब्रिक्स संगठन ब्राजील, चीन, रूस और भारत ने मिलकर ब्रिक्स की स्थापना 2006 में की थी। हालांकि इसकी आधिकारिक बैठक 2009 में रूस के येकातेरिनबर्ग में हुआ था। इसके बाद 2010 में साउथ अफ्रीका को भी शामिल करने पर सहमति बनी। पिछले साल संगठन का विस्तार हुआ और इसमें ईरान, मिस्र, इथियोपिया पूर्ण सदस्य बना। इसके बाद से ब्रिक्स को ब्रिक्स प्लस भी कहा जाने लगा। यूरोपियन यूनियन (EU) को पछाड़कर BRICS दुनिया का तीसरा सबसे ताकतवर आर्थिक संगठन बन चुका है। ग्लोबल GDP में EU के देशों की कुल हिस्सेदारी 14% है, वहीं BRICS देशों का हिस्सा 27% से ज्यादा है। सऊदी अरब अभी तक ब्रिक्स का हिस्सा नहीं सऊदी अरब को 2023 में ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। इसके बाद 2024 में सऊदी अरब के ब्रिक्स के साथ जुड़ने की घोषणा हुई थी लेकिन बाद सऊदी अरब ने साफ किया कि वह अभी तक इसका हिस्सा नहीं बना है। रूस ने पिछले साल अक्टूबर में वह बयान वापस ले लिया था जिसमें सऊदी अरब को ब्रिक्स का मेंबर बताया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिकी की नाराजगी की वजह से सऊदी अरब अब तक ब्रिक्स का हिस्सा नहीं बना है। इसके बाद तुर्की ने इसका फायदा उठाते हुए ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था। पाकिस्तान-तुर्की नहीं हो पाए ब्रिक्स का हिस्सा पाकिस्तान ने 2023 में आधिकारिक तौर पर BRICS में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था। लेकिन अब तक पाकिस्तान को शामिल होने को लेकर सहमति नहीं बनी है। गौरतलब है कि पाकिस्तान को चीन और रूस दोनों का समर्थन हासिल है। एक और मुस्लिम देश तुर्की ने भी पिछले साल ब्रिक्स में शामिल होने के लिए कोशिश की थी, लेकिन उसकी भी एंट्री नहीं हो पाई। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत की वजह से पाकिस्तान और तुर्की दोनों की ब्रिक्स में एंट्री नहीं हो पाई है। ब्रिक्स में किसी भी नए देश को शामिल करने के लिए सभी सदस्य देशों की सहमति जरूरी होती है लेकिन भारत के विरोध की वजह से ये शर्त पूरी नहीं हो पाई। BRICS समिट 2024 के आयोजन के दौरान 13 देशों को पार्टनर देश का दर्जा दिया गया था। पाकिस्तान को इसमें भी जगह नहीं मिल पाई थी। हालांकि तुर्की को ब्रिक्स के सदस्य देशों में जगह दी गई। ---------------------------------------- ब्रिक्स संगठन से जुड़ी ये खबर भी पढे़... रूस बोला- भारत और चीन के साथ तिकड़ी मजबूत:दुनिया की ताकत एशिया में शिफ्ट हो रही रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने BRICS समिट से ठीक पहले रूस-भारत-चीन (RIC) तिकड़ी को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से ये देश औपचारिक तौर पर नहीं मिले हैं, लेकिन आज भी ये एक मजबूत संबंध रखते हैं। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक लावरोव ने एक रूसी मीडिया से इंटरव्यू में कहा कि कोविड और कुछ और चीजों की वजह से इन देशों की बैठक नहीं हुई है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

इस्लामिक देश इंडोनेशिया BRICS का 10वां मेंबर बना
News by indiatwoday.com
ब्राज़ील ने किया ऐलान
हाल ही में, ब्राज़ील ने ऐलान किया है कि इस्लामिक देश इंडोनेशिया, अब BRICS ब्लॉक का 10वां सदस्य बन गया है। BRICS, जिसमें ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, एक महत्वपूर्ण आर्थिक समूह है जो विकासशील देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है। इंडोनेशिया की BRICS में सदस्यता, उसके बढ़ते वैश्विक प्रभाव और आर्थिक मजबूती को दर्शाती है।
सऊदी अरब का सदस्यता में विलंब
इसी बीच, यह भी ध्यान देने योग्य है कि सऊदी अरब, जो BRICS सदस्यता के लिए आवेदन कर चुका था, एक साल बाद भी इस महत्वपूर्ण समूह में शामिल नहीं हो पाया है। यह स्थिति दर्शाती है कि BRICS सदस्यता प्राप्त करना आसान नहीं है। सवाल उठता है कि क्या सऊदी अरब अपने भविष्य के आर्थिक गठबंधन के लिए BRICS को प्राथमिकता देगा या अन्य विकल्पों पर विचार करेगा।
इंडोनेशिया की भूमिका और महत्व
इंडोनेशिया की BRICS में शामिल होने से, इस समूह की वैश्विक स्थिरता और आर्थिक मजबूती में नया संचार प्रवेश होगा। इंडोनेशिया दक्षिण-पूर्व एशिया का सबसे बड़ा देश है और इसके पास विशाल बाजार और प्राकृतिक संसाधन हैं। इसके सदस्यता से BRICS के पास एक नई रणनीतिक गहराई भी होगी, जिससे यह विकासशील देशों के लिए अधिक आकर्षक बन सकता है।
आगे का रास्ता
ईसीदनो सिरों से BRICS की विस्तारित भूमिका के प्रति नजर रखने की आवश्यकता है, क्योंकि यह विभिन्न क्षेत्रों में देशों के साथ वैश्विक सहयोग को और मजबूत करने के लिए कार्य करेगा। भारतीय जैविक दृष्टिकोण के तहत, यह विकसित देशों के श्रेणी में एक वर्किंग प्लेटफॉर्म प्रदान कर सकता है।
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