पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दिल्ली में स्मारक बनेगा:शर्मिष्ठा बोलीं- बाबा कहते थे, राजकीय सम्मान मांगने नहीं चाहिए, PM की पहल के लिए आभार
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के चार साल बाद सरकार दिल्ली में उनका स्मारक बनाने वाली है। इसके लिए राष्ट्रीय स्मृति कॉम्प्लेक्स में जगह ढूंढी जाएगी। सरकार ने मंगलवार को प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी। प्रणब मुखर्जी का निधन 31 अगस्त 2020 को हुआ था। वे 2012 से 2017 के बीच राष्ट्रपति रहे थे। प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मंगलवार को पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद दिया। इस मुलाकात की फोटो और सरकार का पत्र X पर शेयर कर उन्होंने लिखा कि पीएम मोदी को इस पहल के लिए आभार। मुझे इसकी बिलकुल उम्मीद नहीं थी। शर्मिष्ठा ने आगे कहा कि बाबा कहते थे, राजकीय सम्मान कभी मांगना नहीं चाहिए। ये हमेशा ऑफर होना चाहिए। पीएम ने मेरे बाबा की यादों को सम्मान देने के बारे में सोचा। इससे बाबा को तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि वे सम्मान और अपमान के आगे चले गए हैं। लेकिन, उनकी बेटी को जो खुशी मिली है वह शब्दों में बयान नहीं की जा सकती है। राष्ट्रीय स्मृति कॉम्प्लेक्स राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उप-प्रधानमंत्री के स्मारक बनाने की जगह नई दिल्ली में यमुना नदी के पास स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे राष्ट्रीय नेताओं के अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित स्थान है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मई 2013 में राजघाट के पास स्थित इस स्मृति स्थल का निर्माण करने की मंजूरी दी थी। इसे एकता स्थल के पास स्मारक परिसर में बनाया गया है। सरकार ने साल 2000 में नए स्मारकों का निर्माण न करने का फैसला लिया था, लेकिन प्रमुख नेताओं के लिए एक ही स्थान तय करने में 13 साल लग गए। इससे पहले राजघाट के पास अलग-अलग राष्ट्रीय नेताओं के लिए अलग स्मारक बनाए जाते थे। इसका निर्माण 2015 में पूरा हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव पहले नेता थे जिनकी स्मृति स्थल पर समाधि बनाई गई। हालांकि उनकी परिवार को 10 साल इंतजार करना पड़ा। पूर्व प्रधानमंत्री आई.के. गुजराल का अंतिम संस्कार भी दिसंबर 2012 में स्मृति स्थल पर किया गया था। दिसंबर 2018 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार भी यहीं हुआ था। स्मृति स्थल बनाने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि वीवीआईपी समाधियां जैसे राजघाट, शांति वन, शक्ति स्थल, वीर भूमि, एकता स्थल, समता स्थल और किसान घाट ने दिल्ली में 245 एकड़ से अधिक की प्रमुख भूमि घेर रखी थी। मनमोहन सिंह का निगमबोध पर अंतिम संस्कार होने से विवाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार 28 दिसंबर की दोपहर करीब 12 बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर हुआ। इसे लेकर कांग्रेस, भाजपा और केंद्र सरकार के बीच विवाद हुआ था। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के कद के मुताबिक उनके अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर जैसा सम्मान दिया जाना चाहिए वैसा नहीं किया। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर मनमोहन सिंह का अपमान करने का आरोप लगाया कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमित शाह को पत्र लिखकर मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने की मांग की थी। वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने शक्ति स्थल से जमीन देने की पेशकश भी की थी। वे बस इतना चाहते थे कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसी जगह हो, जहां उनका स्मारक बनाया जा सके। BJP से सवाल पूछा जाना चाहिए कि शक्ति स्थल से जगह देने की पेशकश किए जाने के बाद भी यह लोग क्यों नहीं तैयार हुए? हरदीप सिंह पुरी बोले- कांग्रेस स्पेशल स्मारक बनवाना चाहती है, इसमें वक्त लगता है इसके बाद 29 दिसंबर को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस पर बयान दिया। पुरी ने कहा- डॉ. मनमोहन सिंह जी के स्मारक को लेकर कांग्रेस सरेआम झूठ फैला रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार को पत्र लिखकर एक स्पेशल मेमोरियल बनाने की मांग रखी। गृह मंत्रालय ने खड़गे की मांग मान ली। पुरी ने कहा- दिल्ली में एकता स्थल है। यहां 9 में से 7 स्थल पर पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति के स्मारक बन चुके हैं। स्मारक के लिए 2 जगह खाली हैं। कांग्रेस ने स्पेशल मेमोरियल बनाने की मांग की है। सरकार इसे मंजूर कर चुकी है, लेकिन इसकी प्रक्रिया में समय लगेगा। ट्रस्ट बनाना होगा, वही मेमोरियल बनाएगी। वाजपेयी जी के समय भी यही हुआ था।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दिल्ली में स्मारक बनेगा
दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए एक स्मारक बनाने की घोषणा की गई है। उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि उनके पिता हमेशा मानते थे कि राजकीय सम्मान मांगने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। इस विषय पर शर्मिष्ठा ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम के लिए वे अपनी कृतज्ञता व्यक्त करती हैं।
प्रणब मुखर्जी का योगदान
प्रणब मुखर्जी का जीवन देश की राजनीति में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने लगातार भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल में कई नीतियों और पहल का जन्म हुआ, जो आज भी देश के विकास में योगदान दे रही हैं। उनके व्यक्तित्व और कार्यों ने उन्हें देशवासियों के दिल में एक खास स्थान दिलाया।
स्मारक का महत्व
स्मारक का निर्माण केवल प्रणब मुखर्जी की याद को संजोने के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए भी किया जा रहा है। यह स्मारक न केवल उनके योगदान का प्रतीक होगा, बल्कि दर्शकों को उनके विचारों और दृष्टिकोण को समझने का अवसर भी प्रदान करेगा।
ध्यान देने योग्य बातें
स्मारक का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण समारोह के तहत किया जाएगा, जिसमें कई प्रमुख हस्तियां शामिल होने की संभावना है। शर्मिष्ठा ने अपने पिता के लिए इस सम्मान को प्राप्त करने पर गर्व व्यक्त किया और इसके लिए सभी के सहयोग का आभार माना।
समस्त देशवासियों के लिए यह एक गर्व का क्षण होगा, जो प्रणब मुखर्जी के अद्वितीय योगदानों को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।
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Key Takeaways
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