किसानों का गोवर्धन तहसील में प्रदर्शन:चक रोड पर कब्जा और मुआवजे को लेकर 2 घंटे दिए धरना, अधिकारियों ने मानी मांगें
गोवर्धन तहसील में आज भारतीय किसान यूनियन (सुनील गुट) ने जोरदार प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय महासचिव लक्ष्मण चौधरी और जिला अध्यक्ष थान सिंह पहलवान के नेतृत्व में किसानों ने 'जय जवान जय किसान' और 'किसानों को न्याय दो' के नारे लगाते हुए तहसील का घेराव किया। किसानों ने तहसील में धरना दिया, जो करीब 2 घंटे तक चला। जब कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, तो यूनियन ने तहसील में तालाबंदी की चेतावनी दी। इसके बाद एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और किसानों की मांगें मान ली गईं। राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन चतुर्वेदी और अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि गांव बछगाव में भू-माफिया ने किसानों के चक रोड पर अवैध कब्जा कर रखा है। इससे किसानों का आवागमन बाधित हो रहा है। पिछली बरसात में फसलें बर्बाद होने के बावजूद अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। किसानों की प्रमुख मांगों में बछगाव के जल भराव प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा, भू-माफिया पर कार्रवाई, सौख से बछगांव तक ब्रज 84 कोस परिक्रमा मार्ग का निर्माण शामिल हैं। किसानों ने तहसील में दलालों के माध्यम से काम कराने और अवैध वसूली की शिकायत भी की। प्रदर्शन में राष्ट्रीय महासचिव बबलू चौधरी, आगरा मंडल अध्यक्ष नीरज प्रधान, उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन श्याम पाठक, बालकृष्ण दीक्षित समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

परिस्थितियाँ और मुद्दे
गोवर्धन तहसील में किसानों ने चक रोड पर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य उन समस्याओं को उजागर करना था जिनका सामना किसानों को मुआवजे के रूप में मिल रही राहत के ना मिलने की वजह से करना पड़ रहा है। प्रदर्शन में शामिल किसानों ने अधिकारियों से तत्काल समाधान की मांग की, जिससे उनकी चिंता को सुनने के लिए अधिकारियों को भी वहां आना पड़ा।
प्रदर्शन का उद्देश्य
किसानों ने 2 घंटे तक धरना दिया और इसके दौरान उन्होंने अपनी मांगों को स्पष्ट किया। उनका प्राथमिक मुद्दा था कि भूमि अधिग्रहण के बाद सही मुआवजे का न मिलना, जिसे उन्होंने स्थायी समस्या बताया। इस धरने में स्थानीय किसानों ने अपना एकजुटता दिखाते हुए अपनी आवाज़ को उठाया। किसानों का मानना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो उनका जीवन प्रभावित होगा, क्योंकि वे अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर हैं।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
प्रदर्शन के बाद अधिकारियों ने किसान प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की और उनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया। यह निर्णय किसानों के लिए राहत का कारण बना, जो उनके संघर्ष को दर्शाता है। अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही मुआवजे की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा ताकि किसानों को उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार किया जा सके।
भविष्य की उम्मीदें
इस प्रदर्शन के बाद, किसानों को उम्मीद है कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा और भविष्य में ऐसे संघर्षों की जरुरत ना पड़े। क्षेत्र के कई अन्य किसानों ने भी इस आंदोलन में भाग लिया, जो इस बात का संकेत है कि वे भी अपने حقوق की रक्षा के लिए एकजुट हैं।
निष्कर्ष
गोवर्धन तहसील में हुआ यह किसान प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसने न केवल स्थानीय प्रशासन को जागरूक किया, बल्कि किसानों के लिए आशा की एक नई किरण भी लाई है। उम्मीद है कि इस प्रकार के आंदोलन आगे भी जारी रहेंगे, जब तक कि सभी किसान अपनी मांगों को प्राप्त नहीं कर लेते। Keywords: किसानों का प्रदर्शन गोवर्धन, चक रोड पर धरना, मुआवजा समस्या 2023, गोवर्धन तहसील किसान आंदोलन, प्रशासन और किसानों की वार्ता, भारतीय किसान संगठन, कृषि मुआवजा नीति, उत्तर प्रदेश किसान समस्या, किसान अधिकार और विरोध, भूमि अधिग्रहण मुआवजा For more updates, visit indiatwoday.com.
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