उप्र सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम:भजन-देशभक्ति गीतों को गाया, कवि सम्मेलन में बही सुर सरिता
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जुपिटर हॉल में उप्र सुरक्षा और सुशासन की नीति के आठ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 'उत्कर्ष के आठ वर्ष' समारोह का दूसरा दिन सांस्कृतिक रंग में सराबोर रहा।कार्यक्रम की शुरुआत शक्ति श्रीवास्तव और उनकी टीम के भजन से हुई। उन्होंने 'आज मोहे रघुवर की सुध आई' सहित अवध के प्रसिद्ध गीतों की प्रस्तुति दी। महेश चंद्र देवा की टीम ने 'आठ साल बेमिसाल' नाटक के माध्यम से सरकार की योजनाओं का प्रभाव दर्शाया। नाटक में महिला सुरक्षा और उज्जवला योजना जैसे विषयों को प्रमुखता से दिखाया गया। महिला सशक्तीकरण पर काव्य पाठ किया सोने लाल और उनकी टीम ने 'राम नाम अति मीठा है' जैसे भक्ति गीतों से समां बांधा। राजेन्द्र कुमार पाठक ने लोक गीतों की प्रस्तुति दी। उनके 'बेटी को सम्मान दिलाना' गीत पर दर्शक नाच उठे।शाम को आयोजित कवि सम्मेलन में हास्य कवि सर्वेश अस्थाना ने अपनी रचनाओं से दर्शकों को हंसाया। अशोक अग्निपथी ने महिला सशक्तीकरण पर काव्य पाठ किया। प्रमोद कुमार द्विवेदी ने देशभक्ति की कविताएं सुनाईं। प्रतिष्ठा श्रीवास्तव बैंड ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी कार्यक्रम के समापन पर मुंबई से आए प्रतिष्ठा श्रीवास्तव बैंड ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। 'वंदे मातरम्' और 'दिल दिया है जान भी देंगे' गीतों पर दर्शकों ने जोरदार प्रतिक्रिया दी। इस तरह समारोह का दूसरा दिन संगीत, नाटक और कविता के साथ यादगार बन गया।

उप्र सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम
उतर प्रदेश सरकार ने अपने आठ वर्ष पूरे होने पर एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस समारोह में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से राज्य की समृद्ध परंपरा और संस्कृति को प्रदर्शित किया गया। 'News by indiatwoday.com' के अनुसार, इस कार्यक्रम में भजन एवं देशभक्ति गीतों का संगीत सुनते ही महफिल सज गई।
भजन और देशभक्ति गीतों की महफिल
कार्यक्रम में विभिन्न प्रसिद्ध गायकों और कलाकारों ने भाग लिया, जिन्होंने भव्य भजनों और देशभक्ति गीतों का प्रदर्शन किया। इस संगीनी सजावट ने उपस्थित लोगों को भावुक कर दिया। लोग तालियां बजाते हुए देशभक्ति के जज़्बे से भर गए।
कवि सम्मेलन की विशेषता
इस अवसर पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्र के कवियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उनकी काव्य रचनाएं सुनकर उपस्थित दर्शकों ने सराहना की और सुरों की सरिता में डूब गए। यह कार्यक्रम न केवल संगीत प्रेमियों के लिए बल्कि साहित्य प्रेमियों के लिए भी एक अनूठा अनुभव रहा।
समारोह का उद्देश्य
इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य की संस्कृति को संरक्षित करना और लोगों के बीच एकता और सामंजस्य को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हुए, जो इसे एक सामूहिक उत्सव की तरह महसूस किया।
आगे का रास्ता
इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य सरकार न केवल संस्कृति को उजागर कर रही है, बल्कि युवाओं को प्रेरित करने का भी कार्य कर रही है। ऐसे आयोजनों से स्थानीय कलाकारों को भी प्रमोट करने का अवसर मिलता है। 'News by indiatwoday.com' आगे भी ऐसे आयोजन करने का वादा करती है।
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