काश पटेल बोले- मुझे लोगों ने नस्लीय गाली दी:सीनेट में बयान दिया; जय श्री कृष्णा से स्पीच शुरू की, कलावा पहने नजर आए

ट्रम्प प्रशासन में FBI डायरेक्टर के लिए चुने गए काश पटेल ने गुरुवार को सीनेट में बताया कि उन्हें नस्लवाद का सामना करना पड़ा था। FBI डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति के लिए काश पटेल को सीनेट से मंजूरी लेनी है। इसे लेकर सुनवाई चल रही है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने पटेल से पूछा कि, "क्या उन्होंने कभी व्यक्तिगत रूप से नस्लवाद का अनुभव किया है।" इस पर सीनेट की ज्यूडिशियरी कमेटी के सामने पटेल ने कहा कि, दुर्भाग्य से उन्हें इसका सामना करना पड़ा है। पटेल ने बताया कि 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल में हुई हिंसा की जांच के दौरान उन्होंने कमेटी के सामने बयान दिए थे। कांग्रेस (अमेरिकी संसद) ने उनकी निजी जानकारियां सार्वजनिक कर दी थी। इसके बाद पटेल को जान से मारने की धमकियां मिली। साथ ही उन्हें डिटेस्टेबल सेंड निगर कहा गया। यह एक नस्लभेदी गाली है जिसका इस्तेमाल मिडिल ईस्ट, नॉर्थ अफ्रीका और साउथ एशिया के लोगों को अपमानित करने के लिए किया जाता है। जय श्री कृष्णा से स्पीच की शुरुआत की गुरुवार को सीनेट में सुनवाई के दौरान काश पटेल ने अपनी स्पीच की शुरुआत 'जय श्री कृष्णा' के नारे से की। वे कलावा पहने हुए नजर भी आए। उन्होंने वॉशिंगटन डीसी में प्लेन और हेलिकॉप्टर के क्रैश में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं भी व्यक्त की। सुनवाई के दौरान उनके माता-पिता सीनेट में मौजूद थे। काश पटेल की मां अंजना पटेल और पिता विनोद पटेल भारत से अमेरिका पहुंचे थे। उनकी बहन और परिवार के दूसरे लोग भी वहां मौजूद थे। पटेल ने माता-पिता और परिवार के अन्य लोगों का सीनेट में स्वागत भी किया। पटेल ने FBI डायरेक्टर के तौर पर नॉमिनेट करने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प का धन्यवाद भी किया। कैपिटल हिल हिंसा के आरोपियों की माफी पर ट्रम्प से अलग राय काश पटेल ने सुनवाई के दौरान कैपिटल हिल हिंसा के आरोपियों को ट्रम्प के माफी देने के फैसल का विरोध किया। सीनेट में सुनवाई के दौरान पटेल ने कहा, वह ट्रम्प के सजा में छूट के फैसले का विरोध करते हैं , जिसके तहत 6 जनवरी के सैकड़ों दंगाइयों को जेल से रिहा कर दिया गया, जिन्होंने पुलिस अधिकारियों पर हमला किया था। ट्रम्प ने 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद कैपिटल हिल हिंसा के 1200 से ज्यादा आरोपियों को माफ करने का ऐलान किया। साथ ही 14 दोषियों को सजा में छूट भी दी है। इन आरोपियों ने 6 जनवरी 2021 को संसद पर चढ़ाई कर पुलिस वालों पर हमले किए थे। पटेल ने कहा कि लॉ एनफोर्समेंट (कानून प्रवर्तन) एजेंसियों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। ----------------------- पूरी खबर यहां पढ़ें.... काश पटेल ने ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में इंटेलिजेंस में काम किया: गुजराती परिवार से ताल्लुक रखते हैं, अब FBI डायरेक्टर बनेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जांच एजेंसी ‘फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन' (FBI) के अगले डायरेक्टर के लिए नवंबर में भारतवंशी कश्यप काश पटेल के नाम की घोषणा की थी। इससे पहले काश पटेल ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान रक्षा मंत्रालय में चीफ ऑफ स्टाफ, नेशनल इंटेलिजेंस में डिप्टी डायरेक्टर और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में आतंकवाद विरोधी कार्यक्रमों के सीनियर डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Jan 31, 2025 - 14:59
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काश पटेल बोले- मुझे लोगों ने नस्लीय गाली दी:सीनेट में बयान दिया; जय श्री कृष्णा से स्पीच शुरू की, कलावा पहने नजर आए
ट्रम्प प्रशासन में FBI डायरेक्टर के लिए चुने गए काश पटेल ने गुरुवार को सीनेट में बताया कि उन्हें नस

काश पटेल बोले- मुझे लोगों ने नस्लीय गाली दी: सीनेट में बयान दिया

हाल ही में काश पटेल ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया जिसमें उन्होंने नस्लीय गालियों का सामना करने की अपनी व्यक्तिगत कहानी साझा की। यह घटना उस समय हुई जब वह एक सीनेट की सुनवाई में उपस्थित थे। उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे उन्हें भिन्न-भिन्न कारणों से नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा है। उनकी कहानी सिर्फ उनके व्यक्तिगत अनुभवों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक मुद्दे को भी उजागर करती है।

जय श्री कृष्णा से स्पीच शुरू की

काश पटेल ने अपने बयान की शुरुआत "जय श्री कृष्णा" से की, जिससे यह साफ हो गया कि उनका आस्था और संस्कृति से गहरा संबंध है। इस प्रकार की शुरुआत ने उनके भाषण को और भी प्रभावशाली बना दिया। उन्होंने अपनी संस्कृति के प्रति गर्व का इजहार करते हुए नस्लीय भेदभाव के खिलाफ बोलने की आवश्यकता पर जोर दिया।

कलावा पहने नजर आए

दिलचस्प बात यह है कि काश पटेल ने इस अवसर पर कलावा पहना हुआ था। कलावा, जोकि हिंदू संस्कृति का प्रतीक है, ने उनके बयान को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। यह एक संकेत था कि वे अपनी धार्मिक पहचान को गर्व से जीते हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के प्रति दृढ़ संकल्पित हैं।

काश पटेल का यह बयान समाज में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ जागरूकता फैलाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। उनके शब्दों में शक्ति है, जो हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम सभी को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए।

समाज पर प्रभाव

उनके इस बयान से निश्चित रूप से समाज में एक नई सोच का संचार होगा। यह सभी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है कि जब हम सामूहिक रूप से एक-दूसरे का समर्थन करेंगे, तब ही हम एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। काश पटेल जैसे लोग हमें यह सिखाते हैं कि हमें अपने अनुभवों को साझा करने से डरे बिना आगे आना चाहिए।

समाज में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ खड़े होना एक महत्वपूर्ण कार्य है, और काश पटेल ने यह दिखाया है कि ये बातें केवल व्यक्तिगत नहीं हैं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी हैं। उनके इस बयान से आशा है कि और लोग भी इस दिशा में अपनी आवाज उठाएंगे।

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