भारत वर्ल्ड बैंक के सामने पाकिस्तान-फंडिंग का मुद्दा उठाएगा:सरकार ने कहा- पाकिस्तान को फिर FATF की ग्रे लिस्ट में लाएंगे

भारत जून 2025 में वर्ल्ड बैंक के साथ होने वाली मीटिंग में पाकिस्तान को फंडिंग दिए जाने के मुद्दे को उठाएगी। इसके अलावा भारतीय सरकार पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में वापस डालने का मुद्दा भी रखेगी। सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी PTI को इस बात की जानकारी दी है। सरकारी सूत्र ने कहा कि भारत सरकार, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग नियमों का पालन करने में विफल रहने के कारण पाकिस्तान को फिर से 'ग्रे लिस्ट में डालने के लिए FATF के सामने मजबूत केस रखेगा। FATF की साल में तीन बार (फरवरी, जून और अक्तूबर ) मीटिंग होती है। 2022 में FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया था 2018 में पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में रखा गया था। तब उसने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए एक एक्शन प्लान दिया था। इसके बाद 2022 में FATF ने पाकिस्तान को इस ग्रे लिस्ट से हटा दिया था। पाकिस्तान के लोन को अप्रूव कर सकता है वर्ल्ड ​​​​​​बैंक​ वहीं वर्ल्ड बैंक इस साल जून में पाकिस्तान के 20 बिलियन डॉलर के लोन पैकेज को अप्रूव कर सकता है। यह लोन पैकेज 'पाकिस्तान कंट्री पार्टनरशिप फ्रेमवर्क 2025-35' नाम के एक 10 साल के प्रोग्राम का हिस्सा है। इसका उद्देश्य सोशल इंडिकेटर्स में सुधार करना, बाल कुपोषण जैसे क्षेत्रों पर फोकस करना, लर्निंग पॉवर्टी, क्लाइमेट रीसाइलेन्स और निजी निवेश को बढ़ावा देना और फिस्कल स्पेस का विस्तार करना है। भारत ने पाकिस्तान के बेलआउट पैकेज का विरोध किया था भारत सरकार ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के 9 मई को पाकिस्तान को दिए गए 2.4 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का भी विरोध किया था। इसके बाद IMF ने बेलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने को लेकर पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रखी हैं। नई शर्तों में 17.6 ट्रिलियन रुपए के फेडरल बजट के लिए पार्लियामेंट्री अप्रूवल, बिजली बिलों पर हायर डेट सर्विसिंग सरचार्ज और पुरानी यूज कारों पर प्रतिबंध हटाना शामिल है। भारत ने पाकिस्तान के राहत पैकेज को लेकर IMF से संपर्क किया IMF की स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव, यदि जारी रहता है या और बिगड़ता है, तो प्रोग्राम के फिस्कल, एक्सटर्नल और रिफॉर्म गोल्स के लिए जोखिम बढ़ सकता है। सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने पाकिस्तान को राहत पैकेज देने को लेकर IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से संपर्क किया। सरकारी सूत्रों ने जॉर्जीवा से कहा कि भारत सरकार किसी भी देश को फंड देने के खिलाफ नहीं है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि बेलआउट युद्ध जैसी स्थिति के दौरान दिया गया है। पाकिस्तान ने फंड्स से आतंकवाद को बढ़ावा दिया IMF ने पाकिस्तान को 28 बार सहायता दी है, लेकिन इन फंड्स का इस्तेमाल उसने देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के बजाय हथियार खरीदने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया। इसके अलावा सरकार ने जर्मनी, इटली और फ्रांस के विदेश मंत्रियों के सामने भी पाकिस्तान को IMF की ओर से मिल रही सहायता का मुद्दा उठाया है। भारतीय दूतावास इस मुद्दे में मदद के लिए IMF के सभी समकक्षों से संपर्क कर रहे हैं। IMF ने पाकिस्तान को दिए गए अपने बेलआउट पैकेज का बचाव किया इस बीच IMF ने पाकिस्तान को दिए गए अपने बेलआउट पैकेज का बचाव किया है। IMF ने कहा कि पाकिस्तान ने सभी फंडिंग शर्तों को पूरा किया है, जिस वजह से इस पैकेज को मंजूरी दी गई है। 9 मई 2025 को जब इस पैकेज की मंजूरी को लेकर IMF की बोर्ड मीटिंग हो रही थी, तो भारत ने कर्ज देने पर आपत्ति जताई थी और वोटिंग में शामिल नहीं हुआ था। भारत ने कहा था- पैकेज पर दोबारा विचार होना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान इन पैसों का इस्तेमाल आतंक को बढ़ावा देने में कर सकता है। हालांकि, IMF ने इसे नहीं माना। IMF कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट की डायरेक्टर जूली कोजैक ने क्या कहा? बीटी टीवी से बात करते हुए IMF कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट की डायरेक्टर जूली कोजैक ने कहा, 'मैं आपको इसे समझने में मदद करने के लिए तीन जरूरी बातें बताना चाहती हूं। IMF की फाइनेंसिंग का उद्देश्य केवल बैलेंस ऑफ पेमेंट्स के मुद्दों को हल करना है। पाकिस्तान को सभी एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) डिस्बर्समेंट सीधे सेंट्रल बैंक रिजर्व में जाते हैं। इन फंड्स का यूज सरकारी बजट फाइनेंसिंग के लिए नहीं किया जाता है। केंद्रीय बैंक से सरकार को लोन देने की कोई सीमा नहीं है। प्रोग्राम में फिस्कल मैनेजमेंट को बेहतर बनाने के लिए स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स शामिल हैं।"

May 23, 2025 - 18:27
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भारत वर्ल्ड बैंक के सामने पाकिस्तान-फंडिंग का मुद्दा उठाएगा:सरकार ने कहा- पाकिस्तान को फिर FATF की ग्रे लिस्ट में लाएंगे
भारत जून 2025 में वर्ल्ड बैंक के साथ होने वाली मीटिंग में पाकिस्तान को फंडिंग दिए जाने के मुद्दे को उ
भारत वर्ल्ड बैंक के सामने पाकिस्तान-फंडिंग का मुद्दा उठाएगा: सरकार ने कहा- पाकिस्तान को फिर FATF की ग्रे लिस्ट में लाएंगे

भारत वर्ल्ड बैंक के सामने पाकिस्तान-फंडिंग का मुद्दा उठाएगा: सरकारी बयान

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भारत की सरकार ने घोषणा की है कि वह जून 2025 में वर्ल्ड बैंक के साथ होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक में पाकिस्तान को फंडिंग दिए जाने का मुद्दा उठाने जा रही है। इसी बैठक में भारत, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान को वापस डालने का मामला भी प्रस्तुत करेगा। यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी PTI को दी है।

पाकिस्तान को ताजा वित्तीय सहायता का मुद्दा

सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार FATF के समक्ष एक सशक्त मामला प्रस्तुत करने की तैयारी कर रही है। इसका उद्देश्य पाकिस्तान को एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के नियमों का पालन न करने के कारण ग्रे लिस्ट में वापस लाना है। FATF की मीटिंग साल में तीन बार (फरवरी, जून और अक्तूबर) आयोजित होती है, और 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटा दिया गया था। यह पहली बार था जब पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में 2018 में रखा गया था।

वर्ल्ड बैंक का लोन पैकेज

विश्व बैंक जून 2025 में पाकिस्तान के लिए 20 बिलियन डॉलर के लोन पैकेज को मंजूरी देने की तैयारी कर रहा है। यह लोन 'पाकिस्तान कंट्री पार्टनरशिप फ्रेमवर्क 2025-35' का हिस्सा होगा। यह प्रोग्राम विभिन्न सामाजिक परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन, और निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। भारत ने इस बेलआउट पैकेज का विरोध किया है, जिसके तहत भारत का मानना है कि पाकिस्तान इस धनराशि का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करेगा।

IMF की स्थिति

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) द्वारा पाकिस्तान को 9 मई को 2.4 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज मुहैया कराया गया था, जिसे भारत ने स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया था। IMF ने इस पैकेज की अगली किस्त जारी करने के लिए 11 नई शर्तें रखी हैं। इन शर्तों में 17.6 ट्रिलियन रुपए के फेडरल बजट के लिए संसद से अनुमति शामिल है। भारत ने IMF की प्रबंधकीय निदेशक से संपर्क कर पाकिस्तान को प्रदान की गई सहायता पर चिंता व्यक्त की है।

भारत का स्पष्ट दृष्टिकोण

भारत सरकार ने IMF की प्रबंधकीय निदेशक को स्पष्ट किया है कि वे किसी भी देश को फंड देने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन आंकड़ों का हवाला देकर बताया है कि बेलआउट पैकेज में उपयोग की गई धनराशि अक्सर आतंकवाद के लिए होती है। भारत खुद को और अन्य देशों को आश्वस्त करना चाहता है कि पाकिस्तान को दी गई कोई भी वित्तीय सहायता उसके लिए हानिकारक साबित हो सकती है।

निष्कर्ष

भारत का यह कदम न केवल देश की सुरक्षा को लेकर चिंता दर्शाता है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के समक्ष भी पाकिस्तान के वित्तीय व्यवहार का एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठा रहा है। आने वाले समय में FATF और वर्ल्ड बैंक की बैठकें इस मुद्दे पर उच्चतम प्राथमिकता के साथ चर्चा का विषय बनेंगी।

इस तरह, भारत ने अपने देश की सुरक्षा और वैश्विक स्थिरता को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया है। निस्संदेह, यह मुद्दा आने वाले दिनों में प्रतिष्ठान और सियासी माहौल में बड़ी भूमिका निभाएगा।

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