काशी विद्यापीठ में 88.98 लाख का किताब खरीद घोटाला:रिटायर्ड जिला जज के नेतृत्व में वीसी ने बनाई जांच कमेटी, कुलसचिव ने जून 2024 में भेजी थी नोटिस

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में पुस्तकालय के लिए हुई किताबों की खरीद मामले में अब वीसी ने जांच कमेटी नियुक्त कर दी है। इस कमेटी का नेतृत्व रिटायर्ड जिला जज श्याम बिहारी राय करेंगे। यह तीन सदस्यीय समिति राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान योजना (RUSA) के अंतर्गत बुक बैंक की स्थापना के लिए मनमाने ढंग से किताबों की खरीद में मनमाने ढंग से 88.98 लाख रुपए खर्च करने में पाई गई अनियमितता की जांच करेगी। बता दें कि इस संबंध में कुलसचिव डॉ सुनीता पांडेय ने 18 जून 2024 को हेड लाइब्रेरियन को एक नोटिस भेजकर तीन दिन के अंदर जवाब मांगा था। जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि इसमें 2 लाख रुपए की किताबें ऐसी खरीदीं गई हैं। जो अनुपयोगी हैं लाइब्रेरी के लिए। फिलहाल यह तीन सदस्यीय कमेटी जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट वीसी को सौंपेगी। उत्तर प्रदेश महालेखाकार के सम्प्रेक्षा दल ने किया था आडिट इस संबंध में विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ सुनीता पांडेय ने बताया- हेड लाइब्रेरियन शिवराम द्वारा केंद्रीय पुस्तकालय के बुक बैंक के लिए RUSA के मद से कुल 82 लाख की पुस्तकों की खरीद की गई थी। इसमें महालेखाकार उत्तर प्रदेश शासन की टीम ने आडिट में अनियमितता पाई थीं। इसपर लाइब्रेरियन को जून 2024 में एक नोटिस भेजी गई थी। जिसका उन्हें तीन दिन में जवाब देना था। जानिए आडिट में क्या मिली थी रिपोर्ट कुलसचिव के अनुसार - पुस्तकों की खरीद-फरोख्त में लाइब्रेरियन ने पुस्तकों की निश्चित सीमा निर्धारित किए बिना प्रत्येक विभाग/संकाय से विभिन्न टाइटिल के अत्याधिक पुस्तकों की सूची प्रेषित की थी। जिसके सापेक्ष संबंधित प्रकाशकों द्वारा 10 से 20 प्रतिशत ही मात्र पुस्तकों की आपूर्ति विश्वविद्यालय को की गई। इसके अलावा किसी भी प्रकार की क्रय प्रतिलिपि प्रशासन और वित्त अधिकारी को प्रेषित नहीं की थी। कुलपति ने बनाई जांच कमेटी इस मामले में अब कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने RUSA योजना के अंतर्गत बुक बैंक की स्थापना के लिए मनमाने ढंग से किताबें क्रय कर धनराशि 88.98 लाख का अनियमित खर्च और उसके रख-रखाव के लिए जारी 11 लाख रुपए का व्यय न करने के मामले में पाई गई अनियमितता की जांच के लिए जांच कमेटी बनाई है। तीन सदस्यीय जांच कमेटी के अध्यक्ष रिटायर जिला जज श्याम बिहार राय होंगे। इनके साथ डिप्टी लाइब्रेरियन गौतम सोनी और बाबू डॉ जयशंकर प्रसाद सिंह शामिल हैं।

Jan 17, 2025 - 16:45
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काशी विद्यापीठ में 88.98 लाख का किताब खरीद घोटाला:रिटायर्ड जिला जज के नेतृत्व में वीसी ने बनाई जांच कमेटी, कुलसचिव ने जून 2024 में भेजी थी नोटिस
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में पुस्तकालय के लिए हुई किताबों की खरीद मामले में अब वीसी ने जांच क

काशी विद्यापीठ में 88.98 लाख का किताब खरीद घोटाला

काशी विद्यापीठ में हाल ही में हुए 88.98 लाख रुपये के किताब खरीद घोटाले ने विश्वविद्यालय में हलचल मचा दी है। इस घोटाले के मामले की गंभीरता को देखते हुए, रिटायर्ड जिला जज के नेतृत्व में एक जांच कमेटी बनाई गई है। यह कदम विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उठाया गया है ताकि घोटाले की गहनता से जांच की जा सके और दोषियों पर उचित कार्रवाई की जा सके।

जांच कमेटी का गठन

जांच कमेटी का गठन रिटायर्ड जिला जज के नेतृत्व में किया गया है, जो इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करेगी। यह कमेटी पुस्तकों की खरीद में हुई अनियमितताओं की जांच करेगी और यह निर्धारित करेगी कि किन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है।

कुलसचिव द्वारा नोटिस भेजना

इस मामले की जड़ तक पहुंचने के लिए, कुलसचिव ने जून 2024 में संबंधित अधिकारियों को नोटिस भेजा था। इस नोटिस में घोटाले की सूचना देने और संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए कहा गया है। कुलसचिव का यह कदम विश्वविद्यालय में पारदर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण है।

दोषियों के लिए दंड का प्रावधान

यदि जांच में घोटाले से जुड़े किसी भी व्यक्ति की संलिप्तता स्थापित होती है, तो उन पर कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

छात्रों और स्टाफ की चिंता

इस घोटाले के प्रकाश में आने से छात्रों और स्टाफ के बीच चिंता बढ़ गई है। कई छात्रों ने इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्हें आशंका है कि इस घोटाले का असर उनकी शिक्षा और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा पर पड़ेगा।

समापन में, यह स्पष्ट है कि काशी विद्यापीठ में 88.98 लाख रुपये का यह किताब खरीद घोटाला एक गंभीर आर्थिक अनियमितता है, जिसके लिए विश्वविद्यालय को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

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