झांसी में छात्र का सुसाइड, प्रधानाध्यापक समेत 3 सस्पेंड:बचपन का दोस्त बोला- वो कहता था कि पढ़ता हूं, कुछ समझ में नहीं आता

“रोहन कक्षा-1 से क्लास का टॉपर था। 11वीं में आया तो पढ़ाई में दिक्कत होने लगी। फिजिक्स-केमिस्ट्री उसे बिल्कुल समझ में नहीं आ रही थी। मुझसे कहता था कि पढ़ता हूं, लेकिन कुछ समझ में नहीं आता। इसी वजह से वो डिप्रेशन में चला गया और उदास रहने लगा। रविवार रात को उसने हॉस्टल की चौथी मंजिल से कूदकर जान दे दी।” ये कहते हुए रोहन का बचपन का दोस्त संजय रोने लगा। वो रोहन के साथ बचपन से ही दिगारा के राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में पढ़ रहा था और हॉस्टल में उसी के साथ कमरे में रहता था। रविवार रात को दोनों साथ सोए थे। लेकिन देर रात संजय जगा तो रोहन बिस्तर पर नहीं था। फिर सुबह उसकी लाश मिली। इधर, घटना का संज्ञान लेते हुए मंत्री असीम अरुण ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने प्रधानाध्यापक अवध किशोर वर्मा, छात्रावास अधीक्षक प्रियंका दीक्षित और छात्रावास सहायिका अंजलि पाल को सस्पेंड कर दिया है। छात्र की मौत के बाद दैनिक भास्कर ने दोस्तों से बातचीत की। दोस्तों ने कहा कि स्कूल में पढ़ाई का स्तर बहुत खराब है। दोस्तों ने डिप्रेशन से निकालने की कोशिश की रोहन (18) पुत्र बैजनाथ अहिरवार गरौठा के चतुर ताई गांव का रहने वाला था। वह कक्षा एक से दिगारा के राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में पढ़ रहा था। वह स्कूल में बने हॉस्टल में रहता था। दोस्त संजय ने बताया- “रोहन मेरा बहुत अच्छा दोस्त है। हम दोनों बचपन से इसी स्कूल में पढ़ रहे हैं और हॉस्टल में भी एकसाथ कमरे में रहते हैं। हर वक्त हम दोनों साथ ही रहते थे। रोहन पहले पूरे क्लास में टॉपर था। 11वीं कक्षा के बाद से उसे दिक्कत होने लगी और वो पढ़ाई में डाउन होने लगा। इसी वजह से डिप्रेशन में चला गया। उसे फिजिक्स-केमिस्ट्री ज्यादा परेशान कर रही थी। कहता था कि पढ़ता हूं, लेकिन कुछ समझ में नहीं आता। एक बार उदास बैठा था। पूरी क्लास के बच्चे एकत्र हुए और सबने पूछा क्या हुआ? हम लोगों ने उसको समझाया भी। एक-दो बार किला पर घुमाने ले गए, ताकि डिप्रेशन से बाहर आ सके। घर भी भेज दिया था। मगर वो ऐसा कर लेगा, ये सोचा भी नहीं था। पढ़ाने का तरीका ठीक नहीं क्लासमेट सुरेंद्र कुमार ने कहा कि रोहन 6 माह से ज्यादा परेशान था। स्कूल में भी वो कभी क्लास में आता था तो कभी रूम पर चला जाता था। कहता था कि क्लास में टीचर जो पढ़ाते हैं, वो समझ में नहीं आ रहा है। उसे ही नहीं, बाकी के बच्चों को भी यही समस्या है। इसलिए पूरी क्लास के बच्चे मोबाइल से पढ़ते हैं। टीचर पढ़ाते हैं, मगर बच्चों काे समझ में नहीं आता। उनके पढ़ाने का तरीका सही नहीं है। बिस्तर पर नहीं मिला तो ढूंढ़ा दोस्त मोहित कुमार ने बताया- हॉस्टल की तीसरी मंजिल पर कमरा नंबर 31 में रोहन के साथ अमित, संजय आदि स्टूडेंट्स रहते थे। रविवार रात 10 बजे रोहन खाना खाकर सो गया। रात को संजय जगा तो रोहन बिस्तर पर नहीं था। उसने सभी को जगाया। पूरे हॉस्टल को देखा तो रोहन नहीं मिला। चौथी मंजिल की छत पर गए तो उसके जूते रखे हुए थे। मोबाइल की टॉर्च जलाकर नीचे देखा तो रोहन पड़ा था। वो पढ़ाई को लेकर परेशान था। कहता था कि मुझे कोर्स समझ में नहीं आ रहा है। वहीं, दोस्त प्रशांत कुमार ने कहा- रोहन बहुत पहले से डिप्रेशन में था। उसकाे पढ़ाई को लेकर टेंशन थी। इसी वजह से उसने सुसाइड कर लिया। हम लोगों ने उसको समझाया भी था।

Jan 28, 2025 - 05:59
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झांसी में छात्र का सुसाइड, प्रधानाध्यापक समेत 3 सस्पेंड:बचपन का दोस्त बोला- वो कहता था कि पढ़ता हूं, कुछ समझ में नहीं आता
“रोहन कक्षा-1 से क्लास का टॉपर था। 11वीं में आया तो पढ़ाई में दिक्कत होने लगी। फिजिक्स-केमिस्ट्री उस

झांसी में छात्र का सुसाइड, प्रधानाध्यापक समेत 3 सस्पेंड

झांसी से एक दिल दहला देने वाली खबर आई है, जहाँ एक छात्र ने अपने जीवन के आंतरिक संघर्षों के कारण सुसाइड कर लिया। यह घटना पूरे शहर के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में प्रधानाध्यापक समेत तीन शिक्षकों को निलंबित किया गया है। मामले का जिक्र करते हुए छात्र के दोस्त ने बताया कि वह हमेशा कहता था कि "पढ़ता हूं, कुछ समझ में नहीं आता।"

मामले का विवरण

छात्र की आत्महत्या का यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब उसे स्कूल में नियमित पढ़ाई में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। उसके दोस्त के अनुसार, छात्र हमेशा मानसिक दबाव में रहता था और स्कूल के शैक्षणिक माहौल से खुश नहीं था। ऐसे में उसके आत्महत्या के कदम ने सभी को चिंता में डाल दिया है। इस संदर्भ में स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।

शिक्षा प्रणाली पर सवाल

इस घटना के बाद शिक्षा प्रणाली और शिक्षकों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। क्या छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है? क्या स्कूलों में एक ऐसा सुरक्षित वातावरण है जहाँ छात्र अपने विचारों को खुल कर व्यक्त कर सकें? ये ऐसे प्रश्न हैं जिनका जवाब खोजना जरुरी है।

आगे की कार्रवाई

सुसाइड के इस मामले में कारवाई करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है ताकि पूरी घटना की छानबीन की जा सके। इसके अलावा, शिक्षा विभाग उस छात्र की कठिनाईयों को संबोधित करने के लिए समाधान ढूंढने का भी प्रयास कर रहा है।

समाज के सभी वर्गों को इस मामले से कुछ सीखने की जरूरत है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना सभी का कर्तव्य है। यह हमें याद दिलाता है कि हमें अपने आस-पास के लोगों का ध्यान रखना चाहिए और उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करना चाहिए।

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