बिजली के निजीकरण के विरोध में कल प्रदेशभर में प्रदर्शन:कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले काली पट्टीत बांधकर करेंगे धरना प्रदर्शन
बिजली के निजीकरण के लिए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ होने से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है। कल 13 जनवरी को पूरे प्रदेश में बिजली कर्मी काली पट्टी बांधेंगे और विरोध सभा करेंगे। जिसके बाद अगले कार्यक्रमों को घोषणा की जायेगी। आगे की रणनीति पर भी विचार विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर 13 जनवरी को समस्त ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियन्ता पूरे दिन विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधेंगे। राजधानी लखनऊ सहित सभी जिलों, परियोजनाओं पर विरोध सभाएं करेंगे। संघर्ष के अगले कार्यक्रमों की घोषणा कल की जाएगी। गाजियाबाद में बैठक में यह रहे शामिल संघर्ष समिति गाजियाबाद के पदाधिकारियों आलोक त्रिपाठी, अरशद अली, योगेंद्र कुमार, अरविंद सूर्या, अभिमन्यु, अरुण नागर, ललित कुमार, पंकज भारद्वाज, वाहिद अली, राज सिंह, विजय शर्मा एवं धीरज त्यागी ने एनर्जी टास्क फोर्स द्वारा निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि 5 दिसम्बर को भी एनर्जी टास्क फोर्स ने इसी प्रकार का निर्णय लिया था। यह निर्णय क्या था और इसे क्यों निरस्त करना पड़ा इसे आम उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के सामने रखना चाहिए।

बिजली के निजीकरण के विरोध में प्रदेशभर प्रदर्शन
कल प्रदेशभर के बिजली कर्मचारी, कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले, बिजली के निजीकरण के खिलाफ एकजुट होकर धरना प्रदर्शन करेंगे। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य सरकारी बिजली कंपनियों के निजीकरण को रोकना और कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करना है। प्रदर्शनकारी अपने हाथों में काली पट्टियाँ बांधकर अपनी आवाज उठाएंगे।
क्यों हो रहा है प्रदर्शन?
बिजली क्षेत्र में निजीकरण के मुद्दे ने व्यापक बहस को जन्म दिया है। सरकारी कर्मचारियों का मानना है कि निजीकरण से उनके रोजगार पर खतरा मंडरा सकता है और कस्टमरों के लिए बिजली के दाम भी बढ़ सकते हैं। साथ ही, निजीकरण से बिजली की गुणवत्ता में भी गिरावट आ सकती है। कर्मचारियों का यह मानना है कि सरकारी कंपनियाँ जनता की सेवा के लिए बेहतर हैं और इन्हें निजीकरण के लिए त्याग नहीं किया जाना चाहिए।
प्रदर्शन का तरीका
कर्मचारी प्रदर्शनों में काली पट्टियाँ पहनकर अपने विरोध का प्रतीक प्रस्तुत करेंगे। यह काली पट्टियाँ एकता और संघर्ष का प्रतीक होंगी, जिससे उन्हें एकजुटता का अहसास होगा। प्रदर्शन का उद्देश्य सिर्फ विरोध ही नहीं, बल्कि आम जनता में इस मुद्दे के प्रति जागरूकता फैलाना भी है।
प्रदर्शन का समय और स्थान
कल के प्रदर्शन का आयोजन प्रदेशभर के विभिन्न स्थानों पर किया जाएगा। विभिन्न शहरो में एक साथ कर्मचारियों का जुटान होगा, जिसमें स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों का भी समर्थन रहेगा। यह प्रदर्शन सुबह से शुरू होकर पूरे दिन चलेगा।
बिजली के निजीकरण का यह मुद्दा न केवल कर्मचारियों बल्कि आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी से अपील है कि वे इस प्रदर्शन में अपना समर्थन दें।
अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, कृपया विजिट करें: News by indiatwoday.com
What's Your Reaction?






