गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर बिजनौर में विरोध-प्रदर्शन:मुजफ्फरनगर रूट के फैसले से नाराजगी, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
बिजनौर में गंगा एक्सप्रेसवे के रूट को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। भुइयार उत्थान समिति के बैनर तले लोगों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर एक्सप्रेसवे को बिजनौर से जोड़ने की मांग की है। बिजनौर के लोगों का कहना है कि यह जिला ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का केंद्र है। यहां गंगा नदी की 115 किलोमीटर लंबी धारा बहती है, जो उत्तर प्रदेश में सबसे लंबी है। बिजनौर हरिद्वार से जुड़ा हुआ है और महात्मा विदुर एवं महाराजा भरत की जन्मभूमि है। मुख्यमंत्री ने 2021 में नजीबाबाद के जालबपुर गुदड़ गांव में एक कार्यक्रम के दौरान गंगा एक्सप्रेसवे को बिजनौर होते हुए मेरठ-हरिद्वार तक ले जाने का वादा किया था। लेकिन 24 जनवरी 2025 को प्रयागराज महाकुंभ में हुई कैबिनेट बैठक में मुजफ्फरनगर रूट को प्राथमिकता दी गई। स्थानीय लोगों का मानना है कि एक्सप्रेसवे के मुजफ्फरनगर से गुजरने से बिजनौर का विकास प्रभावित होगा। उन्होंने अपने ज्ञापन में जिले के ऐतिहासिक महत्व का जिक्र किया है। यहां राजा दुष्यंत और शकुंतला की प्रणय स्थली है, जहां मालन नदी गंगा से मिलती है। यहीं विदुर कुटी में भगवान कृष्ण ने दुर्योधन के छप्पन भोग त्यागकर भोजन किया था। ज्ञापन देने वालों में बलजीत सिंह, शेर सिंह, डॉ. यशपाल, वीर सिंह, पवन कुमार समेत कई प्रमुख नागरिक शामिल थे। उनका कहना है कि एक्सप्रेसवे का रूट बदलने से जनता में आक्रोश है।

गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर बिजनौर में विरोध-प्रदर्शन
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की परियोजना है, लेकिन हाल ही में बिजनौर में इस योजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला है। स्थानीय जनता और संगठनों ने मुजफ्फरनगर रूट के फैसले को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। यह विरोध प्रदर्शन प्रमुख रूप से ग्रामीणों और हितधारकों द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने अपनी चिंताओं और आपत्तियों को उजागर किया।
विरोध-प्रदर्शन का कारण
बिजनौर में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण गंगा एक्सप्रेसवे के मुजफ्फरनगर रूट के चयन का निर्णय है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि इस रूट का चयन उनके जीवन और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह परियोजना विकास के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति और पारिस्थितिकी को प्रभावित कर रही है।
ज्ञापन में उठाए गए मुद्दे
प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम जो ज्ञापन सौंपा, उसमें कई प्रमुख मुद्दों को उठाया गया। उन्होंने मांग की कि स्थानीय लोगों की जरूरतों को प्राथमिकता दी जाए और गंगा एक्सप्रेसवे के रूट का पुनर्विचार किया जाए। ज्ञापन में साफ तौर पर यह कहा गया कि मुफ्त परिवहन और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।
प्रदर्शन की प्रतिक्रिया
विरोध प्रदर्शन के बाद, प्रशासन के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं को गंभीरता से लिया जाएगा। हालांकि, स्थानिय निवासियों ने कहा कि केवल आश्वासन ही पर्याप्त नहीं है, वे ठोस कदम उठाने की अपेक्षा रखते हैं।
अग्रिम कदम और संवाद
इस घटना के बाद, स्थानीय नेताओं ने एक बैठक बुलाई है, जिसमें गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के सभी हितधारकों को आमंत्रित किया जाएगा। इस बैठक का उद्देश्य सभी पक्षों के बीच संवाद स्थापित करना और समस्याओं का समाधान खोजना है।
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना ने जहाँ एक ओर आर्थिक संभावनाओं को उजागर किया है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय जनता की चिंताओं को भी ध्यान में रखकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
News by indiatwoday.com Keywords: गंगा एक्सप्रेसवे विरोध प्रदर्शन, बिजनौर प्रदर्शन, मुजफ्फरनगर रूट नाराजगी, मुख्यमंत्री ज्ञापन, गंगा एक्सप्रेसवे मुद्दे, स्थानीय निवासियों की चिंताएँ, बुनियादी ढाँचा परियोजना, ग्रामीण विकास, परिवहन नीतियाँ, प्रदेश की समस्याएँ.
What's Your Reaction?






