बुलंदशहर में भूमाफिया उजाड़ रहे हरे-भरे बाग:इलेक्ट्रिक आरी से रातोंरात काटे जा रहे पेड़, अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप
बुलंदशहर का फल पट्टी क्षेत्र भूमाफियाओं के निशाने पर है। उद्यान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रत्येक वर्ष सैंकड़ों की संख्या में हरे भरे बागान भूमाफियाओं द्वारा इलेक्ट्रॉनिक आरी की मदद से रातोंरात काटे जा रहे हैं। ताजा मामला सदर तहसील के अकबरपुर गांव का है। जहां उद्यान विभाग और वन विभाग की मिलीभगत से आम के पेड़ों को अनुपयोगी बताकर काट दिया गया। हालांकि दैनिक भास्कर में समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम सदर ने पेड़ों की अंधाधुंध कटाई रुकवा दी और मामला अब लखनऊ दरबार के संज्ञान में है। सूत्रों के मुताबिक डीएम रोड कॉलोनी स्थित एक भूमाफिया इस बेशकीमती बागान की जमीन पर अवैध कॉलोनी काटने की तैयारी में जुटा है। इस मामले में डीएम के निर्देश पर एसडीएम सदर द्वारा जांच कमेटी का गठन किया गया है। समिति जल्दी ही अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी। भूमाफियाओं द्वारा पहले भी गांव गिझोरी में एक हरे भरे बाग को काटकर उस पर अवैध कॉलोनी बसा दी गई। एसडीएम सदर नवीन कुमार ने बताया कि किसी भी हाल में हरे भरे बागों को काटने नहीं दिया जाएगा। भूमाफियाओं के नेटवर्क को हर हाल में ध्वस्त किया जाएगा।

बुलंदशहर में भूमाफिया उजाड़ रहे हरे-भरे बाग
बुलंदशहर में यह एक alarming स्थिति बनी हुई है, जहाँ भूमाफिया हरे-भरे बागों को उजाड़ने के लिए इलेक्ट्रिक आरी का सहारा ले रहे हैं। स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि यह कटाई रातोंरात की जा रही है, जिससे क्षेत्र की हरियाली और इकोसिस्टम को खतरा पहुँच रहा है।
इलेक्ट्रिक आरी का आतंक
स्थानीय लोगों ने देखा है कि कैसे भूमाफिया बड़े पैमाने पर पेड़ काट रहे हैं। इलेक्ट्रिक आरी की तेज आवाजें रात में सुनाई देती हैं, जिससे यह साबित होता है कि ये गतिविधियाँ गुप्त रूप से की जा रही हैं। इस स्थिति ने स्थानीय समुदाय में चिंता की लहर पैदा कर दी है।
अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप
सिर्फ भूमाफिया ही नहीं, बल्कि अधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप लगाया जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे कई बार इस मामले को उठाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके पीछे कुछ अधिकारियों की भ्रष्टाचार की संलिप्तता होने का संदेह व्यक्त किया गया है।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी अब इस मुद्दे के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। विभिन्न समूह और संगठनों ने मिलकर इस मुद्दे को उठाने का निर्णय लिया है। उन्होंने अधिकारियों से इस अवैध कटाई को रोकने और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
भविष्य की दिशा
यदि इस मुद्दे पर जल्दी कार्यवाही नहीं की गई तो यह केवल पर्यावरण के लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक ढाँचे के लिए भी हानिकारक हो सकता है। स्थानीय लोगों ने सरकारी और पर्यावरणीय संगठनों से निवेदन किया है कि वे इस गंभीर स्थिति का जल्द से जल्द समाधान खोजें।
यह समाचार हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी प्राकृतिक संपदा की रक्षा करनी होगी। सभी को मिलकर इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
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