बांग्लादेश ने इंटरपोल से हसीना के खिलाफ रेड-कॉर्नर नोटिस मांगा:9 महीने से भारत में रह रहीं पूर्व PM, तख्तापलट के बाद देश छोड़ा
बांग्लादेश पुलिस ने इंटरपोल से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की है। हसीना के अलावा 11 अन्य लोगों के खिलाफ भी ऐसी ही मांग की गई है। शेख हसीना पिछले साल अगस्त में हुए तख्तापलट के बाद से भारत में रह रही हैं। बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने शेख हसीना, उनके पूर्व मंत्रियों, सलाहकारों और अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। इन पर मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार के आरोप थे। इंटरपोल का रेड नोटिस किसी व्यक्ति को ढूंढ़ने और उसे प्रत्यर्पण या कानूनी कार्रवाई से पहले अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने में मदद करता है। हसीना ने कहा था- बांग्लादेश अब आतंकी देश बन गया शेख हसीना ने 8 अप्रैल को सोशल मीडिया पर बात करते हुए कहा था कि पहले बांग्लादेश को विकास के मॉडल के तौर पर देखा जाता था, लेकिन अब ये आतंकी देश बन गया है। हमारे नेता और कार्यकर्ताओं को जिस तरीके से मारा जा रहा है, उसे बताया भी नहीं जा सकता है। अवामी लीग, पुलिस, वकील, पत्रकार, कलाकार सभी को मारा जा रहा है। हसीना ने कहा कि अब तो इस देश में मीडिया को भी काम नहीं करने दिया जा रहा है। रेप, मर्डर, डकैती किसी चीज की रिपोर्ट नहीं कराई जा रहा है। और अगर इसे रिपोर्ट किया जाता है, तो उस टीवी चैनल या अखबार को टारगेट किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, ‘अल्लाह ने मुझे किसी मकसद से जिंदा रखा है। मैं वापस लौटूंगी। वो दिन जरूर आएगा जब अवामी लीग के नेताओं को निशाना बनाने वालों को इंसाफ के कठघरे में लाया जाएगा।’ आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने किया था तख्तापलट शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत आ गई थीं। उनके खिलाफ देशभर में छात्रों ने प्रदर्शन किए थे। दरअसल बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इस आरक्षण के खिलाफ ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था। हालांकि हसीना सरकार ने यह आरक्षण बाद में खत्म कर दिया था। लेकिन इसके बाद छात्र उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए थे। इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया था। हसीना का पासपोर्ट रद्द, गिरफ्तारी वारंट जारी बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी यूनुस सरकार ने हसीना पर हत्या, अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। वहीं, बांग्लादेशी सरकार ने चेतावनी दी है कि भारत में रहते हुए हसीना की तरफ से दिए जा रहे बयान दोनों देशों के संबंध बिगाड़ रहे हैं। बांग्लादेश सरकार ने जुलाई में हुई हत्याओं की वजह से शेख हसीना का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया है। वहीं बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। ट्रिब्यूनल ने हसीना को 12 फरवरी तक पेश होने का निर्देश दिया है। बांग्लादेश भारत से हसीना को डिपोर्ट करने की अपील भी कर चुका है। हालांकि, भारत सरकार उनका वीजा बढ़ा चुकी है, जिससे यह साफ हो गया कि उन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट नहीं किया जाएगा। -------------------------------------- बांग्लादेश से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें.... बांग्लादेश की यूनुस सरकार का भारत विरोधी एजेंडा सामने आया:चीन को कोलकाता के पास पोर्ट सौंपा, पाकिस्तान के साथ मिलकर एयरबेस बना रहा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस का भारत विरोधी रवैया जारी है। BIMSTEC समिट में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद भी यूनुस सरकार ने चीन और पाकिस्तान को रणनीतिक जगहों पर अहम प्रोजेक्ट सौंप दिए हैं। बांग्लादेश ने भारत के कोलकाता से सिर्फ 200 किमी दूर मोंगला पोर्ट के विस्तार की जिम्मेदारी चीन को दी है। वहीं, बांग्लादेशी सरकार लालमोनिरहाट जिले में एक सैन्य एयरबेस बना रही है, जो भारत के 'चिकन नेक' यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर से सिर्फ 120 किमी दूर है। पूरी खबर यहां पढ़ें... बांग्लादेश में इस्लामी सरकार और शरिया के लिए कट्टरपंथी जुटे:शेख हसीना के हटने के बाद कट्टरपंथियों के निशाने पर अल्पसंख्यक और महिलाएं अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन के बाद पूर्व PM शेख हसीना को बांग्लादेश की सत्ता से बेदखल करने में मदद करने वाले इस्लामी कट्टरपंथी अब अपने असली मकसद पर लौट आए हैं। एक शहर में धार्मिक कट्टरपंथियों ने घोषणा की कि युवा महिलाएं अब फुटबॉल नहीं खेल सकतीं। दूसरे शहर में, उन्होंने पुलिस को एक ऐसे व्यक्ति को छोड़ने के लिए मजबूर किया जिसने सार्वजनिक रूप से अपने बाल न ढकने के कारण एक महिला को परेशान किया था, फिर उसे फूलों की माला पहनाई। पूरी खबर यहां पढ़ें...

बांग्लादेश ने इंटरपोल से हसीना के खिलाफ रेड-कॉर्नर नोटिस मांगा
बांग्लादेश ने हाल ही में इंटरपोल से अनुरोध किया है कि वह पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना के खिलाफ रेड-कॉर्नर नोटिस जारी करे। यह मामला उस समय उठता है जब हसीना पिछले 9 महीनों से भारत में रह रही हैं, जिसके बाद उन्होंने अपने देश को छोड़ने का फैसला किया। इस खबर को लेकर राजनीतिक और अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं।
तख्तापलट के बाद शेख हसीना का देश छोड़ना
बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में तख्तापलट एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम रहा है। शेख हसीना ने लंबे समय तक बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, जब तख्तापलट हुआ, तो उन्हें देश छोड़ना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने भारत में शरण ली और वर्तमान में वहाँ रह रहीं हैं।
रेड-कॉर्नर नोटिस का महत्व
रेड-कॉर्नर नोटिस एक अंतराष्ट्रीय वांछित सूचना है, जो उन व्यक्तियों के लिए जारी की जाती है, जिनके खिलाफ अपराध का आरोप है। बांग्लादेश की सरकार इस संदर्भ में कड़ी कार्रवाई करना चाहती है। इस नोटिस के जरिये, बांग्लादेश हसीना के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने का इरादा रखता है।
भारत और बांग्लादेश के संबंध
भारत और बांग्लादेश के बीच के रिश्ते जटिल और विविधतापूर्ण हैं। भारत ने हमेशा बांग्लादेश को एक सहयोगी देश के रूप में माना है, लेकिन इस प्रकरण ने दोनों देशों की विदेश नीति पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस स्थिति के विकास पर नज़र रखने के लिए, पाठक अधिक जानकारी के लिए indiatwoday.com पर जा सकते हैं।
समाप्ति
बांग्लादेश का यह कदम निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई समीकरणों को जन्म देगा। आगे क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। Keywords: बांग्लादेश, शेख हसीना, इंटरपोल, रेड-कॉर्नर नोटिस, पूर्व प्रधानमंत्री, तख्तापलट, भारत में शरण, बंगाली राजनीति, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, राजनीतिक संकट, कानून कार्रवाई, बांग्लादेश सरकार, भारत-बांग्लादेश संबंध
What's Your Reaction?






