बाराबंकी में कचरे से बनेगी बिजली:दक्षिण कोरिया के सहयोग से बनेगा प्लांट, जिले का आय भी बढ़ेगा
बाराबंकी जिले में प्रतिदिन निकलने वाले 100 टन से अधिक कचरे से अब बिजली बनाई जाएगी। कचरा प्रबंधन की समस्या को हल करने और इसे जिले की ताकत में बदलने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और दक्षिण कोरिया के डेलीगेशन के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक में वेस्ट टू ग्रीन एनर्जी प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया गया। दक्षिण कोरियाई वित्तीय निवेश सलाहकार सांगवान किम ने बैठक में बताया कि भारत सरकार और दक्षिण कोरिया के आर्थिक सहयोग के अंतर्गत करीब एक हजार करोड़ रुपए की लागत से यह प्लांट लगाया जाएगा। यह प्लांट प्रतिदिन 100 टन सॉलिड वेस्ट से 72 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा। प्लांट से होने वाली आय में जिले का भी हिस्सा होगा, जिससे स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने डेलीगेशन को जिले के मौजूदा डंपिंग ग्राउंड का निरीक्षण कराया, जो प्लांट के लिए उपयुक्त पाया गया। इस प्रोजेक्ट के लिए 10,000 वर्गमीटर जमीन की आवश्यकता है, जिसे उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है। यह परियोजना जिले में कचरा प्रबंधन की समस्या को स्थायी समाधान देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखेगी। प्लांट की स्थापना से बाराबंकी जिले को स्वच्छ और हरित ऊर्जा का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा।

बाराबंकी में कचरे से बनेगी बिजली
दक्षिण कोरिया के सहयोग से बनेगा प्लांट
बाराबंकी जिले में एक अभिनव परियोजना के तहत, कचरे का उपयोग कर बिजली उत्पन्न करने के लिए एक प्लांट स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना दक्षिण कोरिया के समर्थन से संचालित होगी, जो स्थानीय विकास और स्थायी ऊर्जा उत्पादन में योगदान करेगी। इस प्लांट की स्थापना से न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
जिले का आय भी बढ़ेगा
इस परियोजना के माध्यम से बाराबंकी जिले की आय में वृद्धि की संभावना है। कचरा प्रबंधन के लिए एक प्रभावशाली प्रणाली स्थापित करने से स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही, ऊर्जा उत्पादन के जरिए राज्य के लिए नई आमदनी का स्रोत भी पैदा होगा।
परियोजना का महत्व
बाराबंकी में कचरे से बिजली उत्पादन की परियोजना न केवल कचरे के प्रबंधन में महत्वपूर्ण होगा, बल्कि इससे क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा किया जा सकेगा। इससे स्थानीय उद्योगों को स्थायी ऊर्जा मिलेगा, जो विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह पहल पूरे देश के लिए एक मॉडल स्थापित कर सकती है कि कैसे कचरे को एक मूल्यवान संसाधन में परिवर्तित किया जा सकता है।
समाजिक और पर्यावरणीय लाभ
इस प्लांट की स्थापना से सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ भी होंगे। कचरे के उचित प्रबंधन से न केवल स्वच्छता में सुधार होगा, बल्कि प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा। इसके अलावा, स्थानीय समुदाय के लोग भी इस परियोजना से लाभान्वित होंगे, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा।
भविष्य की योजनाएं
परियोजना के सफल संचालन के बाद, बाराबंकी जिले में इसी तरह की अन्य परियोजनाओं की स्थापना पर विचार किया जा सकता है। यह क्षेत्रीय विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा और भविष्य में ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक मॉडल पेश करेगा।
इस तरह की परियोजनाओं के माध्यम से, बाराबंकी को ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक अग्रणी स्थान मिलने की उम्मीद है। स्थानीय प्राधिकरण द्वारा इस परियोजना के लिए संसाधनों का समुचित प्रबंधन किया जाएगा, जिससे सभी हितधारकों को लाभ मिल सके।
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