करोड़ों का बकायेदार बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल अभी जेल में रहेगा:तहसील सदर प्रशासन ने जेल में बंद बिल्डर की रिमांड 14 दिन और बढ़ा दी है
रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के 33 करोड़ का बकायेदार बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल जनवरी की सर्द रातें अभी जेल में ही काटेगा। तहसील सदर प्रशासन ने उसकी 14 दिन की रिमांड और बढ़ा दी है। बिल्डर को प्रशासन ने 11 दिसंबर को जेल भेजा था। तब से दूसरी बार उसकी रिमांड बढ़ाई गई है। एसडीएम ने जारी किया आदेश एसडीएम सदर सचिन राजपूत के निर्देश पर बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल को एत्मादपुर से गिरफ्तार किया गया था। बकायेदार निखिल होम्स प्रा. लि. और मां मंशा देवी सहकारी आवास समिति लि. के खिलाफ 39 आरसी जारी हुई थीं। इन पर 26 करोड़ रुपये से अधिक की बकायेदारी थी। ब्याज लगाकर बकायेदारी 33 करोड़ रुपये हो गई। बकायेदारी की रकम चुकाए बिना बिल्डर का जेल से बाहर निकलना संभव नहीं है। उसके खिलाफ 39 आरसी जारी हैं। हर वसूली के मामले में अवधि बढ़ती जा रही है। 39 आरसी हो चुकी है जारी बकाया धनराशि की रिवकरी के लिए रेरा ने डीएम आगरा के माध्यम से आरसी जारी की थी। उनके खिलाफ 39 आरसी जारी हो चुकी हैं। बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल से वसूली के लिए उनकी अचल संपत्ति निखिल पार्क रॉयल खसरा नंबर 209-210 चमरौली ताजनगरी फेस द्वितीय को कुर्क कर 23 अक्टूबर को नीलामी होनी थी। लेकिन बोली लगाने कोई नहीं आया। 14 दिन की रिमांड और बढ़ा दी एसडीएम सदर का कहना है कि बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल की रिमांड की अवधि 14 दिन और बढ़ा दी है। बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल की कुर्कशुदा संपत्ति पर आपत्तियां आने के कारण नीलामी की कार्रवाई नहीं की जा सकी है। बकायेदार की अचल संपत्ति के संबंध में आईं आपत्तियों का निस्तारण होगा। इसके बाद नीलामी तारीख तय की जाएगी। प्रशासन ने जुलाई 2023 में दोनों की संपत्तियां कुर्क कर ली थीं। निखिल पार्क रॉयल अपार्टमेंट चमरौली में चार ब्लॉक में लगभग 200 फ्लैट कुर्क किए थे। इस अपार्टमेंट के 48 फ्लैटों की नीलामी के लिए दो बार तारीख लगाई गई लेकिन खरीदार न पहुंचने की वजह से नीलामी की कार्रवाई नहीं हो सकी।

करोड़ों का बकायेदार बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल अभी जेल में रहेगा
तहसील सदर प्रशासन ने फैसला लिया है कि बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल की रिमांड 14 दिन के लिए और बढ़ा दी गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि मामले में अभी और जांच की आवश्यकता है। बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल पर करोड़ों रुपये का बकाया है, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी हुई थी। इस मामले में तहसील प्रशासन की कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
बिल्डर पर लगे आरोप
शैलेंद्र अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने कई परियोजनाओं में निवेशकों को धोखा दिया है और उनके पैसे डूबा दिए हैं। ऐसे में प्रशासन की यह कार्रवाई महत्वपूर्ण है ताकि अन्य संभावित अवैध गतिविधियों का पता लगाया जा सके। उनके मामले में गहन छानबीन और कानूनी प्रक्रिया जारी है, और यह कार्रवाई उन सभी निवेशकों के लिए न्याय सुनिश्चित करने का एक हिस्सा है।
निवेशकों का हाल
इस स्थिति में निवेशकों का विश्वास हिल गया है। उन्होंने अपनी बचत और निवेश बिल्डर के हाथों में सौंपा था, लेकिन अब उनका भविष्य अनिश्चित है। तहसील प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सभी कानूनी कदम उठाए जाएंगे ताकि निवेशकों को उनका बकाया मिल सके। इस मामले में तेजी से कार्यवाई उम्मीद की जा रही है>.
अपने अधिकारों को समझने के लिए, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लें और अपनी बिजनेस योजनाओं को सही ढंग से आवलोकन करें। यह घटना एक चेतावनी भी है कि सभी निवेशकों को किसी भी परियोजना में निवेश करने से पहले पूरी जानकारी और सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
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समापन विचार
शैलेंद्र अग्रवाल का मामला एक उदाहरण है जिससे हम सीख सकते हैं कि किसी भी क्षेत्र में, खासकर रियल एस्टेट में, सावधानी बरतना कितना महत्वपूर्ण है। प्रशासन की यह कार्रवाई दिखाती है कि यदि कोई भी व्यक्ति या संगठन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
आगे की सुनवाई में क्या विकास होते हैं, इस पर ध्यान देना आवश्यक रहेगा। Keywords: शैलेंद्र अग्रवाल बकायेदार, बिल्डर गिरफ्तारी समाचार, करोड़ों का इन्वेस्टमेंट धोखा, तहसील सदर प्रशासन रिमांड, निवेशकों को कानूनी सलाह, रियल एस्टेट मामले अपडेट, बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल जेल, रिमांड बढ़ाने की खबर, बकाया राशि वसूली प्रक्रिया.
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