भगवान लक्ष्मी नारायण की हुई प्राण प्रतिष्ठा:अनिरुद्धाचार्य महाराज के आश्रम में बना मंदिर,हजारों की संख्या में पहुंचे अनुयाई

मंदिरों की नगरी वृंदावन में एक और मंदिर बनकर तैयार हो गया। यहां वैदिक रीति रिवाज से भगवान की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्रसिद्ध भागवत प्रवक्ता अनिरुद्धाचार्य महाराज के गौरी गोपाल आश्रम में बने इस मंदिर में लक्ष्मी नारायण के अलावा भगवान गौरी गोपाल और श्री राम जानकी जी की प्रतिमा विराजमान की गईं हैं। गौरी गोपाल आश्रम में हुई प्राण प्रतिष्ठा अनिरुद्धाचार्य महाराज का वृंदावन परिक्रमा मार्ग में गौरी गोपाल आश्रम है। इसी के सामने अनिरुद्धाचार्य महाराज ने एक भव्य मंदिर बनाया है। तीन मंजिला इस मंदिर में सबसे ऊपर बुजुर्ग माताओं के रहने की व्यवस्था है तो ग्राउंड फ्लोर पर मंदिर बनाया गया है। वहीं बेसमेंट में कथा,भागवत और प्रवचन करने के लिए बड़ा हॉल है। 2 साल में बनकर हुआ तैयार गौरी गोपाल आश्रम में बनाए गए इस मंदिर का निर्माण 2 वर्ष पूर्व शुरू हुआ। मंदिर में बेहद खूबसूरत मार्बल का प्रयोग किया गया है तो आकर्षक झूमर भी लगाए गए हैं। मंदिर में लगाए गए पत्थरों पर गोल्डन पेंट किया गया है। एक बार में मंदिर में 2 हजार से ज्यादा श्रद्धालु खड़े हो सकते हैं। श्री वैष्णव संप्रदाय के अनुसार होगी पूजा मंदिर के पट सोमवार शाम को विधि विधान से तीन दिन तक चले पूजन अर्चन के बाद भक्तों के लिए खोल दिए गए। अनिरुद्धाचार्य महाराज ने बताया कि यहां पूजा अर्चना श्री वैष्णव संप्रदाय के अनुसार होगी। मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के लिए दक्षिण से आचार्य बुलाए गए थे। 3 दिन तक चली पूजा गौरी गोपाल आश्रम में बनाए गए मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा 3 दिन तक चली। यहां मंदिर के लिए पूजन हुआ,हवन हुआ। पूजा में वास्तु,नवग्रह,गौरी गणेश आदि पूजन किए गए। इसके बाद भगवान की प्रतिमाओं को आंखों पर पट्टी बांधकर मंदिर में विराजमान किया गया। वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रों के मध्य उनका अभिषेक कराया। इसके बाद प्रतिमाओं का पूजन किया और फिर आंखों से पट्टी हटाई गई। दर्शन को पहुंचे भक्त गौरी गोपाल आश्रम में बनाए गए मंदिर में विराजमान भगवान लक्ष्मी नारायण,गौरी गोपाल और राम लक्ष्मण जानकी जी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्त व्यवस्थित हो कर दर्शन कर सकें इसके लिए इंतजाम किए गए। भक्त मंदिर में लाइन लगाकर प्रवेश कर रहे थे। अनिरुद्धाचार्य महाराज ने बताया कि यह बहुत बड़ा दिन है। इस मंदिर में ज्यादा से ज्यादा भक्तों को भोजन कराया जा सके इसके लिए रसोई भी बनाई गई है। सनातन को संदेश है कि माता पिता की सेवा करें भगवान में आस्था रखें।

Feb 11, 2025 - 03:59
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भगवान लक्ष्मी नारायण की हुई प्राण प्रतिष्ठा:अनिरुद्धाचार्य महाराज के आश्रम में बना मंदिर,हजारों की संख्या में पहुंचे अनुयाई
मंदिरों की नगरी वृंदावन में एक और मंदिर बनकर तैयार हो गया। यहां वैदिक रीति रिवाज से भगवान की प्रत

भगवान लक्ष्मी नारायण की प्राण प्रतिष्ठा समारोह

हाल ही में, भगवान लक्ष्मी नारायण की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह अनिरुद्धाचार्य महाराज के आश्रम में आयोजित किया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में अनुयायी आए, जिन्होंने इस धार्मिक कार्यक्रम को धूमधाम से मनाया। यह मंदिर, जो दुविधाओं से बचने और आध्यात्मिक शांति के लिए श्रद्धा का केन्द्र बन गया है, लोगों की आस्था का प्रतीक है।

अनिरुद्धाचार्य महाराज का योगदान

अनिरुद्धाचार्य महाराज, जो अपने ज्ञान और भक्ति के लिए जाने जाते हैं, ने इस मंदिर का निर्माण कर समर्पण और निष्ठा का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके मार्गदर्शन में, भक्तों ने साथ मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया। महाराज ने प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भक्तों को आध्यात्मिक सिद्धांतों की शिक्षा भी दी, जिससे उत्सव का महत्व और बढ़ गया।

हजारों भक्तों की भागीदारी

इस समारोह में भाग लेने के लिए दूर-दूर से भक्त आए। सभी ने अपनी आस्था और भक्ति के साथ लक्ष्मी नारायण की पूजा की। इस दौरान भजन-कीर्तन और भक्ति गीतों का आयोजन भी किया गया, जिससे माहौल आध्यात्मिकता से भर गया। भक्तों ने मिलकर मंदिर की सजावट की और प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाई।

समारोह की विशेषताएँ

भगवान लक्ष्मी नारायण की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कई विशेषताएँ शामिल थीं, जैसे विशेष पूजा-अर्चना, धार्मिक प्रवचन, और भक्तों के लिए प्रसाद का वितरण। इस आयोजन ने न केवल भक्तों को एक साथ लाया, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी पहुँचाया।

इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह ने यह सिद्ध किया कि जब श्रद्धा और भक्ति मिलती है, तो अद्भुत बातें संभव होती हैं। आशा है कि यह स्थान सभी को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करे।

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