ट्रम्प ने कनाडा को US में मिलने का ऑफर दोहराया:कहा- अमेरिका अब और सब्सिडी नहीं दे सकता, ट्रूडो ये जानते थे इसलिए इस्तीफा दिया
अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को एक बार फिर कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनने का ऑफर दिया। ट्रम्प ने यह ऑफर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के कुछ घंटों बाद ही सोशल मीडिया के जरिए दिया। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका अब कनाडा से और व्यापार घाटा नहीं सहन कर सकता और न ही उसे और ज्यादा सब्सिडी दे सकता है। कनाडा को अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है। ट्रूडो ये बात जानते थे, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। ट्रम्प ने कहा- अगर कनाडा अमेरिका में शामिल हो जाता है तो कोई टैरिफ नहीं होगा, टैक्स बहुत कम हो जाएंगे। इसके साथ ही कनाडा रूसी और चीनी जहाजों के खतरे से पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा। नवंबर 2024 में फ्लोरिडा में ट्रूडो ने ट्रम्प से मुलाकात की। इस दौरान भी ट्रम्प ने मजाक में कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का ऑफर दिया था। बाद में ट्रम्प ने ऐसी ही बात सोशल मीडिया पर लिखकर ट्रूडो को कनाडा का गवर्नर बताया था। US-कनाडा में एक दिन में 2 बड़े राजनीतिक घटनाक्रम दूसरी तरफ अमेरिका और कनाडा में एक दिन दो बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हुए हुए। सोमवार को जहां अमेरिकी संसद में इलेक्टोरल वोट्स की गिनती के बाद डोनाल्ड ट्रम्प की जीता पर मुहर लग गई। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ट्रम्प को आधिकारित तौर पर विजेता घोषित किया। वहीं दूसरी तरफ जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार शाम को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। ट्रूडो पर उनकी लिबरल पार्टी के सांसदों की तरफ से कई महीनों से पद छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था। इस वजह से ट्रूडो अलग-थलग पड़ते जा रहे थे। ट्रूडो ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि अगर मुझे घर में लड़ाई लड़नी पड़ेगी, तो आने वाले चुनाव में सबसे बेहतर विकल्प नहीं बन पाऊंगा। कनाडा में इस साल संसदीय चुनाव होने हैं। जीत के बाद ट्रम्प के विवादित बयान पिछले साल 6 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत तय हो गई थी। इसके बाद से उन्होंने लगातार कई विवादित बयान दिए हैं। हम आपको हाल ही में ट्रम्प की तरफ से दिए गए कुछ विवादित बयानों के बारे में बताते हैं.. पनामा नहर छीनने की धमकी दी ट्रम्प ने पिछले महीने पनामा नहर को फिर से अमेरिकी कंट्रोल में लेने की धमकी दी। ये नहर कैरेबियन देश पनामा का हिस्सा है। इस नहर पर 1999 तक अमेरिका का कंट्रोल था। ट्रम्प का कहना है कि इस नहर का इस्तेमाल करने के लिए पनामा, अमेरिका से अधिक शुल्क ले रहा है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि नहर पर चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। ग्रीनलैंड को कंट्रोल में लेने की बात कही ट्रम्प ने ग्रीनलैंड को अमेरिकी कंट्रोल में लेने की बात कही है। ट्रम्प ने कहा कि नेशनल सिक्योरिटी और पूरी दुनिया में आजादी के लिए अमेरिका को लगता है कि ग्रीनलैंड पर हमारा कंट्रोल बेहद जरूरी है। ट्रम्प के इस बयान पर ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने कहा कि हम बिकाऊ नहीं हैं और न कभी बिकाऊ होंगे। BRICS देशों को दी टैरिफ लगाने की धमकी ट्रम्प ने BRICS देशों को भी अमेरिकी डॉलर के अलावा किसी और करेंसी में ट्रेड करने पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रम्प ने काह कि हमें BRICS देशों से गारंटी चाहिए कि वो ट्रेड के लिए अमेरिकी डॉलर की जगह, कोई नई करेंसी नहीं बनाएंगे और न ही किसी दूसरे देश की करेंसी में ट्रेड करेंगे। अगर BRICS देश ऐसा करते हैं तो उन्हें अमेरिका को होने वाले निर्यात पर 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। ------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प की जीत पर मुहर लगी:कमला हैरिस ने जीत का ऐलान किया; ट्रम्प बोले- यह इतिहास का बड़ा लम्हा अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की राष्ट्रपति चुनाव में मिली जीत पर सोमवार को मुहर लग गई। इलेक्टोरल वोट्स की गिनती के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ट्रम्प को विजेता घोषित किया। ट्रम्प की जीत 6 नवंबर को तय हो गई थी, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा कल हुई। यहां पढ़ें पूरी खबर

ट्रम्प ने कनाडा को US में मिलने का ऑफर दोहराया
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अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कनाडा को एक बार फिर यूएस में मिलने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब और सब्सिडी नहीं दे सकता, जिसका तात्पर्य है कि कनाडा को आर्थिक सहायता की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है।
जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा
ट्रम्प ने यह भी दावा किया कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस स्थिति को भांपते हुए इस्तीफा दिया। जब से ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा दिया है, राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। वह कानूनी झमेलों में उलझ गए थे और उनके प्रशासन पर कई आरोप लगे थे।
व्यापारिक संबंधों का भविष्य
दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों की अगली दिशा पर सवाल उठते हैं। सहयोग और प्रतिस्पर्धा का यह संतुलन दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका कनाडा को आर्थिक सहयोग नहीं देगा, तो दोनों देशों की व्यापारिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
भविष्य की संभावनाएँ
इस प्रस्ताव के पीछे अमेरिका की आर्थिक स्थिति और सुरक्षा नीतियाँ प्रमुख हैं। ट्रम्प का मानना है कि अमेरिका को अपने संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना होगा और विदेशी सहायता को सीमित करना होगा। इस परिस्थिति में कनाडा को एक नई दिशा खोजनी पड़ेगी।
अंततः, यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रूडो के इस्तीफे का कनाडाई राजनीति और अमेरिका के साथ संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
निष्कर्ष
ट्रम्प का यह बयान निश्चित रूप से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे दोनों देशों के बीच उभरती राजनीतिक और आर्थिक जटिलताओं पर ध्यान केंद्रित होना अनिवार्य है।
अतिरिक्त जानकारी
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