कड़ाके की ठंड में गरीबों को मिली राहत:विंध्याचल में वैश्य समाज और धार्मिक संस्थाओं ने 800 जरूरतमंदों को बांटे कंबल
मिर्जापुर में कड़ाके की ठंड से आम नागरिकों को राहत देने के लिए विभिन्न संगठनों ने बड़ी पहल की है। वैश्य समाज और श्री विंध्य धाम चैरिटेबल ट्रस्ट ने मिलकर लगभग 800 जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरित किए। सेमफोर्ड स्कूल में वैश्य समाज की जिला इकाई ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें करीब 500 जरूरतमंदों को कंबल दिए गए। समाज के जिलाध्यक्ष ई. विवेक बरनवाल, महामंत्री प्रतीक अग्रवाल और नगर अध्यक्ष मुकेश अग्रहरी के नेतृत्व में यह वितरण किया गया। मकर संक्रांति के अवसर पर समरसता भोज का भी आयोजन किया गया। विंध्याचल धाम में श्रृंगारिया शेखर शरण उपाध्याय ने श्री विंध्य धाम चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से लगभग 300 गरीब और जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरित किए। उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी सेवा है। इस सेवा कार्य में उनके पुत्र राघवेंद्र उपाध्याय ने भी सक्रिय भागीदारी की। कार्यक्रम में वैश्य समाज के कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही, जिनमें भाजपा के मंडल अध्यक्ष डाली अग्रहरी, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनोज जायसवाल, वर्तमान पालिकाध्यक्ष श्याम सुंदर केशरी प्रमुख थे। महिला संगठन की जिलाध्यक्ष रानी सेठ सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस सेवा कार्य में योगदान दिया।

परिचय
विंध्याचल क्षेत्र में कड़ाके की ठंड के बीच गरीबों को राहत पहुँचाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। वैश्य समाज और विभिन्न धार्मिक संस्थाओं ने मिलकर 800 जरूरतमंदों को कंबल बाँटे हैं। यह कदम ठंड के मौसम में गरीबों के लिए एक संजीवनी की तरह आया है।
राहत वितरण का आयोजन
इस आयोजन में स्थानीय समाजसेवियों ने अपना योगदान दिया। कंबल वितरण का कार्यक्रम स्थानीय मंदिरों और समाज के केंद्रों पर आयोजित किया गया। यहाँ पर जरूरतमंद लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। इस मौके पर अनेक महिला-पुरुषों ने स्वेच्छा से भाग लिया और सेवा की भावना के तहत कंबल वितरित किए।
समाज का योगदान
वैश्य समाज और धार्मिक संस्थाएँ हमेशा से सामाजिक कार्यों में सक्रिय रही हैं। इस बार भी उन्हें देखकर यह नजर आया कि वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में संकोच नहीं कर रहे हैं। कंबल वितरण कार्यक्रम के आयोजन में स्थानीय व्यापारियों और समाजों ने भी आर्थिक रूप से सहयोग किया। इस प्रकार का कार्य समाज में एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है।
सरकार का सहयोग
सरकार द्वारा भी इस प्रकार के कार्यों को प्रोत्साहन दिया जाता है। ठंड के मौसम में गरीबों की सहायता करना केवल एक सामाजिक दायित्व नहीं, बल्कि यह मानवता का सबसे बड़ा उदाहरण है। उम्मीद की जा रही है कि अन्य संगठन और निजी लोग भी ऐसे कार्यों में सहभागिता करेंगे।
सारांश
कड़ाके की ठंड में जिन गरीब जरूरतमंदों को राहत मिली, उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल कंबल बाँटने का कार्य है, बल्कि समाज में सहयोग और मानवता को भी उजागर करता है। इससे प्रेरित होकर, हमें भी अपने आस-पास के लोगों की सहायता करने के लिए प्रेरित होना चाहिए। Keywords: गरीबों के लिए कंबल, विंध्याचल सामाजिक कार्य, वैश्य समाज राहत अभियान, धार्मिक संस्थाएं कंबल वितरण, कड़ाके की ठंड में मदद, जरूरतमंदों को राहत, योगदान करने वाले संगठन, ठंड के मौसम में सहायता, सामुदायिक सेवा विंध्याचल, धार्मिक समुदाय की पहल.
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