मानवता की मिसाल, औरैया में नेकी की दीवार:अटल आश्रय गृह में वस्त्र बैंक बना गरीबों का सहारा, जरूरतमंदों को मिले गर्म कपड़े
औरैया में कड़ाके की सर्दी में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए राहत की खबर सामने आई है। अटल आश्रय गृह में स्थापित 'नेकी की दीवार' नामक निःशुल्क वस्त्र बैंक ने खुले आसमान के नीचे रहने वाले लोगों को गर्म कपड़ों का वितरण किया। इस पहल के तहत जैकेट, स्वेटर, कोट, टोपी और मफलर जैसे गर्म कपड़े जरूरतमंदों को दिए गए। संस्था के अध्यक्ष राजीव पोरवाल (रानू) ने बताया कि यह वस्त्र बैंक लोगों के अनुपयोगी वस्त्रों को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का माध्यम बन रहा है। समिति के संस्थापक आनंद नाथ गुप्ता (एडवोकेट) ने शहर के नागरिकों से अपील की है कि वे अपने अनुपयोगी वस्त्रों को इस बैंक में दान करें, जिससे जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके। कार्यक्रम में कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें अखिल भारतीय पुरवार पोरवाल महासभा के जिलाध्यक्ष शिवकुमार पुरवार, डॉ. एस.एस. परिहार, एल.एन. गुप्ता, सभासद कुल्लन नेता, राजकुमार सक्सेना, कृष्ण कुमार बरसइयाँ, अजय बिश्नोई, रामआसरे गुप्ता, कपिल शुक्ला, संजय अग्रवाल, अनूप बिश्नोई, पत्रकार रामचंद्र सोनी और भाजपा नेता दीपक सोनी समेत कई प्रमुख लोग शामिल थे। यह पहल सर्दी के मौसम में गरीब और असहाय लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है।

मानवता की मिसाल, औरैया में नेकी की दीवार: अटल आश्रय गृह में वस्त्र बैंक बना गरीबों का सहारा
News by indiatwoday.com
अटल आश्रय गृह का योगदान
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में अटल आश्रय गृह ने एक अद्भुत पहल के साथ जरूरतमंदों के लिए एक वस्त्र बैंक स्थापित किया है। यह वस्त्र बैंक गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा साबित हो रहा है, जहां वे गर्म कपड़े प्राप्त कर सकते हैं। खासकर सर्दियों के महीनों में, जब ठंड से बचने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले कपड़े की आवश्यकता बढ़ जाती है।
नेकी की दीवार का महत्व
नेकी की दीवार एक ऐसी जगह है जहां लोग अपने जरिए दान किए गए कपड़े, कंबल, वगैरह छोड़ सकते हैं। इस पहल ने उन लोगों के लिए मदद की है जो विभिन्न कारणों से अपने कपड़े खरीदने में असमर्थ हैं। यह दीवार न केवल जरूरतमंदों को गर्म कपड़े प्रदान करती है, बल्कि यह सामुदायिक भावना और सहयोग का भी प्रतीक है।
स्थानीय समुदाय की सहभागिता
स्थानीय समुदाय ने इस प्रयास में सक्रिय रूप से भाग लिया है। लोगों ने अपनी पुरानी वस्त्रों को दान करने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। इससे न केवल जरूरतमंदों को सहायता मिली है, बल्कि समाज में एकता और सहानुभूति का माहौल भी बना है।
गर्म कपड़ों की आवश्यकता
सर्दियों में कई लोग इंसानियत की इस सेवा से लाभान्वित हो रहे हैं। गरीब परिवारों के लिए गर्म कपड़ों की कमी एक बड़ी समस्या होती है, और अटल आश्रय गृह ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गली-मोहल्लों में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजन भी किए जा रहे हैं।
समाज में परिवर्तन
इस पहल ने न केवल जरूरतमंदों की मदद की है, बल्कि समाज के अन्य लोगों को भी प्रेरित किया है कि वे भी ऐसा ही कुछ करें। यह एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है, जो आने वाले समय में समाज को और भी मजबूत बनाएगा।
भविष्य की योजनाएँ
अटल आश्रय गृह का उद्देश्य केवल कपड़े देना नहीं है; वे भविष्य में अन्य आवश्यक वस्तुएं जैसे कि बर्तन, किताबें, और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं का भी बैंक स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। इस प्रकार, वे जरूरतमंदों के लिए एक समग्र सहायता प्रणाली विकसित कर रहे हैं।
अंत में, ऐसे कई उदाहरण हमारे समाज में मानवता की मिसाल पेश करते हैं, और अटल आश्रय गृह का यह प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है।
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