बाढ़ सहायता में गड़बड़ी, लेखपाल निलंबित:अपात्रों से की जाएगी वसूली, समाधान दिवस में ग्रामीणों ने की थी शिकायत

गोंडा जिले के तरबगंज तहसील में तैनात लेखपाल नितीश कुमार को बाढ़ सहायता राशि वितरण में अनियमितता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि उन्होंने अपात्रों को बाढ़ सहायता राशि दिलवाने में बड़ी गड़बड़ी की, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। इस मामले में गांव के ग्रामीणों ने गोंडा के जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायत पत्र भेजे थे। शिकायत के आधार पर गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लेखपाल को उनके पद से हटाकर विभागीय जांच के आदेश दिए थे। गोंडा डीएम ने तत्काल प्रभाव से लेखपाल नीतीश कुमार को तरबगंज तहसील से सम्बद्ध कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद वह गैर हाजिर रहे। इस पर तरबगंज एसडीएम विशाल कुमार ने लेखपाल को निलंबित कर दिया और पूरे मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए। जांच में यह साबित हुआ कि नितीश कुमार ने अपात्रों को बाढ़ सहायता राशि वितरित की थी जिससे सरकारी धन की बर्बादी हुई। ग्रामीणों ने की थी शिकायत इसके बाद से प्रशासन ने अपात्रों से यह राशि रिकवर करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। ग्राम रंगी और महरमपुर के दर्जनों ग्रामीणों ने 24 दिसंबर को आयोजित समाधान दिवस में यह शिकायत की थी, जिसके बाद गोंडा डीएम ने अपर जिला अधिकारी आलोक कुमार की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की। समिति ने अपनी जांच में लेखपाल को दोषी पाया और फिर लेखपाल को पद से हटा दिया गया था। लगातार गैर हाजिर रहे प्रशासन अब बाढ़ सहायता राशि की अवैध रूप से प्राप्त राशि को वापस वसूलने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। एसडीएम विशाल कुमार ने बताया कि लेखपाल नीतीश कुमार को संबद्ध करने के बावजूद वह लगातार गैर हाजिर रहते थे, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। अब विभागीय जांच के साथ-साथ अपात्रों से सहायता राशि की वसूली भी की जा रही है।

Jan 11, 2025 - 13:10
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बाढ़ सहायता में गड़बड़ी, लेखपाल निलंबित:अपात्रों से की जाएगी वसूली, समाधान दिवस में ग्रामीणों ने की थी शिकायत
गोंडा जिले के तरबगंज तहसील में तैनात लेखपाल नितीश कुमार को बाढ़ सहायता राशि वितरण में अनियमितता

बाढ़ सहायता में गड़बड़ी, लेखपाल निलंबित: अपात्रों से की जाएगी वसूली

उत्तर प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ राहत सहायता में गड़बड़ी के चलते एक लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई तब की गई जब ग्रामीणों ने समाधान दिवस में शिकायत दर्ज कराई थी। राहत राशि का वितरण सही तरीके से नहीं किया गया और कई अपात्र व्यक्तियों को सहायता मिली, जो इस संकट से प्रभावित नहीं थे।

समस्या के कारण

इस मुद्दे की शुरूआत तब हुई जब स्थानीय लोगो ने अपनी समस्याओं को लेकर प्रशासन से संपर्क किया। कई गाँवों में यह पाया गया कि जो लोग राहत पाने के योग्य थे, उन्हें सहायता नहीं मिली, जबकि अन्य व्यक्ति जो पात्र नहीं थे, उन्हें राहत राशि मिली। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

सरकार की प्रतिक्रिया

सता ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और निलंबित किए गए लेखपाल के खिलाफ जांच शुरू की गई है। ग्रामीणों की शिकायतों के अनुसार, आवश्यकता से ज्यादा धनराशि कुछ लोगों तक पहुंच गई, जिससे सही लाभार्थियों को सहायता नहीं मिल पाई।

भविष्य की योजना

सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि अपात्रों से वसूली की जाएगी और इस काम को बहुत जल्द किया जाएगा। प्रशासन सभी संबंधित अधिकारीयों को निर्देश दे चुका है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।

विेधाओं को ध्यान में रखते हुए, यह निवेश आवश्यक है कि राहत राशि का वितरण पारदर्शी और उचित तरीके से किया जाए। सभी लाभार्थियों की सत्यापन प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाएगा ताकि कोई भी अपात्र व्यक्ति सहायता प्राप्त न कर सके।

समस्या को हल करने के लिए प्रशासन स्थानीय निवासियों के साथ लगातार संवाद बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत ग्रामीणों को और अधिक समझाने और उन्हें इस स्थिति से अवगत कराने के लिए बैठकें आयोजित की जाएंगी।

जनता का समर्थन

ग्रामीणों ने इस पहल का स्वागत किया है और उन्हें उम्मीद है कि आगे से ऐसी गलतियों में कमी आएगी। सभी का यह मानना है कि सही और योग्य व्यक्तियों तक सहायता पहुँचना ही सबसे महत्वपूर्ण है।

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