ट्रम्प दोस्त या खतरा, सवाल पर जयशंकर का जवाब:वे भारत के लिए आउट ऑफ सिलेबस, मोदी के साथ उनके अच्छे रिश्ते
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ‘अमेरिकी राष्ट्रवादी' बताया है और कहा है कि उनकी कुछ नीतियां भारत के लिए आउट ऑफ सिलेबस हो सकती हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज में गुरुवार को एक डायलॉग सेशन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते को मजबूत बताया। जब विदेश मंत्री से डॉयलॉग सेशन में सवाल पूछा गया कि ट्रम्प को आप भारत के लिए किस रूप में देखते हैं- एक दोस्त या फिर खतरा? इस पर जयशंकर ने कहा- (मुस्कुराते हुए) भाई अभी उनके मेहमान बनके आए हैं। उनके शपथ ग्रहण में गए थे। अच्छा ट्रीटमेंट दिया हमको। अब उसी का अपना मैसेज होता है न! जयशंकर ने आगे कहा- वे (ट्रम्प) राष्ट्रवादी हैं। ट्रम्प को लगता है कि अमेरिका ने पिछले 80 साल से पूरी दुनिया की एक तरीके से जिम्मेदारी ले रखी है। यह फिजूल है। जो दुनिया पर खर्च होता है, वह अमेरिका में होना चाहिए। ये उनकी सोच है। रही बात हमारी तो भारत के संबंध अमेरिका से अच्छे हैं। मोदी जी के ट्रम्प से व्यक्तिगत संबंध हैं। जयशंकर बोले- अब गैर-भारतीय भी खुद को भारतीय कहते हैं जयशंकर ने यह माना कि ट्रम्प की कई नीतियां वैश्विक मामलों में अहम बदलाव ला सकती हैं। विदेश मंत्री ने कहा, वह बहुत सी चीजें बदलेंगे। हो सकता है कि कुछ चीजें आउट ऑफ सिलेबस हों लेकिन हमें देश के हित में विदेश नीतियों के संदर्भ में खुला रहना होगा । उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दे हो सकते हैं जिन पर हम एकमत न हों लेकिन कई क्षेत्र ऐसे होंगे जहां चीजें हमारे दायरे में होगी। सत्र के दौरान, जयशंकर ने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और देश के बारे में बदलती धारणाओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि अब गैर-भारतीय भी खुद को भारतीय कहते हैं, उन्हें लगता है कि इससे उन्हें विमान में सीट मिल जाएगी’ राजनीति में आने को लेकर कहा- ये बस एक संयोग जयशंकर ने शिक्षा क्षेत्र से नौकरशाह बनने और फिर राजनीति में आने को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा- मैंने कभी नहीं सोचा था कि ब्यूरोक्रेट बनूंगा। पॉलिटिक्स में मेरी एंट्री बस एक संयोग था, अब इसे भाग्य कहें, या मोदी कहें। उन्होंने (पीएम मोदी) इस तरह से मुझे आगे बढ़ाया कि मना नहीं कर सका।" जयशंकर ने यह भी कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीय अभी भी अपनी सहायता के लिए भारत पर ही निर्भर हैं। उन्होंने कहा, 'जो भी देश के बाहर जाते हैं, वे हमारे पास ही आते हैं। बाहर हम ही रखवाले हैं। ' ............................................... जयशंकर से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... अमेरिका में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक:जयशंकर की अमेरिकी विदेश मंत्री और NSA से मुलाकात; द्विपक्षीय बातचीत की भारतीय विदेशमंत्री जयशंकर ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की शपथ के बाद मंगलवार को क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। नए ट्रम्प प्रशासन में होने वाली ये पहली बड़ी बैठक थी। इसमें मीटिंग में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया। पूरी खबर यहां पढ़ें...

ट्रम्प दोस्त या खतरा, सवाल पर जयशंकर का जवाब
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ भारत के संबंधों पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की। उनका कहना है कि ट्रम्प की स्थिति अमेरिका और भारत के बीच वास्तविकता में एक जटिलता लाती है। वे मानते हैं कि ट्रम्प 'आउट ऑफ सिलेबस' हैं, यानी उनकी नीतियाँ और दृष्टिकोण भारत के लिए अनपेक्षित और अप्रत्याशित हो सकते हैं।
मोदी के साथ उनके अच्छे रिश्ते
जयशंकर ने ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच के संबंधों को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि मोदी और ट्रम्प के बीच एक मजबूत व्यक्तिगत रुख है, जो दोनों देशों के बीच सामरिक संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ट्रम्प के साथ मोदी की दोस्ती भारत के लिए एक लाभ हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही यह खतरा भी बन सकती है।
क्या ट्रम्प भारत के लिए मित्र हैं?
जयशंकर ने कहा कि ट्रम्प के भारत के प्रति दृष्टिकोण समय के साथ बदलने की संभावना है। यदि ट्रम्प की नीतियाँ भारत के सापेक्ष नकारात्मक रूप ले लेती हैं, तो यह द्विपक्षीय संबंधों के लिए मुद्दा बन सकता है। इससे यह सवाल उठता है: क्या ट्रम्प भारत के लिए मित्र हैं या खतरा? जयशंकर का स्पष्ट दृष्टिकोण है कि हमें सार्थक संवाद करना चाहिए और ट्रम्प प्रशासन के प्रति सतर्क रहना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में ट्रम्प का स्थान
ट्रम्प ने अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में एक अलग तरह का परिवर्तन किया है, जो केवल भारत नहीं, बल्कि अन्य देशों पर भी प्रभाव डालता है। जयशंकर ने भी इस बात का उल्लेख किया कि भारत को अपनी नीति और रणनीति में लचीलापन बनाए रखना होगा ताकि वह किसी भी अप्रत्याशित तत्वों से निपट सके।
इन सभी बिंदुओं के आधार पर, यह स्पष्ट होता है कि ट्रम्प का भारत के लिए एक जटिल और असुरक्षित भविष्य है। जयशंकर के विचारों ने इस मुद्दे पर एक नए दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया है, जिससे आने वाले समय में भारत की रणनीतिक नीतियों पर प्रभाव पड़ेगा।
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