गोरखपुर में 2 हत्याओं के 6 दोषियों को उम्रकैद:अभियुक्तों पर जुर्माना, नहीं चुकाने पर बढ़ेगी सजा; कोर्ट ने कहा-सख्त सजा से मिलेगा न्याय

गोरखपुर में हत्या के दो अलग-अलग मामलों में अदालत ने 6 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों मामलों में अभियुक्तों को अर्थदंड भी लगाया गया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए कठोर सजा आवश्यक है, ताकि समाज में भयमुक्त माहौल बना रहे। पहला मामला: रेलवे क्वार्टर में मिली थी खून से लथपथ लाश चौरीचौरा इलाके की रहने वाली बबिता ने 18 दिसंबर 2006 को पुलिस को सूचना दी थी कि उनके भाई के साले प्रभुनाथ उर्फ गुड्डू चौधरी का शव बौलिया रेलवे कॉलोनी स्थित क्वार्टर में पड़ा है। प्रभुनाथ रेलवे में बाबू के पद पर कार्यरत थे और क्वार्टर की एक चाबी बबिता के पास भी रहती थी। घटना के दिन शाम करीब 7:30 बजे जब बबिता वहां पहुंचीं, तो क्वार्टर बाहर से बंद था। ताला खोलने पर अंदर का नजारा भयावह था—प्रभुनाथ की खून से लथपथ लाश फर्श पर पड़ी थी। जांच में झंगहा क्षेत्र के राजधानी निवासी राजेश कुमार रावत और तिवारीपुर थाना क्षेत्र के माधोपुर निवासी प्रमोद कुमार निषाद का नाम सामने आया। अपर जनपद न्यायाधीश गोविंद मोहन ने दोनों को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 21-21 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर अभियुक्तों को एक साल आठ माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दूसरा मामला: पैसे देने के बहाने बुलाकर की थी हत्या 21 अप्रैल 2009 की सुबह शाहपुर इलाके के घोषीपुरवा कब्रिस्तान के पास एक अज्ञात शव पड़ा मिला। पास ही एक हीरो होंडा सीडी डॉन मोटरसाइकिल भी खड़ी थी। स्थानीय निवासी अब्दुल जब्बार ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद जांच शुरू हुई। विवेचना के दौरान मृतक की पहचान हेमंत हिरवानी के रूप में हुई, जिसे कुछ लोगों ने पैसे देने के बहाने बुलाया और फिर उसकी हत्या कर दी। इस मामले में शाहपुर के सोडिया कुआं निवासी विजय कुमार उपाध्याय उर्फ पिंटू, पादरी बाजार निवासी मोरिश उर्फ बंटी उर्फ मनीष, घोषीपुरवा निवासी सैफ अली और सरस्वतीपुरम जेल रोड निवासी संजुम आरिफ का नाम सामने आया। अपर जनपद न्यायाधीश अशोक कुमार यादव ने चारों को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर अभियुक्तों को एक साल 2 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष ने रखे ठोस तर्क, दोषियों को नहीं मिली राहत दोनों मामलों में अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकीलों ने ठोस सबूत और गवाह पेश किए। रेलवे कॉलोनी हत्या मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रद्धानंद पांडेय और रवींद्र सिंह ने अभियोजन पक्ष का पक्ष रखा, जबकि कब्रिस्तान हत्या मामले में सरकारी वकील बृजेश सिंह और संजीत शाही ने मजबूत पैरवी की। अदालत ने अभियोजन पक्ष के तर्कों को स्वीकार करते हुए अभियुक्तों को दोषी माना और कड़ी सजा सुनाई। सख्त सजा से नजीर, अपराधियों में बढ़ेगा भय अदालत के इस फैसले को अपराध पर सख्ती से अंकुश लगाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। दोनों ही मामलों में सुनवाई के दौरान अभियुक्तों के बचाव पक्ष ने सजा में नरमी बरतने की अपील की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। न्यायाधीशों ने अपने फैसले में कहा कि समाज में कानून का डर बनाए रखने के लिए ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा मिलना जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

Mar 27, 2025 - 04:59
 62  231730
गोरखपुर में 2 हत्याओं के 6 दोषियों को उम्रकैद:अभियुक्तों पर जुर्माना, नहीं चुकाने पर बढ़ेगी सजा; कोर्ट ने कहा-सख्त सजा से मिलेगा न्याय
गोरखपुर में हत्या के दो अलग-अलग मामलों में अदालत ने 6 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

गोरखपुर में 2 हत्याओं के 6 दोषियों को उम्रकैद

गोरखपुर में हाल ही में एक महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय सुनाया गया है, जिसमें 2 हत्याओं के मामले में 6 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। इस मामले ने स्थानीय समुदाय में बड़ा हंगामा पैदा किया है और सभी की नजरें अब इस निर्णय के पीछे की जानकारी पर हैं। न्यायालय ने नहीं केवल जेल की सजा सुनाई, बल्कि दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है, जिसे यदि वे नहीं चुकाते हैं, तो उनकी सजा बढ़ाई जाएगी।

समाचार का संक्षेप

यह मामला गोरखपुर के उन हत्याओं से जुड़ा है, जो पिछले साल की घटनाओं का परिणाम है। दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सबूतों की कमी नहीं थी, और यह सजा न्यायालय द्वारा दिए गए सख्त संदेश का प्रतिनिधित्व करती है। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि सख्त सजा से न केवल न्याय मिलेगा, बल्कि यह अन्य अपराधियों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा।

दोषियों पर जुर्माना का निर्णय

न्यायालय ने ना केवल उम्रकैद की सजा दी, बल्कि प्रत्येक दोषी पर वित्तीय जुर्माना भी लगाया है। यदि वे इस जुर्माने का भुगतान करने में असमर्थ हैं, तो उनकी सजा को और भी बढ़ाया जाएगा। यह निर्णय कानून के प्रति सख्ती और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

समुदाय की प्रतिक्रिया

गोरखपुर की स्थानीय जनता ने न्यायालय के इस निर्णय का स्तुतिस्वरूप स्वागत किया है, और इसे न्याय में विश्वास के रूप में देखा जा रहा है। स्थानीय नेताओं ने भी इस मामले के बारे में अपनी राय दी है, जिससे यह स्पष्ट है कि इस निर्णय ने समाज में सकारात्मक प्रभाव डाला है।

यह घटना न केवल गोरखपुर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे प्रदेश में सुरक्षा और न्याय के मुद्दों पर नई रोशनी डालती है।

और अधिक अपडेट के लिए, कृपया indiatwoday.com पर जाएं।

निष्कर्ष

गोरखपुर में हत्याओं के दोषियों को उम्रकैद से संबंधित यह निर्णय निश्चित रूप से आगे चलकर अन्य न्यायिक मामलों के लिए दिशा निर्धारित करेगा। सख्ती से न्याय को लागू करने की यह प्रक्रिया समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि कानून सभी के लिए समान है। Keywords: गोरखपुर हत्या केस, उम्रकैद सजा, दोषियों की सजा, गोरखपुर न्यायालय, जुर्माना और सजा, गोरखपुर समाचार, न्याय में विश्वास, गोरखपुर घटना, कानून और न्याय, स्थानीय समुदाय प्रतिक्रिया.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow