दहेज के लिए गर्भवती पत्नी को पीटा, जेवर भी छीने:कार की डिमांड पूरी न होने पर टॉर्चर, पति समेत 8 लोगों पर केस
अयोध्या में दहेज उत्पीड़न का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक नवविवाहिता को गर्भावस्था के दौरान भी प्रताड़ित किया गया। फारिहा अख्तर की शादी 22 अप्रैल 2023 को इराक में नौकरी करने वाले फैजान अहमद से हुई थी। शादी में लड़की पक्ष ने अपनी हैसियत के मुताबिक 2 लाख रुपये नकद और अन्य सामान दिया था। शादी के कुछ ही दिन बाद सास नगमा और नन्द हिना ने कम दहेज लाने का ताना देते हुए कार की मांग शुरू कर दी। पति फैजान ने भी फोन पर पत्नी को धमकी दी और कहा कि यह सब उसी के कहने पर हो रहा है। गर्भावस्था के दौरान जब पीड़िता की तबीयत बिगड़ी, तो ससुराल वालों ने इलाज नहीं कराया और उसे मायके भेज दिया, जहां उसे दो दिन अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। गर्भवती पत्नी को लात-घूंसों और डंडों से पीटा 16 दिसंबर 2024 को स्थिति और गंभीर हो गई, जब सास, नन्द हिना, नन्द के पति फिरोज, छोटी नन्द नमरा, देवर कामरान और पति फैजान ने मिलकर पीड़िता की लात-घूंसों और डंडों से पिटाई की। आरोपियों ने कार की मांग पूरी न होने तक ऐसा व्यवहार जारी रखने की धमकी दी। सास ने पीड़िता के विवाह में मिले सारे जेवर भी छीन लिए। 17 दिसंबर को जब पीड़िता के भाई असन इकबाल और मौसेरे भाई अयाज अहमद मिलने आए, तो उन्हें भी दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। 18 दिसंबर को पीड़िता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पति फैजान लगातार जान से मारने की धमकियां दे रहा है और इराक भागने की बात कर रहा है। प्रभारी निरीक्षक अश्विनी पाण्डेय के मुताबिक, पुलिस ने पति, सास, ससुर समेत कुल 8 लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

दहेज के लिए गर्भवती पत्नी को पीटा, जेवर भी छीने: कार की डिमांड पूरी न होने पर टॉर्चर
देश में दहेज प्रथा के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। हाल ही में, एक गर्भवती महिला के साथ उसके पति और अन्य परिवार के सदस्यों द्वारा बर्बरता का एक shocking मामला सामने आया है। इस मामले में, महिला से कार की डिमांड पूरी न होने पर मारपीट की गई और उसके जेवर भी छीन लिए गए। यह घटना दहेज के लिए होने वाले अत्याचारों की एक और कड़ी है, जो समाज में चिंता का विषय बन चुकी है।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित महिला की शादी कुछ वर्षों पहले हुई थी। शादी के बाद से ही उसके ससुरालवाले दहेज की मांग पर लगातार दबाव बना रहे थे। गर्भवती होते हुए भी, महिला पर कार की डिमांड पूरी करने के लिए अत्याचार किया जा रहा था। शिकायत के अनुसार, जब पति और परिवार के अन्य सदस्यों ने देखा कि कार की डिमांड पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने उसकी पिटाई की और उसके जेवर भी छीन लिए।
कानूनी कार्रवाई
इस भयावह घटना के बाद, पीड़ित महिला ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पति सहित आठ लोगों पर मामला दर्ज किया। पुलिस का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानूनों की जरूरत है। अधिकारी इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच कर रहे हैं और सुनिश्चित करेंगे कि न्याय मिले।
समाज में दहेज प्रथा की वैधता
दहेज प्रथा के प्रति समाज की सोच में बदलाव लाना आवश्यक है। यह मामला इस बात का प्रमाण है कि दहेज के लिए अत्याचार अभी भी हमारे समाज में व्याप्त है। जन-जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से ही इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, हमें यह समझना होगा कि किसी भी महिला के साथ बुरा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए, चाहे वह गर्भवती हो या नहीं। हमें मिलकर इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
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